रामजानकी संस्थान (आरजेएस) द्वारा आज़ादी का अमृतमहोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत 148वें एपिसोड का आयोजन वेबिनार स्वरूप में 23 जुलाई 2023 को 11 बजे आयोजित किया गया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि थे आकाशवाणी के पूर्व रेडियो प्रसारक पार्थसारथि थपलियाल, बीजवक्ता थे, कवि, समाज चिंतक व आरजेएस प्रवक्ता अशोक कुमार मालिक, कार्यक्रम के मेजबान थे सह-संयोजक सोमन कोले, और कार्यक्रम की संकल्पना व संचालन – उदय कुमार मन्ना का था।
लोकमान्य बालगंगाधर तिलक , शहीद चंद्रशेखर आजाद और कैप्टन लक्ष्मी सहगल की स्मृति को आरजेएशिएन्स ने नमन् किया। आरंभ में इस संगोष्ठी के मेजबान श्री सोमन कोलेन सचिव टीजेएपीएस केबीएसके, कोलकाता ने सभी सहभागियों का स्वागत-अभिनन्दन किया।
मुख्य वक्ता श्री अशोक कुमार मलिक ने आरजेएस की विभिन्न गतिविधियों की सराहना की और बताया कि राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना की निष्ठा और लगन से यह संस्था अपने उद्देश्य में सफलता की ओर बढ़ रही है। श्री मलिक के व्याख्यान का सार था- इस संस्था के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है। आज लोग निराशा से भरे हुए हैं, वे दुखी हैं। समाज मे प्रचलित मीडिया सुबह से शाम तक जो कुछ परोस रहा है उसमें से अधिकतर अग्राह्य है।
हमारे प्रसारणों में वैज्ञानिक सोच होनी चाहिए। यद्यपि सोशल मीडिया ने अनेक चुनौतियां भी रखी हैं लेकिन डिजिटल मीडिया ने सूचना सम्प्रेषण में अद्भुत काम किया है। मीडिया का कुछ स्वरूप विपरीत भी लगता है जब वह गैर जरूरी विषयों को अनावश्यक रूप से महत्व देता है। मीडिया की नकारात्मकता यह भी है कि वह मनुष्यों में जाति, धर्म, सम्प्रदाय के आधार पर समाज में भेदभाव पैदा कर देता है। समाज के विकास के क्रम को देखें तो हम पाते हैं प्रकृति से मानव, मानव से महामानव बनने और विकसित होने के क्रम की अभिलाषा रही है। हम जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक विचारों को विस्तार दें।
इससे पहले आरजेएस से जुड़े बयालीस पुस्तकों के लेखक जेपीएस जॉली ने सकारात्मक भारत भारत -उदय अभियान की सराहना की और बताया कि आरजेएस समाज में सकारात्मकता को विस्तारित करने में अहम भूमिका निभा रहा है। इस आयोजन में अपनी सुपौत्री एवं वंडर गर्ल रबानी जॉली का परिचय कराया। रबानी जॉली विश्व में ईश्वरीय प्रदत्त वरदान के लिए प्रसिद्ध है। वे आंखों पर पट्टी बांधकर कुछ भी पढ़ने का कौशल प्रदर्शित कर सभी को आश्चर्यचकित कर देती हैं। इस तरह के कई कौशल बिटिया रबानी ने दिखाए। जॉली साहब ने बताया कि रबानी गूगल में दर्ज 109 भाषाओं को पढ़ लेती है। सभी ने रबानी के इस अद्भुत कौशल की प्रशंसा की।
आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि जाॅली परिवार को आरजेएस के 6 अगस्त को आयोजित राजेन्द्र भवन के समारोह में आमंत्रित किया गया है ।
