अमिमाभ बच्चन ने ऐश्वर्या राय की बेटी और शाहरूख खान का बेटा एक साथ फिल्म में काम करेगें। की घोषणा के बाद एक बात तो सामने आ गयी कि बालीवुड में स्टारर्स संतान का सिनेमा में काम करना आसान है।
शाहरुख खान ने भविष्य में फिल्मों में आने के बारे में अपने बच्चों के लिए भले ही यह कहा हो कि करियर के बारे में फैसला करना बच्चों पर निर्भर करता है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि बिल्कुल आपके और हमारे घर की ही तरह किसी भी स्टार के घर में जब कोई बच्चा पैदा होता है, तभी से वह बड़ा होकर क्या बनेगा, इसके बारे में लोग कयास लगाना शुरू कर देते हैं कि वह बड़ा होकर किसको किस तरह से पीछे छोड़ देगा। लेकिन फिर भी जब भविष्य में अपने बच्चों के सिनेमा में आने के बारे में बिना किसी सवाल के ही शाहरुख सफाई देने लगते हैं तो मन के किसी कोने में सवाल तो खड़ा होता ही है। आखिर जब बिना किसी खास कोशिश के शाहरुख खान की पत्नी गौरी के पास कई सारे विज्ञापनों के असाइनमेंट्स हैं, तो फिर आने वाले समय में बच्चे पिता के नक्शे कदम पर चलेंगे, तो किसी को भी आश्चर्य नहीं होगा।
हां, शाहरुख खान का बेटा अगर एमबीए करके किसी कंपनी में नौकरी करेगा, या किसी बैंक में मैनेजर होगा या फिर वकील वगैरह बन गया, तो लोग जरूर आश्र्चय करेंगे। उम्मीद भरी दस्तक यही वजह है कि हमारे सिनेमा के संसार में जब हर साल कुछ सितारों की संतानें परदे पर उतरने के लिए अवतरित होती हैं, तो बड़ी चर्चा होती है।
पृथ्वीराज कपूर अपने समय के मंझे अभिनेता थे उनके तीन बेटे राज कपूर,शम्मी कपूर और शशी कपूर थे उन्होंने भी बालीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनायी। इसके बाद में राज कपूर के बेटे रंधीर कपूर,ऋषि कपूर, और राजीव कपूर के बाद उनका परिवार भी फिल्मों उतर आया। करिश्मा कपूर और करीना कपूर ने बालीवुड में धूम मचा दी। जबकि शशी कपूर की पत्नी बेटे और बेटी ने भी अपनी किस्मत को आजमाया। जबकि जुबली स्टार राजेन्द्र कुमार,देवानंद,गायक महेन्द्र कपूर के स्टार पु़त्रों भी फिल्मों काम किया मगर फिल्मी जीवन रास नही आया।
ही मैन धर्मेन्द्र ने सत्तर के दशक में हेमा मालिनी के साथ सीता और गीता,चरस,शोले…जैसी हिट फिल्मों में अपनी जोडी बनाई बाद में धर्मेन्द्र के बेटे सन्नी और बाॅबी के काम को भी दर्शकांे ने सराहा लेकिन हेमा की बेटी लाख प्रयास के बाद सफल हीरोईन साबित नही कर पायी।
दो रास्ते,अराधना,आनंद,कटी पंतग,मालिक,रोटी,अमर प्रेम,दुश्म,वाबर्ची जैसी सुपरहिट फिल्में देने वाले अभिनेता राजेश खन्ना रोमांटिक हीरो रहे है। उनकी पत्नी डिॅपल ने भी बाॅबी के बाद जाॅबाज,सागर,राम लखन,जख्मी औरत,एतबार,क्रांतिवीर,दिल चाहता है जैसी सुपर हिट फिल्म में काम करके तहलका मचाया था। लेकिन उनकी दो बेटियां टिव्वकल और रिंेकी को पिता और माता की वजह फिल्में तो मिली लेकिन टिव्वकल जुल्म,जान,इतिहास, मेला,बरसात बदशाह,जब प्यार किसी से होता है,और रिंेकी गंगा तेरे देश में,प्यार में कभी कभी,मुझे कुछ कहना है,मंजनू,ये है जलवा जैसी फिल्में तो मिली लेकिन स्वयं को एक सफल हीरोइन साबित नही कर पायी।
सिनेमा के पहले डिस्को डांसर मिथुन चक्रवर्ती के बेटे मिमोह से लेकर ‘‘जग्गू दादा’ के नाम से मशहूर जैकी श्रॉफ के बेटे टाइगर, पति से तलाक लेने को मजबूर हो रही अभिनेत्री रति अग्निहोत्री के बेटे तनुज वीरवानी से लेकर अकसर मारामारी के लिए मशहूर आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली, सदाबहार अभिनेता अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्धन, सुनील शेट्टी की बेटी अथिया जैसे कुछ नामी परिवारों के बच्चे बड़े परदे पर बड़ी उम्मीद से उतरे हैं। तत्काल तो कुछ भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन दर्शक उन्हें किस तरह देखते हैं, यह आने वाला समय तय करेगा। सोनी राजदान की बेटी आलिया भट्ट, शक्ति कपूर की बेटी श्रद्धा कपूर, प्रतीक बब्बर वगैरह जैसे बहुत सारे नई पीढ़ी के कलाकारों के बाद सितारों के संसार में यह नई खेप है जिसने एक अलग मुकाम बनाया है।
कड़ी मेहनत और धैर्य जरूरीअपने डांस, अपनी एक्शन और अपनो शरीर शौष्ठव को लेकर बहुत पहले ही बहुत सारी शुभकामनाएं अपनी झोली में भर लेनेसवाले टाइगर श्रॉफ की फिल्म ‘‘हीरोपंती’ आई भी, सफल भी हुई और निर्माता साजिद नाडियाडवाला को कुल 50 करोड़ से भी ज्यादा की कमाई भी दे गई। टाइगर श्रॉफ के पिता जैकी श्रॉफ और सुभाष घई का आपस में बहुत मजबूत रिश्ता है। घई ने ही अपनी फिल्म ‘‘हीरो‘‘ में जैकी को बतौर हीरो पहला मौका दिया था। जैकी के घर सन 1990 में जब बेटे का जन्म हुआ तो सुभाष घई ने पहली बार टाइगर को देखा और उसे एक सौ एक रुपये देते हुए कहा कि यह साइनिंग अमाउंट है और तुम्हें बतौर हीरो मैं ही लांच करूंगा। लेकिन यह मौका साजिद नाडियाडवाला को मिल गया। भारतीय सिनेमा के संसार में अपनी पहली ही फिल्म ‘‘एक दूजे के लिए’ के जरिये धमाकेदार सफलता का इतिहास रचने वाली रति अग्निहोत्री के बेटे तनुज विरवानी ने भी पिछले साल सिनेमा के संसार में दस्तक दी थी। लेकिन उनकी पहली फिल्म ‘‘लव यू सोनियो’ असफल रही थी। तनुज कहते हैं – मेरी मां ने मुझे धैर्य रखना सिखाया है। क्योंकि फिल्म जगत में आगे बढ़ने के लिए यह बेहद जरूरी है। तनुज मानते हैं कि कभी-कभी ऐसा भी वक्त आता है जब लंबे समय तक कुछ अच्छा नहीं हो पाता है। ऐसे में आपको धैर्य बना