अपने किरदार के साथ एंजाय कर रही हूँ : अपर्णा ताराकड

प्रेमबाबू शर्मा

यह मेरी लाईफ है, कैसी लागी लगन, कहीं किसी रोज और महिमा शनिदेव की (एपीसोडिक सीरियल) जैसे अनेकों धारावाहिकों में बहुरंगीय भूमिकाओं को जीवंत कर चुकी टीवी स्टार अपर्णा ताराकड इन दिनों धार्मिक धारावाहिकों के निर्माण में दक्ष सागर आर्टस के बैनर तले निर्मित धारावाहिक ‘जय जय बंजरगबली के द्वारा दर्शकों  के बीच है। केरल में जन्मी और पूना में पली अर्पणा ताराकंड का क्हा कहना है अपने इस धारावाहिक पर सुनते है उनकी ही जुबानी:-

अपने अब तक के एक्टिंग के सफर के बारे में बताए?
मैने माडलिंग से अपना करियर किया था। एक्टिंग की शुरूआत मैंने  छोटे परदे से की है। मेरा पहला धारावाहिक ‘लिपिस्टिक’ था।इसके बाद जीत, यह मेरी लाईफ है, कैसी लागी लगन, कहीं किसी रोज और महिमा निदेव की (एपीसोडिक सीरियल) जैसे धारावाहिक करके छोटे पर्दे पर एक अलग स्थान बनाया है। दर्शक आज मेरे किरदारों की चर्चा करते है।

‘जय जय बंजरगबली’ आपका पहला धार्मिक धारावाहिक है, क्या आप बहुत उत्साहित है?
जी हाँ । असल में धार्मिक धारावाहिक का एक अलग ही वर्ग होता है, लेकिन यह धारावाहिक इतना लोकप्रिय होगा इसकी उम्मीद नही। धारावाहिक की आपार लोकप्रियता को देखकर कही सुख की अनुभूति महसूस कर रही हूँ । इसमें मेरा किरदार माता अंजना का है। यह भूमिका बिल्कुल अलग है और मुझे इसको निभाने में बडा आंनद आ रहा है। मै बहुत उत्साहित हूँ  इस किरदार को निभाकर।

आपको यह रोल कैसे मिला?
जब मैने सागर आर्टस के धार्मिक धारावाहिक ‘महिमा शनिदेव की’ में एपीसोडिक रोल किया तब निर्माता शिव  सागर ने मेरी भूमिका को देखने के बाद मुझे ‘जय जय बंजरग बली’ में माता अंजना की महत्वपूर्ण भूमिका दे दी। मुझे मेरे काम करने का अच्छा खासा अवसर फिर से मिल गया।

इस धार्मिक धारावाहिक की कहानी और विशेषता बताएं ?
यह एक धार्मिक धारावाहिक है जिसमें भगवान हनुमान के जीवन का बाखूबी वर्णन है। जय जय बजरंग बली’ में श्री हनुमान की कहानी, उनके जन्म से शुरू  होकर श्रीराम से मिलन, रावण से युद्व, माता सीता की विमुक्ति से उनकी इस इच्छा तक कि जब तक श्रीराम का नाम लोग श्रद्धा पूर्वक लेते रहेगें, तब तक श्री हनुमान संसार में विचरण करते रहेगें। इसके सेटस, इसकी तकनीकी गुणवत्ता, कलाकरों का  अभिनय ही इसकी विशेशता है।

माता अंजना का किरदार आपके लिए कितना चुनौतीपूर्ण है?
यह एक लिहाज से चुनौतीपूर्ण है कि मुझे इस तरह का रोल पहली बार करना पडा है। इसके लिए मुझे अपनी माँ और उनके स्कूल के बच्चों से काफी प्रेरणा मिली और फिर एक अच्छी टीम के साथ भव्य सेटों पर काम करना भी चुनौतीपूर्ण है।

आपका व्यक्तित्व इस भूमिका से कितना मेल खाता है?
मै, काफी कुछ माता अंजना जैसी हूँ । सच कहूं तो शत प्रतिशत  में अपने किरदार से अलग नही हूं।

अपने सहयोगी कलाकारों  के साथ काम करके कैसा अनुभव कर रही है?
मेरे साथ निमय बाली है जो रावण की दमदार भूमिका में है। मारूति की भूमिका में बाल कलाकार राज मांगे है। सभी के साथ काम करके अच्छा लग रहा है। अन्य कलाकार भी सेट पर अच्छा सहयोग करते है।

आप आगे क्या कर रही है?
मैं फिलहाल ‘जय जय बंजरग बली’ में अपने कैरेक्टर को एंन्जाय कर रही हूँ । समय ही कहां मिलता है शूटिंग से,  एक महीने में पच्चीस दिन शूटिंग करनी पड़ती है।