उदय मन्ना, संस्थापक, आरजेएस पीबीएच ने दिल्ली से बिहार तक सकारात्मक भारत-उदय यात्रा के दौरान पुस्तक अमृतकाल का सकारात्मक भारत भाग 1 पुस्तकालयों को समर्पित की गई। श्री अनिल सुलभ, अध्यक्ष, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन, पटना। 24 दिसंबर को, स्वतंत्रता सेनानी और साहित्यकार, श्री रामवृक्ष बेनीपुरी की जयंती के उपलक्ष्य में आरजेएस पीबीएच की पुस्तक पुस्तक पर बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष की अध्यक्षता में चर्चा की जाएगी। उदय मन्ना जी ने सभी सरकारी संस्थानों में सकारात्मक संवाद किये और निम्नलिखित को आरजेएस पीबीएच पुस्तक भेंट की:-
एमएसएमई मंत्रालय के विकास कार्यालय, पटना के निदेशक प्रदीप कुमार व सहायक निदेशक संजीव आजाद की उपस्थिति में स्टाफ के साथ बैठक हुई। निदेशक प्रदीप कुमार ने आरजेएस के सकारात्मक प्रयासों की सराहना की और कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव की ये पुस्तक लाईब्रेरी में रखी जाएंगी।
प्रो. मोहम्मद. फैसल अब्दुल्ला, निदेशक, बिहार राज्य अभिलेखागार निदेशालय, पटना एवं उनके स्टाफ के साथ जीवंत संवाद हुआ और पुस्तक भेंट की गई। डॉ. अभय कुमार, प्रभारी प्रोफेसर, केंद्रीय पुस्तकालय, पटना विश्वविद्यालय, बिहार और उनके स्टाफ के साथ आरजेएस के सकारात्मक आंदोलन के कई पहलुओं पर केन्द्रित करते हुए एक प्रेरक संवाद का आयोजन किया गया और पुस्तक भेंट की गई।
कार्यक्रम प्रमुख, आकाशवाणी और डीडी बिहार डा. राजकुमार नाहर ने आरजेएस पीबीएच की जनभागीदारी के प्रयासों की सराहना की। रेलवे के पटना जंक्शन पर आगरा में अंतरराज्यीय खेल प्रतियोगिता में 76 पदक जीतकर अपने कोच सम्राट सेन के साथ लौट रहे जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, पूर्णिया के 69 छात्रों के साथ श्री उदय मन्ना जी का जीवंत संवाद हुआ। वे जनवरी, 2024 में खेलो इंडिया में भारत को गौरवान्वित करने की आशा रखते हैं।
आरजेएस आंदोलन के प्रेरणास्रोत श्री रामजग सिंह और उनके मित्र शैलेन्द्र जी का प्रेरक संदेश, आरजेसियंस ने मनाेयाेग से सुना एवं प्रसन्न हुए। पटना जंक्शन पर भी अंतरराष्ट्रीय मिल्लेट्स वर्ष के संदर्भ में बाजरा व श्रीअन्न को लेकर लोगों से बातचीत हुई.
श्री उदय मन्ना जी ग्रामीण देशवासियों से संवाद करने के लिए गांवों की ओर बढ़ रहे हैं। वे पटना से मसाैढ़ी खगोलशास्त्री आर्यभट्ट की नगरी तरेगना भी जाएंगे. बड़ौदरा, जामनगर और पोरबंदर की आगे की यात्राएं फरवरी, 2024 में की जायेंगी़।