प्रेमबाबू शर्मा
सिंह इज किंग की अगली कडी ‘सिंह इज ब्लिंग’ के द्वारा एक बार फिर से अक्षय कुमार ने दर्शकों को हंसाने का प्रयास किया। फिल्म की कमियां नजर अंदाज कर मनोरंजन की दृष्टि से देखा जाए तो ही लुत्फ उठाया जा सकता है। प्रभु देवा द्वारा निर्देशित मुख्य भूमिका में अक्षय कुमार, एमी जैक्सन,लारा दत्ता,के के मेनन, अभिनीत , अश्विनी यार्डी व ग्रेजिंग गोट पिक्चर्स द्वारा निर्मित यह एक एक्शन कॉमेडी फिल्म है। यह फिल्म 2012 की फिल्म राउडी राठौर की सफलता के बाद निर्देशक प्रभु देवा के साथ अक्षय कुमार की वापसी है। ‘सिंह इज ब्लिंग’ फिल्म का आनंद के लिए उसकी बहुत सी कमियों को नजर अंदाज करना होगा।
रफ्तार सिंह परिवार में सबसे छोटा होने के साथ माॅ का लाडला है। वह सरल और बुद्धू है कि उसकी सामान्य हरकतों पर भी हंसी आती है। काम को अधूरा छोड़ना या काम पूरा करने में गलतियां करना उसकी आदत है। अपने भोलेपन में ही वह साहसी और ताकतवर भी है। अपने मूल्यों और पगड़ी की बात आने पर वह किसी से भी भिड़ सकता है।
संगीतकार मीत ब्रदर्स, साजिद-वाजिद ने कमाल की धुने बनाई है। फिल्म के कुछ गीतों में ‘टुंग टुंग बजे’ ‘मैं हूं सिंह, तू है कौर’और ‘माही आजाश् गाना मुंज मलिक, साशा ने गाया है, दिल को छूते है। फिल्म की एडिटिंग स्टीवन बर्नार्ड ने की है, और सिनेमैटोग्राफी भी ठीक ठाक है.
फिल्म की कहानी रफतार सिंह जो कि पंजाब में रहने वाला है,अपनी गलतियों के कारण उसे अक्सर डांट मिलती है। अपनी बेकूफयों के चलते उसके पिता अपने दोस्त के पास गोवा भेज देते है,जिसका केसिनो का व्ययसाय है। अगे्रजीं में अज्ञान रफतार सिंह को रोमानिया से आने वाली सारा को लेने गोवा एयरपोर्ट भेजा जाता है। सारा का मकसद अपनी बचपन में बिछडी माॅ को खोजना है। इस काम में मददगार बनते है,रफतार, लारा और उसके दोस्त। माॅ भी रहस्यमय ढंग से मिलती है। अब शुरू होता है। प्रतिशोध खेल जिसमें सारा हार जाती है,लेकिन रफतार बाजी का पासा ही पलट देता है। अंत में सारा और रफतार का मिलन हो जाता है।