प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के तहत डीपीएस फरीदाबाद के स्टूडेंट्स द्वारा 100 किलो प्लास्टिक इकठ्ठा करने पर सामाजिक संस्था डब्ल्यू मार्स के पदाधिकारियों ने डीपीएस के टीचर्स और स्टूडेंट्स को सम्मानित किया है। रविवार को स्कूल कैम्पस में हुए एक कार्यक्रम में डब्ल्यू मार्स की अध्यक्ष दीपाली सिन्हा और ग्लोबल अवेयरनेस एम्बेसडर अभिनव कान्त चतुर्वेदी “नन्हें” ने स्टूडेंट्स और टीचर्स को “100 केजी प्लास्टिक फ्री स्कूल” का सर्टिफिकेट और शील्ड प्रदान की। इस मौके पर डब्ल्यू मार्स के संस्थापक सुबोध सिन्हा और प्रोजेक्ट हेड अक्षदा रावत मीडिया हेड शुभी सिन्हा भी मौजूद थीं।
डब्ल्यू मार्स यानी वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइकिलिंग सोसाइटी पर्यावरण के लिए काम करने वाला एनजीओ है। इस संस्था की तरफ से सिलसिलेवार जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इसी क्रम में फरीदाबाद के डीपीएस के स्टूडेंट्स ने डब्ल्यू मार्स के जागरूकता कार्यक्रम से प्रेरणा लेते हुए गीले और सूखे कूड़े को अलग अलग डस्टबिन में रखने का काम शुरू किया। जल्द ही छात्रों ने 100 किलो प्लास्टिक जमा कर लिया जिसे हाल ही में स्कूल प्रबंधन ने डब्ल्यू मार्स को सौंपा था। स्टूडेंट्स के साथ साथ स्कूल की शिक्षिका मीनू बहल, संगीता चक्रवर्ती और हशनू बाधवा का विशेष योगदान रहा। जानेमाने अभिनेता और डब्ल्यू मार्स के ग्लोबल अवेयरनेस एंबेसडर अभिनव कान्त चतुर्वेदी उर्फ नन्हें ने स्कूल के स्टाफ और बच्चों को संबोधित करते हुए उनके काम की तारीफ़ की और हौसला बढ़ाया। उन्होंने स्कूल प्रबंधन की भी सराहना की। डब्ल्यू मार्स की प्रेसीडेंट दीपाली सिन्हा ने अपने भाषण में सभी का शुक्रिया अदा किया और इस मुहिम को आगे भी जारी रखने की अपील की।
डब्ल्यू मार्स भी अपने जागरूकता अभियान को अन्य स्कूल और कॉलेज तक ले जाएगा जिससे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को प्लास्टिक से पर्यावरण को हो रहे नुकसान के बारे में बताया जा सके। सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह रोकने के लिए डब्ल्यू मार्स न सिर्फ जागरूकता अभियान चला रहा है बल्कि अन्य विकल्प उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम कर रहा है। स्कूल, कॉलेज के अलावा कॉरपोरेट ऑफिस स्टाफ और सरकारी दफ्तरों में भी जागरूकता कार्यक्रम करने की पहल करने वाला डब्ल्यू मार्स तीन कैटेगरी यानी 100 किलो 500 किलो और 1000 किलो प्लास्टिक जमा करने का लक्ष्य निर्धारित कर मूल्यांकन करता है और प्रमाण पत्र देता है। इसके अलावा ईको फ्रेंडली जीवन शैली अपनाने पर ज़ोर देते हुए डब्ल्यू मार्स प्लास्टिक कचरे की 12 बोतलों से टी-शर्ट भी तैयार कराता है। इस कवायद से न सिर्फ स्वच्छ भारत अभियान को मज़बूत करने का काम होता है बल्कि साफ पर्यावरण के लिए ईको फ्रेंडली रहने की दिशा में भी योगदान देने की एक कोशिश है।
भारत में हर दिन 15 हज़ार टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है जिसमें से 9 हज़ार टन कचरे को रिसाइकिल किया जाता है। जबकि 6 हज़ार टन प्लास्टिक कचरा ज़मीन पर पड़ा रहता है जो कई कई दशकों तक प्रदूषण बढ़ाने का काम करता है। ऐसे में सरकार और स्थानीय प्रशासन के अलावा गैर सरकारी सामाजिक संस्थाओं की ज़िम्मेदारी भी बढ़ जाती है। डब्ल्यू मार्स इसी ज़िम्मेदारी को निभाते हुए सूखे और गीले कचरे के प्रबंधन पर गंभीरता से काम कर रहा है।