ग्रामीण इलाकों के पत्रकारों का उत्पीड़न चिंता का विषय : के.पी मलिक

सहारनपुर (अशोक कुमार निर्भय) ।  

उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर के गांधी पार्क में ‘ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन’ के 32वें प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से हज़ारों की संख्या में पत्रकार पहुंचे, कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए दैनिक भास्कर के राजनीतिक संपादक और प्रेस एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारिणी सदस्य के.पी मलिक ने कहा कि आज समाज में ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं पर ध्यान न देकर सिर्फ़ बड़े शहरों और राजधानी की खबरें ही मुख्यतः प्रकाशित की जा रही है। और ग्रामीण पत्रकारों को बहुत सम्मान नही जा रहा है, जो कि पत्रकारिता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण एवं गम्भीरता का विषय है। मेरा मानना है कि ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों को किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाने की आवश्यकता है। एक प्रकार से अधिकांश पत्रकार इन लोगों की समस्याओं से बेरूखी रखते हैं। उनके प्रज्वलंत मुद्दे न उठने के कारण ये लोग बहुत सी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। जबकि देशहित मे इनका सहयोग किसी से कम नहीं है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि छोटे शहरों और कस्बों के ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले पत्रकारों का लगातार उत्पीड़न हो रहा है। पत्रकारों के पत्रकारों के उत्पीड़न को रोकने के लिए सब को एकजुट होने की आवश्यकता है। अगर पत्रकार एक नही होंगे तो बात नहीं बनेगी।

उन्होंने कहा कि पत्रकारों में एकजुटता ना होने के तमाम उदाहरण पिछले दिनों देखे गए हैं। उत्तर प्रदेश में कई पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज किये गए। लगभग 6 पत्रकारों की हत्या इसलिए कर दी गई है क्योंकि उन्होंने कुछ इस प्रकार की खबरें प्रकाशित करने या चैनलों पर दिखाने की हिम्मत की थी जो लोग उन खबरों को बाहर नहीं आने देना चाहते थे जैसे कि खनन आदि की खबरें। 
 इस कार्यक्रम में पदम् विभूषण योगाचार्य श्री भारत भूषण जी,राज्यसभा चैनल के संपादक श्री अरविंद सिंह और जनपद के जिलाधिकारी श्री अजय कुमार पांडे,जिला सूचना अधिकारी आदि ने भी अपने विचार रखे। इस कार्यक्रम में पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले पत्रकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।