शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग दिल्ली राज्य, भारत सरकार की प्ररेणा से शोसल डेवलेपमैंट वेलफेयर सोसाइटी द्वारा नसीरपुर कालोनी में चलाए गए 8 दिवसीय जागरुकता प्रसार एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को विभिन्न सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों व अन्य प्रवक्ताओं द्वारा विभाग से संबधित जानकारियाँ दी गई। जिसमें मुख्य रुप से डा0 केएस भाटी साहब व डा0 राजेश लाम्बा ने महिलाओं के अधिकारों पर विभिन्न कानूनों में दिए गए प्रावधानों को सरल भाषा में बताया।
दिल्ली लीगल सर्विस अथारिटी की फैमिली कांउसलर श्रीमती चित्रा ने बताया कि कानून की सही जानकारी न होने के कारण इनका दुरउपयोग बढ़ रहा है जिससे जरुरतमंद को भी सही न्याय मिलने में देरी हो जाती है। इसलिए इसप्रकार के कार्यक्रमों की उपयोगिता बढ़ जाती है। इससे महिलाओं को अपने अधिकारों की सही जानकारी प्राप्त होती है। कन्या भ्रूण हत्या पर बालते हुए श्रीमती प्रेम ने बताया कि बार-बार गर्भपात के बाद महिलाओं की मानसिक व शारीरिक स्थिति क्या हो जाती है। शिक्षा अधिकारी श्री सीएस यादव जी व उनके सहयोगी श्री नेत्रपाल व श्री सुनिल आहुजा ने सरकार द्वारा विद्यालय में दी जा रही सहायताओं व सुविधाओं के बारे में बताया। श्री यादव जी कहा कि अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 1 अप्रैल, 2013 से दिल्ली में पूर्णतया लागू कर दिया जाएगा। समाज कल्याण विभाग के प्रतिनिधि दिनेश कुमार ने विभाग की सेवाओं की जानकारी दी। दिल्ली पुलिस के बारे में बताते हुए एसीपी नारायणा श्री कुकरेती साहब ने महिलाओं से कहा कि आप छोटी-छोटी घटनाओं की अनदेखी कर देतीं है जिससे बाद में कठिनाईयां आती है। प्रत्येक थाने में महिला हैल्प डेक्स बनी हुई है जहाँ 24 घंटे दिल्ली पुलिस की महिला कर्मचारी आपको मिलेगीं। आप अपने प्रति होने वाले अत्याचार के खिलाफ दिल्ली पुलिस की सहायता अवश्य लें। पुलिस कंट्रोल रुम टेलिफोन न0 100 पर आप किसी भी समय फोन करके सहायता ले सकती है।
कार्यक्रम के दौरान एसीपी साहब व संस्था की ओर से थाना सागरपुर की टीम को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। इंस्पेक्टर सुभाश ने महिलाओं के अधिकारों पर कहा कि जब तक महिलाओं को समाजिक निर्णयों में भागीदारी नहीं मिलेगी तब तक समानता के अधिकारों की बातें बेमानी ही रहेंगी इसलिए आपको घर से बाहर निकलकर समाजिक कार्यो में अपनी भागीदारी बनानी पड़ेगी। संस्था महासचिव श्री सतवीर सिंह राणा ने बताया कि हमारी सहयोगी संस्था सक्षम फाउंडेशन सागर पुर में कार्य कर रही है। जिसके महासचिव सूरत करण निरंतर थाने के संर्पक में रहते हे और उनके प्रयास से थाना एसएचओ व बीट अधिकारियों के साथ मिलकर सार्वजनिक स्थानों से असामाजिक गतिविधियों जैसे पार्को में शराब पीना व जुआ खेलना आदि पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। बीएसईएस के प्रतिनिधि देवाशीश शैली ने बीएसईएस द्वारा दी जारी डोर स्टैप सेवाओं की जानकारी दी और बिजली बचाने के उपायों के बारे में बताया। मास्टर हरिओम गुप्ता ने अपने गीतो से महिला भागीदारों को विकास में अपना योगदान बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। भागीदारी प्रतिनिधि के तौर पर युगल किसोर दिवेदी ने आरडब्लुए के बारे में बताया। संस्था की कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती सरोज लाम्बा ने बताया कि इस क्षेत्र में बहुत सारी समस्याएँ है और यहाँ आरडब्लुए या अन्य कोई भी नागरिक संगठन भी कार्य नहीं कर रहा है। पुरुषों की रुचि समाजिक कार्यो में अधिक नहीं है। तो हमने यहाँ सर्वे करके महिलाओं को जानकारी देने व विभिन्न विभागों के अधिकारियों से महिलाओं की मुलाकात करवाने की योजना बनाई। संस्था इस क्षेत्र की महिलाओं को प्रशिक्षित करके एक महिला स्वंय सहायता समूह का भी गठन करने जा रहे है।
कार्यक्रम में महिलाओं ने काफी रुचि दिखाई है। कार्यक्रम की भागीदार व मुख्य सहयोगी श्रीमती सुनिता ने बताया कि हम इस क्ष्सेत्र में पिछले 20 साल से रहते है न तो यहाँ पीने का पानी है और न ही कोई अन्य पार्क जैसी सुविधा। कालोनी के बिलकुल बिचोबीच पार्क के लिए जगह है लेकिन यहाँ सारी कालोनी का कुड़ा डाला जाता है। इस प्रकार की समस्याएँ यहाँ बहुत ज्यादा है। अब हम अपना स्वंय का ग्रुप बनाकर इन समस्याओं को दूर करेंगें। सभी महिलाओं ने कहा कि हम कभी इसप्रकार के कार्यक्रम में षामिल नहीं हुए इस कार्यक्रम से हमें काफी जानकारी मिली है। कार्यक्रम में 40-50 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है ओर बहुत जल्द इन महिलाओं का स्वंय सहायता समूह का गठन करवा दिया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देष्य महिलाओं को जानकारी व प्रशिक्षण देकर समाज विकास में इनकी भागीदारी को बढ़ाना है।