एमटीवी ने युवा पीढ़ी की सोच जानने एवं बदलावों पर प्रकाश डालने के लिए व्यापक एवं गहन शोध करता है। इस साल एमटीवी अब तक का सबसे बड़ा युवा अध्ययन लाॅच कर रहा है, जो भारत के 50 शहरों में 11000 युवाओं तक पहुंचेगा। ‘एमटीवी मैनी मी प्रोजेक्ट’ नामक यह गहन शोध युवा जीवन के कई पक्षों- उनकी सोच, प्रेरणा, इच्छाओं एवं डर की खोज करेगा। इससे पूर्व में एमटीवी यूथ मार्केटिंग फोरम 2016 में प्रशंसकों की भारी भीड़ के बीच पेश किया गया था, जो युवाओं का अध्ययन करने वाली फ्लैगशिप इनसाईट ईवेंट है।
‘मैनी मी प्रोजेक्ट’ के बारे में, फेरजाद पालिया, हेड- यूथ एवं इंग्लिष एंटरटेनमेंट, वायकाॅम 18 ने कहा, ‘‘मैनी मी प्रोजेक्ट भारत के बदलते हुए एवं गतिशील युवाओं की झलक है। इसका शीर्षक बताता है कि आज के युवा अद्भुत रूप से बहुआयामी एवं बहु-प्रतिभा वाले हैं। उनके लिए मल्टीटास्किंग होना पर्याप्त नहीं है, वो मल्टीअचीवर्स होना चाहते हैं। युवाओं की दुनिया काफी तेजी से बदल रही है और इस बदलाव की गति समय के साथ दोगुनी हो रही है। युवाओं के संसार, एमटीवी पर हम इस बदलाव को ट्रैक करना चाहते हैं, क्योंकि आज युवा पहले से अधिक डाईनामिक हैं। इतना ही नहीं, वो हमें, अपने ब्रांड को भी डाईनामिक बनाना, हमेशा विकासशील एवं लेयर्ड रखना चाहते हैं। युवा मार्केटर्स को अत्याधुनिक कंटेंट के द्वारा युवाओं से मजबूत संबंध बनाने में मदद करने के लिए यह जानकारी बांटना मेरे लिए बहुत खुषी की बात है।’’
एमटीवी यूथ मार्केटिंग फोरम 2016 के बारे में सुधांषु वत्स, ग्रुप सीईओ, वायकाॅम 18 ने कहा, ‘‘कंटेंट पाॅवरहाउस के रूप में हमारे लिए अपने दर्शकों की रुचि समझना बहुत जरूरी है। इसलिए एमटीवी निरंतर युवाओं को समझने का प्रयास करता है कि वो क्या चाहते हैं एवं जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में क्या महसूस करते हैं। पिछले 10 सालों से एमटीवी निरंतर युवाओं के हर व्यवहार एवं मीडिया देखने की आदतों को समझने की कोशिश कर रहा है। एमटीवी पर हमारे हर काम का आधार ये आदतें एवं व्यवहार ही होते हैं। इस साल के अध्ययन- ‘एमटीवी मैनी मी प्रोजेक्ट’ ने इस हमेशा परिवर्तनशील जनसंख्या के जीवन एवं सोच के बारे में कुछ अद्भुत जानकारी पेष की है। मुझे विश्वास है कि एमटीवी यूथ मार्केटिंग फोरम 2016 से जुड़ा हर व्यक्ति अब हमेशा बदलते युवा को बेहतर तरीके से डिकोड कर सकेगा।’’