Life is incomplete without Literature says C M Lal Babu Raut


(An exclusive report by S.S.Dogra of Nepal-India Literature Festival-2018)

साहित्य के बिना जीवन अधूरा है, साहित्य से ही हमें ताकत प्राप्त होती है.- मुख्यमंत्री लालबाबू राउत

(नेपाल से एस.एस.डोगरा द्वारा विशेष रिपोर्ट एवं छाया)

नेपाल-भारत सहयोग मंच-बीरगंज, क्रांतिधरा साहित्य अकादमी मेरठ-भारत, हिमालिनी पत्रिका (नेपाल), हैटोंडा अकादमी एवं भारतीय राज दूतावास के संयुक्त तत्वावधान में (11 से 13 अगस्त 2018) त्रिदिवसीय नेपाल भारत साहित्य महोत्सव 2018 का बीरगंज नेपाल में आयोजित हुआ. जिसमें भारत के विभिन्न प्रान्तों से लगभग अस्सी साहित्यकारों, कवियों, लेखकों, शिक्षाविदों, समाजसेवियों, पत्रकारों, कलाकारों ने शिरकत की.

महोत्सव का उद्घाटन उक्त साहित्य महोत्सव के मुख्यातिथि- मुख्यमंत्री लालबाबू राउत ने व्रक्षारोपण करके किया। मेरठ ग्रीन केयर सोसायटी के अध्यक्ष विजय पण्डित के संयोजन व नेपाल भारत सहयोग मंच के अध्यक्ष अशोक वैद्य की अध्यक्षता मे महोत्सव की शुरुआत दोनो देशो के राष्ट्रगान से हुई। नेपाल का राष्ट्रगान श्रीमती अनीता आर्यन और भारतीय राष्ट्रीय गीत गाने का सौभाग्य कोलकता की श्रीमती उषा शा को मिला। इसी सत्र में नेपाल भारत सहयोग मंच-ग्रीन केयर सोसाइटी-भारत-हिमालिनी मासिक पत्रिका के सामूहिक प्रयासों द्वारा प्रकाशित नेपाल भारत साहित्य यात्रा-2018 का मुख्यातिथि ने विमोचन भी किया.
नेपाल भारत साहित्य महोत्सव 2018 के मुख्यातिथि- मुख्यमंत्री लालबाबू राउत ने अपने संबोधन में कहा “साहित्य के बिना जीवन अधूरा है, साहित्य पढने वाले लोग कभी बूढ़े नहीं होते हैं. यह आयोजन हम सबके लिए प्रेरणाश्रोत है. मैं स्वंय साहित्य प्रेमी हूँ, मैंने शेक्सपियर, तुलसीदास, प्रेमचंद, नोवल पुरुस्कार विजेगा गीतांजलि के रचियता रविन्द्रनाथ टैगौर को भी पढ़ा है. वैसे भी साहित्य की कोई सीमा नहीं होती है और साहित्य हमें ताकत प्रदान करता है. साहित्य जीवन को ख़ुशी बनाने के लिए बहुत जरुरी है. नेपाल-भारत अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव जैसे आयोजन समय समय पर भारत और नेपाल में होते रहने चाहिए. साहित्य को देश और संस्कृति का दर्पण है, अंग्रेजी का प्रभुत्व चिंता का विषय है. इस तरह के साहित्यिक आयोजन से दोनों देशों के बीच भाषा और संस्कृति को समझने का मौका मिलेगा और आपसी सम्बन्ध भी अच्छे बनेगे. जो काम दोनो देशो की सरकारो को करना चाहिए वह काम दोनो देशो के कलमकारों/साहित्यकारों ने कर दिखाया है.”

