आरजेएस-टीजेएपीएस केबीएसके परिवार द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर अमृत गाथा अभियान के अंतर्गत “ऑनलाइन एजुकेशन” विषय पर उदय मन्ना और सोमेन कोले की अगुवाई में वेबिनार आयोजित किया गया। वर्चुअल बैठक में अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत आरजेएस ऑब्जर्वर दीप माथुर ने किया और कहा कि अमृत गाथा के ऐसे 75 श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रम करने की योजना है। धन्यवाद ज्ञापन आरजेएस सूचना केंद्र के प्रभारी ओमप्रकाश झुनझुनवाला ने किया। मुनि इंटरनेशनल स्कूल के सहयोग से आयोजित अमृत गाथा-6 के वेबिनार में दादाभाई नौरोजी, एस.राधाकृष्णन और मदर टेरेसा को श्रद्धांजलि दी गई और प्रतिभागियों को पूर्व आईटी अधिकारी निखिलेश मिश्रा द्वारा तैयार ऑनलाइन शिक्षा की pdf फाइल शेयर की गई ।
बैठक का संचालन प्राचार्या और आरजेएस सूचना केंद्र जमशेदपुर की प्रभारी डा पुष्कर बाला ने किया।”ऑन लाइन शिक्षा : लाभ और चुनौतियाँ ” विषयक वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए ,नव नालंदा महाविहार डीम्ड यूनिवर्सिटी के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. परिचय दास ने कहा कि शिक्षा के पारम्परिक ढांचे से ऑन लाइन शिक्षण में शिफ्टिंग एक सांस्कृतिक आचरण की शिफ्टिंग है। ऑन लाइन शिक्षण में संचालन – प्रक्रिया की अधिक स्वायत्तता है। समय तथा पढ़ाई का मनोनुकूल व उपयोगितापूर्ण प्रयोग ऑन लाइन अध्ययन- अध्यापन में है। इन्फ्रा स्ट्रक्चर से अधिक शिक्षण पर यहाँ ज़ोर है। किन्तु गावों में इंटरनेट का अभाव , स्पीड की कमी आदि ऑन लाइन शिक्षा में बाधक हैं। देर तक डिज़िटल माध्यमों के सामने देर तक बैठने से चिड़चिड़ापन , उदासी आदि कारणों को मनोवैज्ञानिक रूप से दूर करना भी आवश्यक है।मुख्य वक्ता शिक्षाविद् व मोटीवेशनल स्पीकर अशोक कुमार ठाकुर ने कहा कि दादा भाई नौरोजी एस राधाकृष्णन और मदर टेरेसा के महान कार्यों को किताब के चैप्टर से हम जीवन में उतारने के लिए संकल्प बंद हैं इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए मैंने अपनी मां के नाम पर स्कूल खोला ताकि विद्यार्थी हम उम्र के विद्यार्थी एक साथ जीवन का उत्सव मना सकें दिन का अभाव रात है उसी तरह सकारात्मकता का अभाव नकारात्मकता है और ऑनलाइन शिक्षा का जो कार्यक्रम शुरू किया गया है यह अमीर-गरीब सभी विद्यार्थियों को विद्या सुलभ करायेगा।
मुनि इंटरनेशनल स्कूल के सहयोग से आयोजित आजादी की अमृत गाथा 6 वेबिनार में विशेष अतिथि के रूप में श्री निखिलेश मिश्रा, पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारी द्वारा अपने सकारात्मक विचारो को सार्वजनिक रूप से साझा किया गया। विषय के अनुरूप “ऑनलाइन एजुकेशन के लाभ तथा इसे और अधिक अच्छा कैसे किया” पर उन्होंने अपने विचार रक्खे।इन दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण पहलुओ जैसे- ऑनलाइन एजुकेशन से समय की बचत होती है, अपेक्षाकृत अधिक सुविधाजनक है, बच्चे टेक्नोलॉजी से रूबरू होते है, टेक्नोलॉजी से शिक्षण व्यवस्था में बदलाव आया है, पेपरलेस होने अथवा कागज की खपत होने आए ऑनलाइन शिक्षा पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है, ग्रामीण इलाके व आर्थिक रूप से अक्षम लोगो के लिए भी घर बैठे शिक्षा सुगमता का मार्ग प्रशस्त करती है के साथ सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास एवं इस बाबत प्रस्तावित योजनाओ के बिन्दुओ पर विस्तार के चर्चा की गई।साथ ही ऑनलाइन एजुकेशन को और अधिक अच्छा बनाने के लिए कई विकल्पों जैसे- आर्थिक रूप से अक्षम वर्गो तक तकनीकी और आवश्यक उपकरणों की पँहुच बनाई जानी चाहिये, डेटा एवं बिजली आपूर्ति की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाना चाहिये, ई-बस्ता, डिजिटल इंडिया, पढ़े भारत ऑनलाइन, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, स्वयंप्रभा जैसे प्लेटफॉर्म्स की पँहुच बढ़ानी चाहिये आदि पर चर्चा की गई ताकि देश प्रस्तुत विषय के सकारात्मक पहलुओ के माध्यम से उन्नति और विकास के नए आयाम स्थापित कर सके।वेबिनार में नौ वर्षिया दूसरी कक्षा की छात्रा आर्वी ने स्टील फोटो के मुविंग टेक्नीक बताकर दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। वेबिनार में पाॅजिटिव स्पीकर सेवा निवृत्त शिक्षिका गीता सहरावत और प्रेमप्रभा झा ,शिक्षिका ज्योति,रीना,मधु राठौड़ सहित डा एस राधाकृष्णन आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान के भेंटकर्ता मुकेश भटनागर ने भी संबोधन दिए।