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01 जुलाई से शुरू होनेवाले वन सप्ताह महोत्सव के पूर्व आरजेएस राष्ट्रीय वेबिनार में जल, जंगल जमीन और हरियाली पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर दस राज्यों से जुड़ी आरजेएस फैमिली और पॉजिटिव मीडिया ने परिचर्चा की और वृक्षारोपण का संकल्प लिया।वेबिनार से पहले आरजेएस फैमिली ने अपने घरों के पास की हरियाली का विडियो सोशल मीडिया में डालकर प्रेरित पौधारोपण के लिए प्रेरित किया था।पंचम वर्ष सकारात्मक भारत आंदोलन के अंतर्गत वन सप्ताह महोत्सव का आयोजन राम जानकी संस्थान (आरजेएस) और तपसिल जाति आदिवासी प्रकटन्न सैनिक कृषि विकास शिल्प केंद्र, हुगली ,पश्चिम बंगाल के संयुक्त तत्वावधान में किया गया ।
वेबिनार के मुख्य वक्ता मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जल पुरुष डा. राजेंद्र सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि भगवान को इस रुप में समझें तो जल, जंगल, ज़मीन और हरियाली बचाई जा सकती है। भ से भूमि, ग से गगन व से वायू ,अ से अग्नि और न से नीर। इन्हीं तत्वों से मिलकर हमारा शरीर बना है। वनों की सुरक्षा और जलसंरक्षण के लिए हरियाली बढ़ाएं। हरियाली होगी तो बारिश होगी ,बादल नहीं फटेगा और बारिश होगी तो मिट्टी में नमी आने से भूमि उपजाऊ होती है। राजस्थान में हजारों जोहड़ो और तालाबों के निर्माता, तरूण भारत संघ के संस्थापक डा.राजेंद्र सिंह का मानना है कि नदियों को जोड़ने की जगह नदियों से लोगों को जोड़ा जाना चाहिए। फैक्ट्रियों और सीवेज के पानी को नदियों में डालने की जगह स्वच्छ कर रियूज होना चाहिए। हमारी धरती स्वस्थ होगी तो महामारी के अटैक भी नहीं होंगे।
वेबिनार के मुख्य अतिथि शांति साधना आश्रम-गुवाहाटी-असम के संस्थापक और विनोबा भावे के सहकर्मी संत हेम भाई ने कहा कि जल, जंगल, जमीन तभी बचेंगे जब विज्ञान और अध्यात्म के समन्वय से समाज का निर्माण होगा।पर्वत-पहाड़़, जीव-जंतु, नद- नदी,वृक्ष-लता के संवर्धन से मानव जाति बचेगी। हरियाली है तो पानी है, पानी है फूड है ,और फूड है तो जीवन है। स्वावलंबन के लिए ग्रामोद्योग और हल-बैल की बात कोरोना महामारी में समझ में आ गई है।वेबिनार का सफल संचालन आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने किया वहीं तकनीकी सहयोग डेली डायरी न्यूज़ का रहा। सभी अतिथियों का स्वागत आरजेएस के प्रेरणा स्रोत राम जग सिंह और आरजेएस आॅब्जर्वर दीप माथुर ने किया ।अतिथि वक्ता पलामू के मुख्य वन संरक्षक कुमार मनीष अरविंद की कविता “वसुंधरा” से वेबिनार का आगाज हुआ। अतिथि वक्ता सीपीसीबी के पूर्व अपर निदेशक डा.डी साहा, इस्लामिया कॉलेज तमिलनाडु के डॉक्टर वहाब, योग व पर्यावरण के लेखक डॉ. विष्णु पुरी ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। इसके अलावा परिचर्चा में प्राकृतिक चिकित्सक डा.रंजु कुमारी(बिहार), डा.नरेंद्र टटेसर(दिल्ली), समाजसेवी नयनतारा, पत्रकार बलदेव पाण्डेय (असम),समाजसेवी ऋषि शर्मा (मणिपुर) पत्रकार प्रदीप कुमार (अरुणाचल प्रदेश) वरिष्ठ पत्रकार ओंकारेश्वर पांडे ,पत्रकार-लेखिका रिंकल शर्मा ,प्रखर वार्ष्णेय, प्रांजल श्रीवास्तव (उत्तर प्रदेश) और पत्रकार डा.एस.एस.डोगरा , योगराज शर्मा, दीपक श्रीवास्तव (दिल्ली) पत्रकार आशीष पांडे(मध्य प्रदेश)पत्रकार पीयूष पयोधि , शिक्षक अजय कुमार ,मयंक राज मन्ना(बिहार) विद्या बाला पाठक, वैश-गंगा, रोटेरियन अशोक कुमार आदि अन्य राज्यों के लोगों और पत्रकारों ने वर्चुअल परिचर्चा में भाग लेकर आरजेएस वेबिनार को सफल बनाया।
Source: उदय कुमार मन्ना