आज के इस बेबीनार के मुख्य अतिथि पार्थसारथि थपलियाल ने अपने संबोधन का आरंभ आरजेएस संयोजक उदय मन्ना को बधाई देते हुए की। उन्होंने कहा 22 जुलाई को झंडा दिवस पर जिस तरह आपके सदस्यों ने राष्ट्रीय ध्वज को सम्मानित करने का भाव प्रकट किया वह अद्वितीय रहा। प्रसंगवश उन्होंने बताया कि 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया था। 22 जुलाई को आरजेएस के सदस्यों ने प्रभात फेरी निकाली और दिल्ली में अनेक महत्वपूर्ण स्थलों पर इन्होंने लोगों को राष्ट्रीय ध्वज को सम्मानित करने की प्रेरणा भी दी। दूसरा कारण आज का वेबिनार रामजानकी संस्थान की स्थापना की आठवीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया। राम जानकी संस्थान की स्थापना 24 जुलाई 2015 को की गई थी। राम जानकी संस्थान ने बहुत कम समय मे अपना विस्तार समस्त भारत में किया। संस्थान का उद्देश्य है- राष्ट्र प्रथम भारत एक परिवार विश्व एक घर। इसके लिए लोगों में सकारात्मक विचारों को आचरण अपनाना महत्वपूर्ण लक्ष्य है। ऐसा करने से परस्पर प्रेम, सौहार्द व सहचर्य को बढ़ावा मिलेगा। आशा है ऐसा करने से निश्चय ही लोगों के दिलों में राष्ट्रप्रथम का विचार सदैव जीवित रहेगा।
अपने विषय पर आते हुए मुख्य अतिथि पार्थसारथि थपलियाल ने कहा “बोलना एक कला है लेकिन सम्यक बोलना एक दायित्व है”। संविधान में प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तब बेईमानी बन जाती है जब वह दायित्वहीन हो। भारत में रेडियो प्रसारण का आरंभ 23 जुलाई 1927 अंकित है। इंडियन स्टेट ब्राडकास्टिंग कंपनी से, ऑल इंडिया रेडियो-आकाशवाणी से आवाज़ की दुनिया का विस्तार एफएम, शॉर्टवेब, एफएम से होते हुए डिजिटल… हो गया। इसी प्रकार दृष्यमाध्य के रूप में दूरदर्शन से निजीकरण की ओर प्रसारण माध्यम की यात्रा केबल टीवी से होते हुए आज डिजिटल मोड तक आकर सोशल मीडिया में विस्तारित हो गया। मेनस्ट्रीम मीडिया अर्थोपार्जन के लिए जिस तरह के शॉर्टकट या टी आर पी के माध्यम से जिस गलाकाट प्रतियोगिता में उतर आया है उसने अफवावों के बाजार को चमकाया है। उससे देश में विद्रूपता भी बढ़ी है। विज्ञापनों में महिलाओं की छवि को गलत ढंग से दिखाना, अपभाषा, अशिष्ट भाषा, अश्लीलता, द्विअर्थी संवाद आदि ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं जिनसे समाज पर कुप्रभाव पड़ने और संस्कृति विहीन समाज की स्थिति पैदा होती जा रही है।। मीडिया से जन अपेक्षाओं में लोक रुचि प्रसारण, मर्यादित मनोरंजन, हास्य, व्यंग्य, विनोद, संस्कृति का संवर्धन एवं संरक्षण, सामाजिक सद्भाव, राष्ट्रीय एकता, वैज्ञानिक सोच और सांस्कृतिक समन्वय के प्रसारण राष्ट्रप्रथम की ओर अनुगमन करेंगे। उन्होंने काका हाथरसी की कविताओं को हास्य का सम्मान जनक मानक घोषित किया।इन्हें अपनाने और पल्लवित करने की आवश्यकता है। दूरदर्शन में कार्यरत श्री इसहाक खान और बिहार के डा.ओमप्रकाश झुनझुनवाला ने भी इस वेबिनार में भाग लिया। श्री थपलियाल ने आरजेएस पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस के 6अगस्त 2023 को राजेंद्र भवन सभागार में सफल शुभारंभ करने के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर आरजेएस के संस्थापक और राष्ट्रीय संयोजक उदय मन्ना ने 4 अगस्त को आयोजित होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस व 6 अगस्त को राजेन्द्र भवन सभागार दिल्ली में आयोजित होने वाले समारोह की जानकारी दी।
वेबिनार के अंतिम पायदान पर संभागीयों ने अपनी जिज्ञाषाएँ भी रखी। जिनका उपयुक्त उत्तर वक्ताओं ने दिए। अंत में आभार व्यक्त किया सह संयोजक सोमन कोल ने और लोगों को सकारात्मक भारत -उदय आंदोलन से जुड़कर देश में सकारात्मक माहौल देने में योगदान का आह्वान किया।