12 फरवरी, 2019: नॉएडा, उत्तर प्रदेश: मारवाह स्टूडियो में तीन- दिवसीय सातवें वैश्विक पत्रकारिता उत्सव के पहले ही दिन मीडिया वर्कशॉप गुरु एस.एस. डोगरा ने उक्त कॉलेज के लगभग पचास मीडिया विधार्थियों को सफल मीडियाकर्मी बनने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण टिप्स सिखाए. अपने संबोधन में डोगरा ने उपस्थित विधार्थियो को “पत्रकारिता एवं आध्यात्म” विषय पर केन्द्रित कार्यशाला में अनेक उपयोगी तौर तरीकों पर प्रकाश डाला. डोगरा ने अपनी मीडिया विषय पर लिखित किताब “मीडिया कैन डू वंडर्स इन स्टूडेंट्स लाइफ” का भी जिक्र किया जिसको पढ़कर सैकड़ों मीडिया विधार्थियों को लाभ पहुंचा. अपनी किताब के संदर्भ से निम्न कथन को मीडिया से जोड़ते कहा कि “आप जहाँ पर भी जाते हैं वहां खबर है लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप उस खबर को किस तरह देखते-समझते एवं प्रस्तुत करते हैं.
एक हफ्ते या पंद्रह दिन में एकबार अच्छी फिल्म अवश्य देखनी चाहिए और वो भी सिनेमा हाल में देखें क्योंकि यूट्यूब पर कई बार फिल्म के अनेक महत्वपूर्ण सीन नहीं दिखाए जाते हैं. महान व्यक्तियों की आत्मकथाएँ समय-समय पर जरुर पढनी चाहिए. समाचार-पत्र में प्रकाशित सम्पादकीय पेज पर अनमोल वचन तथा प्रेरक लेखों को अवश्य पढना चाहिए जिससे किसी भी विधार्थी को कोई भी अपनी भाषा पर अच्छी पकड़ बनाने में सहायता मिलती है. अच्छा साहित्य पढने की आदत अवश्य डालनी चाहिए. रंगमंच में भी रूचि विकसित करनी चाहिए जो हमें इस मीडिया अथवा कला की दुनिया में अच्छा करने में सहायक साबित हो सकते हैं. इस अनोखी मीडिया कार्यशाला के दौरान उपस्थित छात्र-छात्राओं ने मीडिया एवं जीवन शैली संबधी कुछ प्रश्न भी पूछे जिन्हें मीडिया वर्कशॉप गुरु एस.एस.डोगरा ने चिर-परिचित अंदाज से तार्किक अंदाज से संतोषजनक जबाब भी दिए.
अपनी मीडिया कार्यशाला में डोगरा ने विधार्थियों को सुबह जल्दी उठने, रेडियो पर प्रसारित आध्यात्म कार्यक्रम सुनने, प्रेरक किताबें, समाचार पत्र एवं पत्रिकाएँ पढने, सुबह-सुबह नियमित रूप से कसरत करने अथवा सैर अथवा खेलने पर बल दिया. सोशल मीडिया का भी सदुपयोग करने तथा समय एवं उर्जा का सही करने वाले अनेक टिप्स सिखाए. इसी कड़ी में बच्चों को गुरुमंत्र बताते हुए कहा कि विशेषतौर पर रफ एंड टफ जीवन शैली अपनाकर आप ज्यादा बेहतर कर सकते हैं. डोगरा का दावा है कि यदि विधार्थी उपरोक्त सुझाए फार्मूलों को अपनी जीवन शैली में उतार लें तो मीडिया के क्षेत्र में चमकने से कोई रोक ही सकता है. लेकिन इस विशेष जीवन शैली को अपनाने के लिए अनुशाषित, कर्मठ दिनचर्या तथा आध्यात्म के प्रति आस्था का नियमित रूप से अनुसरण करना होगा.