अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी फिल्मों को कांस फिल्म फैस्टिवल में पालमे डि ओर अवार्ड पहली बार फिल्म नीचा नगर (1946) से मान्यता एवं सम्मान दिलाने वाले सुप्रसिद्ध फिल्म निर्देशक स्वर्गीय श्री चेतन आनंद की 98वीं जयंती आज नेशनल मीडिया नेटवर्क और अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ के तत्वावधान में संघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं नेशनल मीडिया नेटवर्क के संस्थापक प्रधान संपादक दयानंद वत्स की अध्यक्षता में संघ के मुख्यालय बरवाला में सादगी और.श्रद्धा पूर्वक मनाई गयी।
वत्स ने श्री चेतन आनंद के चित्र पर पर माल्यार्पण कर उनके करोडों प्रशंसकों की और से अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने संबोधन में दयानंद वत्स ने कहा कि चेतन आनंद बहुआयामी प्रतिभा के धनी फिल्म निर्देशक थे। उन्होने हकीकत, हीर रांझा, हिंदुस्तान की कसम, हंसते जख्म, कुदरत, अफसर, टैक्सी ड्राइवर, काला बाजार, आंधियां जानेमन सहित अनेकों यादगार फिल्में दी।.देव आनंद उनके छोटे भाई थे।
देश के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना उनकी ही खोज थे। आखिरी खत फिल्म में सबसे पहले चेतन आनंद ने राजेश खन्ना को पहला ब्रेक दिया था। पहले चेतन आनंद ने देव आनंद के साथ नवकेतन बैनर की स्थापना की और कई अविस्मरणीय फिल्मों का निर्माण किया।बाद में उन्होनें हिमालय नाम से नया बैनर बनाया। हकीकत फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार मिला। उनकी पहली ही फिल्म नीचा नगर को कांस फिल्म फैस्टिवल में पालमे डि ओर अवार्ड से सम्मानित किया गया और चेतन आनंद पहले ऐसे भारतीय हिंदी फिल्म निर्देशक बने जिनकी पहली ही फिल्म ने 1946 में कांस में अंतरराष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारत को दिलाया।