मेरे कर्मों में कमी रह सकती है मालिक लेकिन तेरी रहमतों में नही….
आपको गीत संगीत का शौक किस उम्र से पैदा हुआ
जी मैंने जब से होश संभाला यानि बचपन से ही मुझे संगीत से लगाव हो गया था.
इस क्षेत्र में आने में किस व्यक्ति की भूमिका अहम् रही
मेरे पिता श्री गौरी शंकर जी का ही अहम् योगदान है वे स्वयं संगीत निर्देशक है आज जो भी हूँ उन्ही का आशीर्वाद है
आपको सार्वजानिक रूप से बतौर गायिका की पहचान बनाने में किस समय पता चल गया था
मैं जब पांचवी कक्षा में थी तो मुझे स्कूल के अलावा आस-पड़ोस में भी बतौर गायिका की पहचान मिल गई थी. और मुझे बेहद ख़ुशी होती थी जब मेरे टीचर और पडोसी भी मुझे उस समय छोटी सी उम्र में ही सिंगर कह कर पुकारने लगे थे
मुझे आशिकाना-प्यार भरे गीत एवं धार्मिक गीतों को गाना बहुत अच्छा लगता है
आपका सबसे पसंदीदा गायक कौन है
नुसरत अली खान साहेब मेरे फेवरट सिंगर हैं मैं उनकी आवाज की दीवानी हूँ मुझे पंजाबी गायिकी में ऊँचा मक़ाम हासिल करने वाले दलेर मेहँदी जी, मशहूर गजल गायक ग़ुलाम अली साहेब की गायिकी बहुत अच्छी लगती है. वैसे मुझे पाकिस्तीनी गायिका नसीबा लाल भी बेहद पसंद है.
आपने अपनी कोई एलबम भी लाँच की है
रब्ब दी कृपया है जी. अभी तक मेरी दो धार्मिक एवं एक सूफियाना पर कुल तीन एलबम रिलीज हो चुकी हैं
आप भविष्य में किस तरह के गीत गाने को प्राथमिकता देना पसंद करेंगी
मुझे प्यार भरे गीत बहुत पसंद है मैं आशिकाना-सूफियाना में ही अपने आपको स्थापित करना चाहती हूँ
आप आशिकाना-सूफियाना गीतों के अलावा कुछ और भी गायिकी में नया करने की इच्छा रखती हैं क्या?
जी मुझे यदि मौका मिला तो मैं वेस्टर्न (पश्चिमी) एवं अरबिक में भी कुछ अच्छा गाने की दिल में इच्छा है
गीत संगीत के रियाज़ के लिए कितना समय रोजाना देती हैं
मैं रोजाना तीन-चार घंटे अच्छे गीत सुनने में लगाती हूँ जिससे मुझे और अच्छा गाने के लिए उर्जाशक्ति मिलती है
गीत संगीत की दुनिया के अलावा आपके क्या शौक हैं
मुझे अच्छे गीत सुनने के अलावा, अच्छा खाना खाने, घुमने फिरने तथा बेडमिन्टन खेलने का शौक है.