इस साहित्य महोत्सव के दौरान, नेपाली और हिंदी भाषाओँ में साहित्यिक चर्चाएँ, मुख्यातिथि मुख्यमंत्री लालबाबू राउत द्वारा भारत के वरिष्ठतम साहित्यकार डॉ.योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ तथा भारतीय दल के प्रमुख- क्रांतिधरा साहित्य अकादमी के संस्थापक डॉ.विजय पंडित को विशेष रूप से सम्मानित करना, दोनों ही देशों के अनेक लेखकों एवं कवियों की किताबों का विमोचन, झारखण्ड से विशेष रूप से आमंत्रित वरिष्ठ रंगमंचकर्मी दिनकर शर्मा की शानदार नाट्य प्रस्तुति “लेफ्ट राईट लेफ्ट”, कवियों एवं शायरों द्वारा अपनी-अपनी रचनाएँ प्रस्तुति तथा नेपाली-भारतीय साहित्यकारों को सम्मानित करना विशेष आकर्षण का केंद्र बना.
डॉ. विजय पंडित द्वारा जारी सूची अनुसार वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’-रूडकी, उपन्यासकार-संजय हांडा-हरिद्वार, साहित्यकार डॉ. सरिता अग्रवाल-हरिद्वार, अधिवक्ता-पत्रकार-गोपाल नारसन-रूडकी, मशहूर शायर- दिलदार देहलवी-दिल्ली, कवियत्री- डॉ.सरोजनी तन्हा-मेरठ, साहित्यकार-डॉ.उषा शा-कोलकाता, कुंवर वीरसिंह मार्तण्ड-कोलकाता, कवि ,कथाकार, हाइकुकार डॉ.राजीव पाण्डेय-गाज़ियाबाद, पर्यावरणविद्द-समाजसेवी हरमनप्रीत सिंह-सरहिंद-पंजाब, कवि-बिशन सागर-जालन्धर-पंजाब, युवा गीतकार-कवि नितीश राजपूत-मेरठ, वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रणाम पर्यटन-राष्ट्रीय पत्रिका के संस्थापक संपादक प्रदीप श्रीवास्तव-लखनऊ, मशहूर रंगमंचकर्मी दिनकर शर्मा-झारखण्ड, आशीषराज सिंघानिया-छत्तीसगढ़, राजेन्द्र शर्मा-जयपुर-राजस्थान, डॉ.(प्रो.) सुधारानी सिंह-मेरठ, लेखक विष्णु भंडारी, कवि सागर सपकता, डॉ.विजय सिंह-मेरठ, गोपाल भारतीय-चंपारण, विनोद-विश्वनाथ-असम, डॉ.मीनाक्षी सक्सेना-गाज़ियाबाद, अनिल मिश्रा-हजारीबाग, डॉ.शिखा कौशिक ‘नूतन’-कांधला-शामली, उत्तर प्रदेश, मोहन लाल गर्ग-फरीदाबाद-हरियाणा, कवि द्वारिका प्रसाद पारासर-भरतपुर-राजस्थान, वरिष्ठ साहित्यकार-राजकुमार जैन ‘राजन’-अंकोला, डॉ.अशोक सोनी-भीलवाड़ा, गीतकार-डॉ.सुमन सोनी-भीलवाड़ा, कवियत्री डॉ.मीनाक्षी शर्मा-मेरठ, वरिष्ठ कवि-सुरेन्द्र ‘हमसफ़र’-उज्जैन, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.ब्रह्मानन्द तिवारी-मैनपुरी, युवा कवि सूर्य करण सोनी ‘सरोज’- करजी बाँसवाड़ा-राजस्थान, कवि अमन तिवारी “अवधूत”-मैनपुरी, वरिष्ठ कवियत्री-गीतकार सुरेखा कादियान ‘सृजना’ करनाल-हरियाणा, साहित्यकार निशा नंदिनी-तिनसुखिया, लेखिका डॉ.चन्द्रकान्ता शिवाल-दिल्ली, डायलाग राइटर मुदित बंसल-मेरठ, सरोज शर्मा-कुरुक्षेत्र, सारांश गौतम-जबलपुर, अखिलेश कुमार सिन्हा-लखनऊ, लेखक-कवि डॉ.चन्द्रेश्वर यादव-सिधार्थनगर, उत्तरप्रदेश, कवि सुनील कुमार वर्मा ‘मुसाफ़िर’-इंदौर, लक्ष्मीकांत पंडित-इंदौर, साहित्यकार-दीपक गोस्वामी ‘चिराग’ बहजोई, कवि सत्यवीर सिंह ‘उजाला’ बहजोई, कवि राजेश यादव ‘तन्हा’ रामपुर, डॉ.वर्षा, डॉ.देव नारायण शर्मा, डॉ.अतिराज सिंह, वरिष्ठ पत्रकार-लेखक एस.एस.डोगरा-दिल्ली ने हैटोंडा तथा बीरगंज, नेपाल-भारत साहित्य महोत्सव में भारत का प्रतिनिधित्व किया. स्थानीय मेजबानी में भारत नेपाल महोत्सव के अध्यक्ष अशोक वैद जी, वरिष्ठ साहित्यकार गणेश प्रसाद लाठ जी, हिमालिनी पत्रिका के संस्थापक डॉ सच्चिदानंद मिश्र जी, सम्पादक डॉ श्वेता दीप्ती , नेपाल उर्दू अकादमी के अध्यक्ष इम्तियाज अली, हैटोंडा अकादमी (नेपाल) के अध्यक्ष अरुण राज सुमार्गी, अंकिता सुमार्गी, अनिता नेपाल, नेपाली भाषा की कवियत्री अनीता आर्यन , शिक्षाविद सुबास खनल सहित इस महोत्सव में दोनों देशों के सैकड़ों साहित्यकार शामिल हुए।इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य नेपाल भारत साहित्य सांस्कृतिक, सम्बन्धों को और अधिक मजबूती प्रदान करना था। सफल आयोजन के उपरांत, यह भव्य भारत नेपाल महोत्सव-अपनी अंतरार्ष्ट्रीय पहचान बनाने में कामयाब रहा. पुरे कार्यक्रम का मंच संचालन नेपाल के निमेश निखिल तथा भारत के डॉ. विजय पंडित ने बेहतरीन ढंग से किया.

भारतीय दल का नेत्रत्व कर रहे, क्रांतिधरा साहित्य अकादमी मेरठ-भारत के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. विजय पंडित एवं ग्रीन केयर सोसाइटी के सचिव मधुर शर्मा अनुसार उपरोक्त कथित लगभग अस्सी भारतीय साहित्यकारों, कवियों, लेखकों, शिक्षाविदों, समाजसेवियों, पत्रकारों, कलाकारों को विशेष रूप से साहित्य, कला, शिक्षा एवं समाजसेवा में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए भव्य मंच पर सार्वजानिक रूप से सम्मानित भी किया.