डीएम ऑफिस में एसडीएम डा.शाक्य ने आरजेएस युवा टोली को कैरियर काउन्सिलिंग,एआई,नशा मुक्त भारत, स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन पर जागरूक किया

पश्चिमी दिल्ली में पटेल नगर के उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) डॉ. नितिन शाक्य के नेतृत्व में आयोजित एक युवा संवाद ने छात्रों के लिए यह व्यावहारिक रोडमैप रखा कि स्थानीय प्रशासन आपात स्थितियों—खासकर बाढ़—में कैसे काम करता है, और छात्र खुद किस तरह कौशल विकसित कर योगदान दे सकते हैं। आरजेएस पीबीएच -आरजेएस पॉजिटिव मीडिया द्वारा पब्लिक हेल्थ ट्रिनिटी फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में सिविक लिटरेसी और आपदा प्रबंधन पर एक संक्षिप्त परिचय, “डिजिटल साथी” कंप्यूटर लैब की घोषणा और जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) कार्यालय के मार्गदर्शित दौरा शामिल रहा। कार्यक्रम में नशा-निरोध जागरूकता, अध्ययन रणनीतियाँ, फिटनेस और करियर नियोजन पर भी सकारात्मक चर्चा हुई।

स्वागत भाषण में आरजेएस पीबीएच की क्रिएटिव हेड अकांक्षा मन्ना ने मुख्य अतिथि डा. नितिन शाक्य का आभार व्यक्त किया और पब्लिक हेल्थ ट्रिनिटी फाउंडेशन के डॉ. समीर भट्टी और श्री धीरेज सेहगल, परियोजना समन्वयक त्रिप्ती वार्ष्नेय, निम्मी अग्रवाल और सिल्वर ओक पब्लिक स्कूल की शिक्षिका श्रीमती हिना खान का उल्लेख किया। आरजेएस पीबीएच की सह-संस्थापक बिन्दा मन्ना और सिल्वर ओक पब्लिक स्कूल , स्वरूप नगर की प्राचार्या निर्मला देवी ने मुख्य अतिथि डा. शाक्य को अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया। आरजेएस पीबीएच के संस्थापक उदय कुमार मन्ना ने मुख्य अतिथि को  आरजेएस पीबीएच का ग्रंथ (पुस्तक) प्रदान किया। डा.शाक्य ने  सकारात्मक आंदोलन पर सतत कार्य के लिए सराहा।

अलग-अलग तरह के प्रमाण पत्र कैसे बनवाए जाते हैं ? इन सब के बारे में डीएम ऑफिस के अधिकारियों ने आरजेएस पाॅजिटिव युवा टोली को बताया- जैसे जन्म प्रमाण पत्र,मूल निवास प्रमाण पत्र ,आय प्रमाण पत्र, विकलांगता प्रमाण पत्र, एससी-एसटी प्रमाण पत्र, ओबीसी प्रमाण पत्र, जीवित सदस्य प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ-साथ एक नवविवाहित का कोर्ट मैरिज का सपरिवार सीन भी दिखाया गया।

आधिकारिक आपात तंत्र कब सक्रिय होता है, इसे स्पष्ट करते हुए डॉ. शाक्य ने छात्रों से कहा, “यदि भूकंप, बाढ़ या आग लग जाए… तो उसे आपदा मानिए। यहां एक निकाय है जो ऐसी सभी स्थितियों को संभालता है” । संकट के समय कौन क्या करता है, इसे सरल बनाते हुए उन्होंने जिले की संरचना बताई—जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) और उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम)—और कहा कि पश्चिमी जिला तीन उपमंडलों से बना है: पंजाबी बाग, राजौरी गार्डन और पटेल नगर। आरजेएस पाॅजिटिव युवा टोली को कार्यालय का दौरा कराया गया ताकि वो देख सकें कि डीएम ऑफिस कैसे कार्य करता है,”। छात्रों को जिले का मानचित्र दिखाकर प्रशासनिक ढांचे को समझाया गया।

कौशल निर्माण को ठोस रूप देते हुए एसडीएम ने भवन की चौथी मंजिल पर नए प्रशिक्षण केंद्र की घोषणा की: “एक कंप्यूटर लैब तैयार की जा रही है, जिसे ‘डिजिटल साथी’ के रूप में उद्घाटित किया जाएगा, डॉ. समीर भट्टी और श्री धीरेज सेहगल के समन्वय में; सहयोग मिलने पर वहां एआई टूल्स पर कोर्स भी चल सकते हैं” । उन्होंने कहा कि लैब में छोटे विद्यार्थियों को बुनियादी कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि डिजिटल साक्षरता भविष्य के अध्ययन और नागरिक सहभागिता की नींव बन सके।

आपदा तत्परता और शासन पर ये हिस्से एक व्यापक, युवानिर्देशित एजेंडा का हिस्सा थे। छात्रों से नशा-निरोध के साझेदार बनने का आग्रह करते हुए डॉ. शाक्य ने कहा, “ज़रूरी नहीं है कि सबके सामने कहें… अपने क्लास टीचर को बताइए… यह बहुत बुरी लत है… अगर आज आप किसी को बचाते हैं, तो समझिए कि आप उसे नई ज़िंदगी दे रहे हैं” । उन्होंने चेतावनी दी कि नशा “पैसे की ज़रूरत, फिर चोरी… और आपराधिक गतिविधियों में फंसने” तक ले जा सकता है, और छात्रों से भरोसेमंद बड़ों पर टिके रहने को कहा: “दो लोगों की सुनिए—अपने माता-पिता और अपने शिक्षक… शिक्षक कक्षा में सख्त हो सकते हैं, पर दिल से कोमल होते हैं।”

