अपने जमाने की मशहूर अदाकारा राखी ने बाद में फिल्मों में बतौर चरित्र अभिनेत्री काम किया। विद्या सिन्हा ने भी कई फिल्मों और धारावाहिकों में चरित्र अभिनय किया। मशहूर कलाकार भारत भूषण ने फिल्मों का निर्माण किया जिसके चलते वो आर्थिक तंगी में आ गए और स्वयं के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए उन्होंने कई फिल्मों में चरित्र अभिनय किया। जितेंद्र ने कुछ फिल्मों में चरित्र अभिनय किया। मौसमी चटर्जी, रेखा, विनोद खन्ना, कामिनी कौशल, अमृता सिंह, डिंपल कपाड़िया ने भी बड़े परदे पर बतौर चरित्र अभिनय काम किया।
बालीवुड की सिल्वर स्क्रिन ने अनेकों कलाकारों को लोकप्रिय बनाया और ना जाने कितनों अलविदा कह दिया। मुमंई में नाम कमाने के बाद भी ऐसे बहुत से सितारे है आज उनके पास काम नही है,लेकिन उन्हें पैसे के साथ ग्लैमर और पॉपुलरिटी चाहिए, और अपने चाहने वालों की नजरों में और दिलों में रहना है इसके लिए परदे पर दिखते रहना उनकी जरूरत के साथ मजबूरी भी है क्योंकि जहां काम मिलना बंद हो जाता है वहीं उनसे उनकी लोकप्रियता और उनका ग्लैमर भी छिने जाने का डर भी उन्हें सताने लगता है।
यही कारण है कि बहुत सारे कलाकार अब एक्टिंग की दुनिया में दूसरी पारी की शुरुआत कर चुके हैं या तो करने का मौका तलाश रहे हैं। कुछ कलाकार समय के साथ समझौता करते हुए बतौर चरित्र अभिनेता काम कर रहे हैं।
अभिनेत्री ने यह बातें मुम्बई में गोदरेज नेचर्स बास्केट स्टोर के उद्घाटन के मौके पर कही। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें मिठाइयां बहुत पसंद हैं।फिलहाल करिश्मा अपने वर्चस्व को बचाने के लिए एक लोकप्रिय रेडियो स्टेशन पर फैशन पर आधारित शो प्रस्तुत कर रही हैं। इसके अलावा वह वर्ष 1982 में आई फिल्म ‘सत्ते पे सत्ता’ के रिमेक में भी नजर आएंगी।
रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘‘सत्या’ में भीखू हात्रे के किरदार से करियर की शुरुआत करने वाले मनोज बाजपेयी भी इन दिनों खाली हैं और काम की तलाश कर रहे हैं। ‘‘सत्या’ में उनकी अदाकारी देखकर ऐसा लगा था कि वे थमने वालों में से नहीं हैं। लेकिन एकल या सोलो भूमिकाएं निभाने की ख्वाहिश में शायद वे पिछड़ते चले गए। इस समय मनोज भी काम की कमी से ही जूझ रहे हैं। वैसे मनोज बाजपेयी एक बेहतरीन कलाकर हैं। एक बेहतरीन कलाकार के लिए भी यदि बॉलीवुड में कोई काम नहीं है, तो इसे हिंदी सिनेमा का दुर्भाग्य ही कहेंगे।
राहुल रॉय ने तो अपने इंटरव्यू में कहा भी था कि ‘वो अच्छी स्क्रिप्ट की तलाश में हैं, स्क्रिप्ट हाथ लगते ही काम शुरू कर देंगे।’
इनमें से कुछ सितारे तो अपना होम प्रोडक्शन खोलकर फिल्में बना रहे हैं तो कुछ खुद की होम प्रोडक्शन में ही काम कर रहे हैं, तो कुछ ने साउथ और दूसरी भाषाओं की फिल्मों की तरफ अपना रुख कर लिया है। इमरान कहते हैं कि वो अपनी भूमिकाओं को लेकर चूजी हैं लेकिन साल 2015 में ‘‘कट्टी बट्टी‘‘ में दिखे थे। लेकिन फिलहाल कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। प्रिटी जिंटा लगभग सालभर पहले एक डांस रियलिटी शो में निर्णायक की भूमिका में दिखाई दी थीं और अब काम की तलाश में लगी हुई हैं। फिल्मों में मुख्य किरदार निभाने वाले बहुत सारे कलाकार अब बतौर चरित्र अभिनेता सिनेमा के परदे पर दिखाई दे रहे हैं। दरअसल सिनेमा की चकाचैंध रह रहकर सभी को अपनी ओर खींचती है। इसीलिए जहां कई सितारे अपनी आर्थिक तंगी के चलते काम की तलाश कर रहे हैं, तो वहीं कई सितारे अपनी पुरानी पहचान वापस पाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। जिन्हें परदे पर कोई काम नहीं मिल पा रहा है उन्होंने सिनेमा से जुड़े दूसरे काम शुरू कर दिए हैं। कोई मेकअप वैन को किराए देने का काम कर रहा है तो कोई कलाकारों को सुरक्षा दिलवा रहा है। कुछ ने तो अपने घर को शूटिंग के लिए किराए पर देना शुरू कर दिया है तो अमिषा पटेल, नीलम आदि कुछ कलाकार ज्वेलरी डिजाइनर बन गए हैं तो कुछ सितारे दूसरों के कपड़े डिजाइन कर रहे हैं। क्योंकि जिस तरह आम लोगों अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए पैसों की जरूरत होती है वैसे ही सितारों को भी धन की आवश्यकता होती है ताकि वो अपने जीवन की जरूरतों को पूरा कर सके और इसीलिए अपने अनुभव और पहचान का लाभ उठाते हुए काम कर रहे हैं। वैसे भी काम जब पूरी ईमानदारी और दिल से किया जाए तो सफलता मिलती ही है।