बास्केट टावर खास पहचान
जनकपुरी हाट में चार बास्केट टावर बनाये गये हैं। इन टावरों को आकर्षक स्वरूप देने और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए इन्हें ईंट के बजाय बांस से सुसज्जित किया जा रहा है। यहां पर करीबन सात हजार बांसों का उपयोग यहां किया गया है। ये बांस असम से विशेष तौर पर मंगाए गए हैं। यह सभी टावर तीन मंजिला है। इनकी ऊंचाई 8 मीटर है। इन टावरों में कैफेटेरिया, म्यूजिक सेंटर, लाइब्रेरी आदि शुरू किये जाने की योजना है।
एम्फिथिएटर और ऑडिटोरियम
इस हाट में एक ऑडिटोरियम बनाया गया है। जहां पर लगभग 800 लोगों के लिए बैठने का इंतजाम किया गया है। साथ ही 800 की क्षमता वाला एक एम्फिथिएटर का निर्माण भी किया जा रहा है। इसका मकसद यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने का है।
फूड स्टॉल भी होगा वातानुकूलित
आईएनए और पीतमपुरा के दिल्ली हाटों में गर्मियों में लोगों का आना कम हो जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए जनकपुरी हाट में सभी फूड स्टॉलों को वातानुकूलित बनाया जा रहा है। इनकी संख्या 46 है। साथ ही शिल्पकला को प्रदर्शित करने के लिए इस हाट में 100 क्राफ्ट की दुकानें भी तैयार की गई है।
नहीं होगी पार्किंग की समस्या
पार्किंग की समस्या से निपटने के लिए जनकपुरी दिल्ली हाट एंट्री गेट के पास ही पार्किंग के खास इंतजाम किये जा रहे हैं। यहां पर लगभग 500 वाहनों की पार्किंग सुगमता से हो सकेगी। जिसके चलते यहां आने वालों को पार्किंग की समस्या से दो-चार नहीं होना पड़ेगा।