पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को 88वीं जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित

वर्ष २०१५ को शुरू हुआ था ‘राजस्थानी एकता’ का आह्वान, जिले को सफलता इस वर्ष देखने को मिलेगी, मुंबई के अंधेरी में स्थित लोखंडवाला में आयोजित २२-२४ मार्च २०१९ को भव्यातिभव्य राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘आपणों राजस्थान’ में… आयोजित ‘आपणों राजस्थान’ कार्यक्रम में इस वर्ष करीब २०० राजस्थानी समाज के पदाधिकारी व सदस्य भाग लेगें, उद्देश्य एकमात्र राजस्थान के ३६ कौमों के सदस्यों को एकमंच लाना, समन्वय-स्नेह-प्यार व व्यापार बढाना, इसके लिए राजस्थानी प्रवासियों का स्नेह व सहयोग भी प्राप्त हो रहा है, कार्यक्रम में पधारने हेतु कश्मीर से कन्याकुमारी, अंडमान निकोबार से गौहाटी आसाम तक पैâले राजस्थानी प्रवासी को आमंत्रण भी भेजे जा रहे हैं।

आदर्श ग्रामीण समाज, दि ऑर्ट ऑफ गिविंग फॉउंडेशन चेरिटेबल ट्रस्ट, सर्वेंट ऑफ हृयूमनिटी, नेशनल चाइल्ड एंड वूमन डवलपमेंट चेरिटेबल ट्रस्ट, नेशनल मीडिया नेटवर्क एवं अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में आज संघ के उत्तर पश्चिमी दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-36 स्थित मुख्यालय बरवाला में संघ के राष्ट्रीय महासचिव दयानंद वत्स की अध्यक्षता में पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहेब की 88वीं जयंती पूर्ण सादगी और श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। श्री वत्स ने कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्री कलाम साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री दयानंद वत्स ने कहा  कि कलाम साहब ने डीआरडीओ और इसरो में अपने कार्यकाल के दौरान भारत को मिसाइल तकनीक और अंतरिक्ष विकास के क्षेत्र में जो सफलता अर्जित की उससे भारत के तकनीकी कौशल का लोहा समूचे विश्व ने माना।  भारत में  उनके द्वारा शांति पूर्ण उद्देश्यों के लिए किए गए परमाणु परीक्षणों में उनकी प्रमुख भूमिका ने उन्हें भारत सहित विश्व पटल पर सबका चहेता बना दिया। बैलेस्टिक मिसाइल तकनीकी विकास के बाद वे मिसाइलमैन के नाम से प्रसिद्ध हुए। श्री वत्स ने कहा कि उनका एक ही सपना था कि भारत विजन 2020 तक विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करे। बच्चों से उन्हें खासा लगाव था ओर  उन्होनें शिक्षण कार्य राष्ट्रपति बनने के बाद भी जारी रखा। श्री वत्स ने कहा कि स्वर्गीय डॉ. कलाम सादगी की प्रतिमूर्ति थे। उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व प्रेरणादायीहै। वे भारत की युवा पीढी को विज्ञान ओर तकनीकी के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बनाने के लिए सदैव प्रोत्साहित करते रहते थे।