माँ तो बस माँ होती है

खाली समय था तो सोचा एफएम ही सुन लिया जाये। कोई चुटकुला आ रहा था शायद। रेडियो जॉकि कह रहा था, ” एक बच्चे से किसी ने पूछा तुम्हारी माँ का क्या नाम हैं। उसने तपाक से कहा माँ” । रेडिओ जॉकि ने ठहाका लगाकर कहा बेचारा बच्चा माँ का नाम तक नही जानता। उसकी आवाज़ में उपहास था। खिल्ली उडा रहा हो जैसे। मुझे तनिक भी हंसी नही आई। बल्कि मै तो सोच में पड़ गयी कि आखिर उस बालक ने गलत ही क्या कहा। माँ का कोई नाम थोड़े होता हैं। माँ तो माँ होती हैं। क्या कोई और नाम माँ नाम से ज्यादा सौभाग्यपूर्ण या गर्वपूर्ण हो सकता हैं? कदापि नही। और ना ही किसी संतान को माँ का नाम लेने में कोई सुख प्राप्त हो सकता है। माँ को आनन्द मिलेगा नाम सुनकर ये तो सोचना भी व्यर्थ है। माँ नाम तो स्वयम में संपूर्ण है , विशाल व् अनन्त । इस नाम से तो प्रत्येक स्त्री स्वयं को पुकारे जाने के स्वप्न संजोती है। इच्छित रहती है वो ये नाम सुनने को। इसे अपनी पहचान बनाने के लिए। उसके कान आतुर रहते है इन शब्दों को स्वयम में घोलने के लिए। एक बालक के लिए उसकी जननी की पहचान ही इस शब्द, इसी नाम से है “माँ”। कहने व् सुनने में कितना निश्छल है ये नाम। सरल व सार्थक। कानों में मिश्री घोलता और उच्चारण में मिठास। अनेकों उदाहरण देखे है मैंने जब एक स्त्री ने अपनी वास्तविक पहचान को, जन्म के नाम को, इस पहचान के समक्ष तुच्छ समझा है। बड़े ऊँचे पदों पर आसीन स्त्रियां भी इस नाम के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर देती हैं।

जैसे माँ का कोई नाम नही होता वैसे ही उसका कोई रंग-रूप, कद-काठी भी नही होती। एक पत्नी साँवली हो सकती है, एक बहन मोटी या ठिगनी हो सकती है, एक भाभी भद्दी हो सकती है पर एक माँ तो सदैव सुन्दर ही होती है। कभी सुना है क्या आपने किसी को कहते हुए कि मेरी माँ काली या बदसूरत है? नहीं ना। माँ का रूप- रंग सदैव दैवीय ही होता है। सुन्दर व् अलौकिक। एक स्त्री अबला असहाय हो सकती है परंतु एक माँ तो सदैव शक्तिशाली ही होती है। अदम्य साहस होता है उसमे। रोग व् दुःख के क्षणों में भी संतान को भोजन देने वाली अन्नपूर्णा होती है वो। और हां इतना ही नही उसकी कोई आयु भी नही होती। उसे जवानी या बुढ़ापे की सीमाओ में बांधना बेवकूफी है। वह आयु के प्रत्येक पड़ाव पर एकसमान ऊर्जा से ओतप्रोत रहती है। संतान के लिए समर्पित एक महाशक्ति। माँ तो बस माँ होती हैं। वो तो हमेशा सर्वप्रिय व् सर्वोत्तम होती है।

प्रिया जिंदल
बी.एड. छात्रा, इग्नू

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