अध्ययन रणनीति(कैरियर काउन्सिलिंग)पर उन्होंने तनाव घटाने और नियंत्रण बढ़ाने वाली उच्च-प्रभाव आदतों का समर्थन किया। “साप्ताहिक और मासिक पुनरावृत्ति कीजिए,” उन्होंने कहा, और नोट्स को संक्षिप्त करने पर जोर दिया ताकि “एक पेज को चार–पाँच शब्दों में बदला जा सके”। ध्यान बिखरने से बचने की सलाह देते हुए कहा—“कोशिश करें सीमित पढ़ें, लेकिन गुणवत्तापूर्ण”—और छोटे, लक्ष्य-केंद्रित समूह बनाने को कहा: “अगर समूह में पढ़ते हैं तो दो–तीन लोगों का छोटा समूह रखें और विचलन से दूर रहें” । समय प्रबंधन के लिए उन्होंने पूर्णकालिक और अंशकालिक समय-सारिणी में फर्क बताया: “पूर्णकालिक अभ्यर्थियों को चार से पाँच घंटे का लक्ष्य रखना चाहिए, जबकि अंशकालिक छात्र कार्यदिवसों में कम से कम दो घंटे सुनिश्चित करें और यात्रा समय का उपयोग करे। आदतें टिकाऊ रखने के लिए उन्होंने पुनरावृत्ति के बाद फिल्म देखने, घूमने जैसे अपने मनपसंद कार्य से भी सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास में मदद मिलती है।

एसडीएम डा.शाक्य  ने छात्रों को याद दिलाया कि स्वास्थ्य जीवन की आधारशिला है। “शारीरिक रूप से फिट रहिए और अच्छा भोजन कीजिए,” उन्होंने कहा कि अंक कम आएं या आप फेल भी हो जाएं, यह मत सोचिए कि जीवन खत्म हो गया… यह नई शुरुआत है… दोगुनी गति से तैयारी कीजिए” । दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए उन्होंने  “पॉजिटिविटी, परसिवरेंस और कंसिस्टेंसी” (सकारात्मकता, धैर्य और निरंतरता) बनाए रखने की सलाह दी।

धारा (स्ट्रीम) चयन पर छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने अंग्रेज़ी में कहा, “It depends in which field you are comfortable with. If you like science subject then you should go for that. Some of the students like art subject. In any stream you can do wonders,” इस पर बल देते हुए कि व्यक्तिगत कौशल और रणनीति निर्णायक होते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे रोज़ थोड़ा समय समसामयिक घटनाओं और बुनियादी शब्दावली पर दें—ऑनलाइन खोजें और जिस विषय में रुचि हो वो पढ़ें। जैसे काॅमर्स वाले बिज़नेस न्यूज़ देखें—ताकि पाठ्यपुस्तक से परे समझ बढ़े।

 डॉ. शाक्य ने दिखाया कि दृढ़ता कैसी होती है—आईसीयू (जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल) में काम करते हुए यूपीएससी पास करने में “तीन से चार साल” लगे और “कोचिंग नहीं ली” क्योंकि समय-सारिणी की बाधाएँ थीं । उन्होंने मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज और मेडिकल एंट्रेंस प्रणाली का संदर्भ देते हुए अपनी शैक्षणिक यात्रा बताई। सिविल सेवा चुनने के बारे में उन्होंने कहा, “एक सिविल सर्वेंट को बहुत बड़े पैमाने पर काम करने का मौका मिलता है… आपका ‘स्पैन ऑफ कंट्रोल’ बढ़ता है” , जिससे प्रशासन के जरिए अनेक लोगों के जीवन पर प्रभाव डाला जा सकता है।

  सिल्वर ओक और स्थानीय कॉलेजों के छात्र हॉल में मौजूद रहे और परिचयों के दौरान “जय हिंद” के नारे लगे। सत्र का समापन सम्मान के साथ हुआ। दस छात्रों को “स्किल कार्ड” मिला। इसके बाद  उपस्थित सभी छात्रों  को भागीदारी प्रमाणपत्र मिला। कार्यक्रम को शिक्षक और छात्रों का भरपूर समर्थन मिला। इनमें निम्नलिखित शामिल रहे -द्राक्षा,अलीफा ,धीरज निर्भय ,अंशिका, आयुषी, वृंदा, होमाया, खुशदिलतिवारी, हर्ष चौधरी ,मोहित, अनन्या, अनामिका, नूतन रानी, पूजा कुमारी, सोनी, प्रिंसी, सोनम गुप्ता,डा.गुंजन, साफिया, अनुराधा, सोनाक्षी, नैतिक, लवनीश, पीयूष, आर्यन, संकेत, प्रिंस पांडे ,रितिक पांडे ,सुनयना, मीनाक्षी, दीपांशी, ज्योति कुमारी और यांशिका कुमारी आदि।