पति.पत्नी के अहम रिश्ते की आधारशिला पर प्रश्न चिन्ह लगाता फैमिली और सोशल थिरलर ‘जी लेने दो एक पल’

प्रेमबाबू शर्मा

आस्था,अपनत्व और विश्वास हरेक पति.पत्नी के दाम्पत्य जीवन और मधुर संबंधों की आधारशिला होती है। जीवनचक्र की आपाधापी में ना चाहते हुए भी इनके बीच कोई आकस्मिक घटना घटित हो जाए तो यह मजबूत आधारशिला चरमरा जाती है,और पति.पत्नी के प्रगाढ़ रिश्ते पर प्रश्न चिन्ह लग जाते हैं….चाहकर भी रिश्ते को बचाया नहीं जा सकता अंदरुनी घुटन उन्हें किस कगार पर ला खड़ा करती है जो उन्होंने कभी सपनों में भी सोचा नहीं था। इसी मूलबिंदु को इंगित करती है शरद चन्द्र प्रस्तुत वेदर फिल्म्स की फैमिली सोशल थिरलर नई फिल्म‘जी लेने दो एक पल’.

शेखर अभिनव कुमार अपनी मांयजरीना वहाब के साथ महाराष्ट्र के एक गांव में रहता है। वह अपनी पत्नी सुधा सुखबीर लाम्बा के प्रति बहुत आसक्त है दोनों में गजब का तालमेल है इतना ही नहीं पूरे गाँव में शेखर के हँसमुख,मिलनसार स्वभाव और सबके लिए सहयोगी भावना की गूंज है गांव के मुखिया टीनू आनंद और पंडित अंजन श्रीवास्तव उससे बहुत प्रभवित हैं खेतीबाड़ी और आवश्यक सामान की खरीददारी के सिलसिले में शेखर का अक्सर मुम्बई जाना आना बना रहता है मुम्बई में वह मुखिया जी के भतीजे विनोद विरजेश हिरजी के यहाँ ठहरता है। इधर विनोद बॉलीवुड में काम करता है, देश विदेशों से फिल्मों में हीरोइन बनने की लालसा में आई लड़कियों की ताक में रहता है और जो लड़कियां उसके झांसे में जाती हैं उन्हें वह वेश्यावृति के धंधे में ड़ाल देता है । ग्रिमीयरोजयलीन खान बहुत महत्वाकांक्षी नवयौवना है। उसे शॉर्टकट तौर तरीके से फिल्मों की हीरोइन बनना है। इसी सिलसिले में उसकी मुलाकात विनोद से होती है एवह उसे भी फिल्मों के सुनहरे सपने दिखाता। है, जबकि जॉनयराज शाही,उससे बेहताशा मोहब्बत करता है वह उसे विनोद के चुंगल में फंसने से कई बार रोकता है मगर…. शेखर मार्केटिंग के काम से मुम्बई आता है इस बार विनोद के घर रात को उसकी मुलाकात रिमी से होती है रिमी शेखर से मिलकर बहुत प्रभावित होती है शेखर पत्निव्रता की लक्ष्मणरेखा में अपने आपको बहुत मुश्किल से समेटने की कोशिश करता हैए किन्तु रिमी उससे लगातार हमबिस्तर होने के लिए प्रभोक करती है। क्या शेखर अपनी पत्नी सुधा को दिए दाम्पत्य जीवन के सात वचनों की लाज रख पाया। रिमी क्या शेखर के साथ अपना मकसद पूरा कर पाईं। आखिर वो कौन सी वजह रहीं जिन्होंनें शेखर को हीनता के घेरे में कैद कर दियाघ् क्या शेखर अपनी प्राणप्रिय पत्नी सुधा को अपनी आपबीती बता पाया। शेखर के साथ अकस्मात हुई दुर्घटना उसे किस कगार पर ले । आईंइन सभी ज्वलंत सवालों के सिलसिलेवार जवाब देगी वेदर फिल्म्स की नई फिल्म ‘जी लेने दो एक पल’ इसके मुख्य कलाकार.अभिनव कुमार,रोजयलीन खान,सुखबीर लाम्बा,राज शाही,टीनू आनंद,अंजन श्रीवास्तव,जरीना वहाब,विरजेश हिरजी प्रतिष्ठा विजय साउथ शकीला मजीद और एहसान खान.

लेखक .निर्देशक संजीव राय की बतौर निर्देशक ‘जी लेने दो एक पल’ तीसरी फिल्म है। इससे पहले वह ‘सजेगी बरात’और दिल दोस्ती और निर्देशित कर चुके है। बुनियादी तौर पर संजीव राय स्क्रीन लेखक हैं टेलीविजन के लिए उन्होंने ढेरों धारावाहिक और शोज लिखे हैं। लेखक से निर्देशक बनने का क्रेडिट वह अभिनेत्री जिग्ना ठाकुर को देते हैं। उत्तरप्रदेश के भदोही,प्रतापगढ़ से ताल्लुक रखने वाले संजीव राय ने लेखक और निर्देशक के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत बंगला फिल्म‘आमी जे तोमर’से की जिसे ना केवल बहुत सराहना मिली,बल्कि इसे कई मानद पुरूस्कार से भी सन्मानित किया गया।

निर्देशक संजीव राय के अनुसार मैं सबसे पहले अपनी फिल्म कागज पर बनाता हूँ जब मुझे विजनिरी तौर पर संतुष्टि मिलती है तभी इसे फिल्म पर उतरता हूँ। ‘जी लेने दो एक पल ’ समाज में घटी एक सच्ची घटना पर आधारित है अभी तो मैं सिर्फ इतना कहूँगा कि यह फिल्म सोशल इशू पर बेस्ड है ऑडियंस को अपने जीवन का हिस्सा लगेगी। ट्रीटमेंट और क्लाइमेक्स इसका यूएसपी होगा । फोटोग्राफी मनोज कुमार की है।संजय मिश्रा और तौफीक के गीतों को शकील अहमद और सागर शैख संगीतबद्ध कर रहे हैं।