स्वामी रामकृष्ण परमहंस, निराला और जगजीत सिंह अरोड़ा को श्रद्धांजलि देकर आरजेसियन्स ने की सकारात्मक परिचर्चा .

श्रृंखलाबद्ध आजादी की‌ अमृत गाथा के 128 वें संस्करण में सकारात्मक और खुशमिजाज जीवन सफलता की कुंजी विषय पर आयोजित परिचर्चा में मुख्य अतिथि बीके सुशांत भाई ने‌ कहा कि हमारी सोच ही हमारे जीवन में राह दिखाती है। पाॅजिटिव थिंकिंग हैप्पीनेस लाती है। उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों को सोदाहरण भावार्थ बताया। 

वेबिनार में आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने आरजेएस फैमिली की ओर से स्वामी रामकृष्ण परमहंस, निराला और जगजीत सिंह अरोड़ा को श्रद्धांजलि दी।

मुख्य वक्ता मोटीवेशनल स्पीकर जेपीएस जाॅली ने लोगों को आरजेएस के सकारात्मक भारत से जुड़ने का आह्वान करते हुए गुलाब का उदाहरण देते हुए बताया कि कांटों के बीच रहते हुए वो खिलना और अपनी खुश्बू बिखेरना नहीं छोड़ता।

कार्यक्रम के प्रारंभ में आरजेएस ऑब्जर्वर दीप चंद माथुर ने सकारात्मक भारत-उदय आंदोलन पर प्रकाश डाला और अंत में अध्यक्षीय संबोधन में आरजेएस के सकारात्मक संकल्प को दुहराया और कहा कि आरजेएस के निरंतर हो रहे कार्यक्रम से आरजेसिएंस‌ सकारात्मक विचारों की ऊर्जा से भर रहे हैं।श्री माथुर का कहना है कि जो  तूफानों में पलते हैं,वही दुनिया को बदलते हैं। विशेष अतिथि डा.रमेश कुमार योगाचार्य ने आरजेएस द्वारा समाज के साथ  सकारात्मक भारत अभियान के आरंभिक दिनों में खुले संडे गुरुकुल की याद दिलाई जहां नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाने , बहुमुखी प्रतिभा को निखारने और बच्चों द्वारा कार्यक्रमों की प्रस्तुति का प्रयास शुरू किया गया था। अतिथियों का स्वागत सकारात्मक भारत-उदय सूचना केंद्र पटना की प्रभारी डा मुन्नी कुमारी ने किया।