पार्क कि पहले कि स्थिति
पार्क में केवल कूड़ा , मलबा , गोबर , कटीली झाडिया व आस पास रहने लोग जिनके घरो में शोचालय नहीं हैं वे सब इसी जगह शोच करते थे . Social Development Welfare Society (Regd.NGO) द्वारा अपनी पर्यावरण हितैसी योजना Go Green के अंतर्गत इस पार्क के विकास का कार्य दिनाक 14.7.2010 से शुरू किया गया .
पार्क में केवल कूड़ा , मलबा , गोबर , कटीली झाडिया व आस पास रहने लोग जिनके घरो में शोचालय नहीं हैं वे सब इसी जगह शोच करते थे . Social Development Welfare Society (Regd.NGO) द्वारा अपनी पर्यावरण हितैसी योजना Go Green के अंतर्गत इस पार्क के विकास का कार्य दिनाक 14.7.2010 से शुरू किया गया .
पार्क की दिनांक 10.7.2010 को स्थिति
पार्क का क्षेत्रफल लगभग एक एकड़ है। चारदिवारी हो रखी है लेकिन 7 जगह से बिलकुल टुटी हुई है। पार्क में कुड़ा-करकट, मकानो से निकला मलबा व कबाड़ भरा हुआ है। इस पार्क को लोगो ने मलबे व कुड़े का डंपिग केन्द्र बना रखा है। आस-पास के जिन मकानो में शोचालय की व्यवस्था नहीं वह इसी पार्क में शोच करते है। पूरा दिन जानवरो का जमघट लगा रहता है जिससे गोबर, कुड़े व शोच आदि की बदबु से बुरा हाल है। बारिश के मौसम में यहाँ पानी जमा हो जाता है और मच्छरो का प्रकोप बढ़ जाता है। जिससे आस-पास रहने वाले लोगो को बहुत कठिनाई हो रही है।
पार्क में पेड़ो कि स्थिति
पार्क में केवल एक कीकर का पेड़ लगा है। इसके अलावा यहाँ कोई भी पेड़ नही है। दीमक यहाँ बहुत ज्यादा है। जगह-जगह छोटी-छोटी कंटिली झाड़ियाँ उगी हुई है।
पार्क में बिजली व पानी की स्थिति
डी.डी.ए द्वारा लगभग 7-8 साल पहले पानी का बोर वैल लगाया गया था लेकिन पानी का स्त्रोत काफी गहरा होने के कारण और बोर वैल की गहराई कम होने के कारण यह बेकार हो गया है। डी.डी.ए अधिकारियों के मुताबिक यह रिपेयर नहीं हो सकता यहाँ कम से कम 300 फुट गहरा नया बोर करना पड़ेगा।बिजली का कनेक्षन हो रखा है मीटर भी लगा हुआ है। लेकिन वायर टुटी हुई है।
डी.डी.ए द्वारा लगभग 7-8 साल पहले पानी का बोर वैल लगाया गया था लेकिन पानी का स्त्रोत काफी गहरा होने के कारण और बोर वैल की गहराई कम होने के कारण यह बेकार हो गया है। डी.डी.ए अधिकारियों के मुताबिक यह रिपेयर नहीं हो सकता यहाँ कम से कम 300 फुट गहरा नया बोर करना पड़ेगा।बिजली का कनेक्षन हो रखा है मीटर भी लगा हुआ है। लेकिन वायर टुटी हुई है।
सबसे पहले जे.सी.बी. मषीन द्वारा पार्क का मलबा हटाया गया। झाड़ियाँ निकाली गई। बड़े पत्थर पार्क में तीन जगह लैंड स्केपिंग के लिए एकत्र किए गए। पार्क का लेवल करवाया गया। योजना के अनुसार बड़े पेडों के लिए गड्ढे खोदे गए। मिट्टि डलवाई गई। टुटी हुई जगहो में तार व झाड़ियों आदि से रोक लगाई गई। लैंड स्केपिंग के लिए एकत्र किए गए पत्थरो पर मिट्टि डाली गई। पार्क का लेवल व सफाई की गयी।
दिनांक 21.7.2010 को पार्क का विधिवत शुभारंम्भ किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित क्षेत्रिय निगम पार्षद श्री विजय पंडित जी, BSES के सिनियर मैनेजर श्री एस.एस. राणा, डी.डी.ए उद्यान विभाग एस. ओ. श्री रविन्द्र सिंह जी, श्री रतन लाल कौषिक जी, सदस्य कोर कमेटी भागीदारी जिला दक्षिण-पश्चिम, श्री के.के सिंह, मुख्य सलाहकार पर्यावरण विभाग दिल्ली सरकार व संस्था पदाधिकारी, सदस्य, सहयोगी तथा क्षेत्रिय निवासियों ने मिलकर पार्क में बरगद का पेड़ लगाकर पार्क के विकास की योजना का षुभारम्भ किया। श्री के.के.सिंह जी ने पार्क के विकास के लिए दिल्ली पार्क एण्ड गार्डन सोसाईटी द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता की पहली किस्त चैक संस्था अध्यक्ष श्री नरेश लाम्बा जी को दिया व क्षेत्र में हरियाली विकसित करने तथा पार्क के विकास की लाभकारी योजना पर कार्य षुरु करने की बधाईयाँ दी।
संस्था द्वारा समय-समय पर स्वंय सेवको व मजदूरो की सहायता से पार्क की साफ-सफाई, पौधा रोपण और घास की कटाई ईत्यादि नियमित रुप से कराई जा रही है। पार्क में दीमक बहुत ज्यादा है, समय-समय पर दीमक की दवाईयों का छिड़काव किया जाता है। बारिश के जमा हुए पानी में एंटी मच्छर दवाई डाली गई है।
पेड़ों के लिए खाद मंगवाई गई तथा पार्क की साफ-सफाई की गई और पार्क की का दोबारा लेवल कराने का कार्य शुरू किया गया। पार्क सिमेंट के बैंच बनवाए गए। घुमने के लिए ट्रक (पगडंडी) बनावाई गयी।
और संस्था कि मेहनत रंग लायी पार्क में फूल खिल उठे
क्यों बदल गयी न पार्क की तस्वीर अब यकीन हुआ
Naresh Lamba – 9891550792