(लेख:शांता कुमार )
पालमपुर – भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री, शान्ता कुमार ने कहा है हिमाचल की बहादुर बेटी कंगना रनौत ने एक बार फिर से बड़े साहस की घोषणा करके सबको चौंका दिया है। कुछ लोगों ने उस पर आरोप लगाया था कि वह एक विषेश एजेण्डा से काम कर रही है उसने ट्वीट किया है – ”हाॅं मेरा एजेण्डा है – राष्ट्रवाद -राष्ट्रवाद -राष्ट्रवाद।“
उन्होने कहा है कि मूवी जगत के एक कलाकार से ऐेसी आशा कभी कोई नहीं कर सकता था। कंगना रनौत ने सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या पर भी सबसे पहले और सबसे अधिक बेबाक टिप्पणी की थी। आज उसकी जांच सी.बी.आई कर रही है।
शान्ता कुमार ने कहा राष्ट्रवाद भारत का प्राण है, आत्मा है और सनातन धरोहर है। भारत का राष्ट्रवाद केवल भौेगोलिक नहीं सांस्कृतिक है। इसकी सबसे पहली घोषणा किसी व्यक्ति या पार्टी ने नहीं की परन्तु स्वंय प्रभु राम ने की थी। बाल्मिकी रामायण के अनुसार जब प्रभु राम ने लंका जीत ली। रावण का बध हो गया तो लक्षमण ने कहा – ” भईया अब सोने की लंका हमारी है। अयोध्या जाने की क्या जरूरत है। यहीं राज्य करते है।“ उस पर प्रभु राम ने कहा था – ”जननी जन्मभूमि स्वर्गादपि गरीयसी“ अर्थात अपनी मातृभूमि स्वर्ग से भी अच्छी होती है। यही है भारत का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ।
उन्होने कहा कि भारत का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद मानवतावादी रहा। इसीलिए हजारों वर्ष पहले भारत के ऋृषियों ने घोषणा की थी – ”वसुधैव कुटुम्बकम“ अर्थात पूरा विष्व एक परिवार है। यही कारण है की शक्ति सम्पन्न होने के बाद भी भारत ने विष्व भर में जाकर कभी किसी को सताया नही। कही अधिकार नही किया। केवल मानवता का सन्देश दिया। उन्होने कहा उन्हें एक बार थाईलैण्ड जाने का अवसर मिला था। वहां की सस्कृति में हिन्दुत्व है। वहां के लोगो ने अयोध्या नाम से एक नगर भी बसाया है।
उन्होने कहा कि भारत के समाजवादी, साम्यवादी और तथा कथित सैकूलर वादी दुर्भाग्य से इस महान सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को समझ नही सकें। इसीलिये वे राष्ट्रवाद का विरोध करते हैं।
शान्ता कुमार ने साहस भरी इस घोषणा के लिए हिमाचल की बहादुर बेटी कंगना रनौत को एक बार फिर से बहुत-बहुत बधाई दी हैं। उन्होंने उनके पिता श्री अमरदीप रनौत को फोन करके सारे परिवार को बधाई दी है।
(लेखक हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद)