अशोक कुमार निर्भय
नई दिल्ली। भारत के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने जाली पत्रकारों पर सिकंजा कसने को तैयार है । पिछले दिनों मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग में पत्रकारों से बात करते हुए, सूचना प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राजवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि देश भर में जितने भी प्रेस आई.डी. (प्रेस कार्ड ) लेकर घुम रहे लोगों की तत्काल जांच शुरू होगी । इस मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति पर त्वरित कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी ,फर्ज़ीवाड़े और अन्य धाराओं में गिरफ्तार कर लिया जाएगा ।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने साफ लफ्जों में कहा कि फ़र्ज़ी आई कार्ड धारी कथित पत्रकारों के कारण ही सच्चे और ईमानदार पत्रकारों की छवि धूमिल हो रही है एवं उनके कार्य करने में बाधा उत्पन्न हो रही है। ऐसे पत्रकार हैं जिन्हे पत्रकारिता का पहला अक्षर क्या है यह भी नहीं पता। यहाँ तक बिना योग्यता वाले अनपढ़ कम पढ़े ब्लैकमेलिंग करके पत्रकारिता को बदनाम कर रहे हैं जिनपर अंकुश लगाना जरुरी है। आगे जानकारी देते हुए श्री राठौर ने कहा कि पूरे देश में कुछ पैसा लेकर जाली प्रेस आई.डी. बांटने एवं जाली पत्रकार नियुक्ति करने तथा प्रेस के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने का धंधा चल रहा है। जिसपर अंकुश लगाना कानूनन अति आवश्यक हो गया है । इस संबंध में हमने अपने मंत्रालय की और से एक आदेश जारी करके सभी राज्यों के प्रेस सूचना मंत्रालय को निर्देश दिया है की वह फ़र्ज़ी पत्रकारों और खासकर सोशल मीडिया में खबर चलाने वालों पर विशेष नज़र रखे और जरुरत पड़े तो कार्रवाई करें। उन्होंने बताया कि जो अखबार/पत्रिका भारत सरकार के आर.एन.आई. द्वारा रजिस्टर्ड हो या जो टीवी/रेडियो सूचना प्रसारण मंत्रालय से रजिस्टर्ड हो उसी के द्वारा पत्रकार/संवाददाता की नियुक्ति हो सकती है व केवल उसका सम्पादक ही प्रेस कार्ड जारी कर सकता है। अगर समाचार प्रकाशित नहीं हो रहा है तब भी वह प्रेस कार्ड जारी नहीं कर सकता। जबकि प्रकाशन जारी रहने की स्थिति में भी अपने कार्यरत स्टाफ की सूचना और रजिस्टर में हाज़री और पूरा रिकार्ड पब्लिकेशन के पास सुरक्षित होना चाहिए। जिसकी सूचना प्रोविडेंट फंड और ईएसआईसी कमिशनर के साथ साथ श्रम विभाग एवं आयकर विभाग को भी होनी चाहिए। जब सोशल मीडिया पर चल रहे यू टीयूब चैनलों और नेट पर न्यूज पोर्टल के बारे में पत्रकारों ने पूछा तो श्री राठौर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इन्टरनेट पर चल रहे न्यूज पोर्टल के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान सूचना प्रसारण मंत्रालय में नहीं है एवं कोई भी न्यूज पोर्टल एवं केबल (डीश) टीवी पर चल रहे समाचार चैनल किसी भी तरह के पत्रकार की नियुक्ति नहीं कर सकता है और न ही प्रेस आई.डी.जारी कर सकता है यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो वह अवैध है। पूर्ण रूप से गैर क़ानूनी है एवं उसके विरुद्ध कार्रवाई होनी सुनिश्चित है। अब देखना होगा की यह आदेश कुकरमुत्ते की तरह इंटरनेट के माध्यम से सोशल मीडिया के नाम पर यू टीयूब चैनलों और उनके फ़र्ज़ी पत्रकारों पर सरकार कैसे अंकुश लगा पाती है। यह तो आने वाले समय में पता चलेगा बहराल अभी सोशल मीडिया के नाम पर यू टीयूब चैनलों और उनके गैर योग्यता वाले पत्रकार ब्लैकमेलिंग अथवा कवरेज के नाम पर उगाही में लगे हैं और पुलिस और प्रशासन खामोश तमाशबीन बना हुआ है।