(छाया एवं रिपोर्ट: एस.एस.डोगरा)
1 नवम्बर, 2018, नई दिल्ली: नेशनल फिल्म डिविजन सभागार में वीरवार को नॅशनल रिकॉर्ड फ़िल्ममेकर सत्यप्रकाश मंगतानी द्वारा निर्मित-निर्देशित “मुझे भी ये दुनिया देखनी है” पारिवारिक फिल्म स्क्रीन की गई. जहाँ सत्यप्रकाश मंगतानी के साथ प्रोडक्शन हेड हर्षित भी मौजूद थे.
किसी ने सही कहा कि कि सिनेमा समाज का दर्पण होता है क्योंकि सिनेमा सिर्फ लोगों का मनोरंजन ही नहीं बल्कि वह सबक भी सिखा जाता है।बॉलीवुड में इन दिनों जनजागृति वाली फिल्में काफी बनने लगी है जिन्हें दर्शक दिल से पसंद भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में सवा दो घंटे की इस फ़िल्म में दर्शकों को सामाजिक संदेश के साथ-साथ भरपूर मनोरंजन भी मिलेगा. जिसमें मशहूर फिल्म एवं टीवी कलाकार शक्तिमान फेम मुकेश खन्ना और प्रसिद्ध अभिनेत्री जयश्री टी ने बहुत अच्छी अभिनय किया हैं।
नॅशनल रिकॉर्ड फ़िल्ममेकर सत्यप्रकाश मंगतानी की यह फिल्म समाज में फैली ऐसी कुरीति को उजागर करती है, जिसके बारे में सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। दरअसल,उनकी यह फिल्म कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित कमर्शियल फ़िल्म है। डॉक्टरों से पता चलने पर जिन्हें पेट में ही मार दिया जा रहा है। जन्म लेने से पहले ही बेगुनाह बेटियों को माँ की कोख में ही हत्या की जा रही है। फिल्म में छ: गाने है सारे गाने काफी खूबसूरत और मधुर हैं। जिन्हें गाया है कुमार सानू,अलका यागनिक,साधना सरगम,आलोक कुमार,शमहिता शैलेश और अनूप जलोटा ने।
फिल्म का टायटल गीत “मुझे भी ये दुनिया देखनी है” मशहूर गायिका अलका याज्ञनिक ने गाया है। जिसका गीत संगीत सत्यप्रकाश मंगतानी का ही है। खासतौर पर “मुझे भी यह दुनिया देखनी है” सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियानसे भी प्रेरित है। इसलिये सत्यप्रकाश मंगतानी चाहते हैं कि प्रदेश की सरकारें अपने अपने राज्य में फिल्म को टैक्स फ्री करे हालांकि मंगतानी राष्ट्रपति भवन से लेकर प्रधान मंत्री और सारे मुख्य मंत्रियों को बार बार लिख चुके हैं और व्यग्तिगत तौर पर मिल भी चुके हैं।पर अफसोस आज तक एक जवाब तक नहीं आया है।अब मंगतानी का प्रयास है कि यह फ़िल्म ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक अपनी पहुंच बना सके। इसीलिए मध्यम वर्गीय मंगतानी ने अपनी ज़मीन जायदाद तक बेच डाली है। गौरतलब है कि जेनुइन एंटरटेनमेंट कार्प के बैनर तले बनी इस फिल्म को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय ब्रांड कंसल्टिंग कॉरपोरेशन यूएसए द्वारा सर्वश्रेष्ठ सामाजिक जागरूकता फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार यशराज फिल्मस के अलावा सिर्फ “मुझे भी यह दुनिया देखनी है” को मिला है। फिल्म 2 नवम्बर को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल और मध्य प्रदेश में रिलीज़ हो रही है। हमारे देश की महान सभ्यता और संस्कृति को बचाने में हिंदी फिल्मों का बड़ा महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।और ऐसे कई महान फिल्मकारों जैसे यश चोपड़ा, जे ओमप्रकाश, सूरज प्रकाश का सानिध्य पाकर खुद को भाग्यशाली समझता हूं। ये कहना है सत्यप्रकाश मंगतानी का जो भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए दृढ संकल्प हैं। सत्यप्रकाश फ़िल्म इंडस्ट्री के जाने माने फिल्मकार जे ओमप्रकाश के सानिध्य में रहे हैं जिन्होंने भी सामाजिक विषयों पर बेहतरीन फिल्में बनाई हैं।इस फ़िल्म का महूरत भी जे ओमप्रकाश जी ने ही किया था। कन्या भ्रूण हत्या और बेटी बचाओ पर आधारित ये मनोरंजक फ़िल्म को देखने के लिए सारे देश की जनता बेसब्री से प्रतीक्षा कर रही है।और मंगतानी का वादा है फ़िल्म खास करके महिला वर्ग को बहुत पसंद आएगी।
द्वारका परिचय से बातचीत करते हुए उक्त फिल्म के निर्माता-निर्देशक सत्यप्रकाश ने बताया कि इस फ़िल्म को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कई अफसरों ने देखकर सन्मान पत्र दिया है और सराहना की है। इस फ़िल्म को ऑस्कर में भेजने की तैयारी चल रही है। कन्या भ्रूण हत्या जैसे ज्वलंत विषय पर भी एक साफ सुथरी कमर्शियल फ़िल्म बनाई जा सकती है ये मंगतानी ने साबित कर दिया है। उनको यकीन है इस फ़िल्म को दर्शक पसंद करेंगे।