अभिनय ने बनाया निर्देशक: मुकेश नारायण

प्रेमबाब शर्मा

मुकेश नारायण की पहचान अब एक सफल निर्देशक की बनती जा रही है। वे ‘करम’ जानलेवा और बुंदेला जैसी फिल्मों के बाद अब वह अब ‘तेरी फिरत’ को लेकर दर्शकों के सामने हाजिर हैं। वह बताते हैं कि एक सस्पेंश थ्रिलर फिल्म में हर तरह के मसाले प्रमुखता दी ही गई है, मानवीय भावनाओं को भी अलग ढंग से उकेरा गया है। पेश है उनसे एक बातचीत।


‘तेरी फिरत’ किस तरह की फिल्म है ?
हमारी पिछली फिल्म ठीक ठाक सी रही थी। इसी वजह से एक अलग तरह की फिल्म का प्रयास किया है। कह सकते हैं कि यह दर्शकों की मांग पर बनी फिल्म है, पर इसकी कहानी एकदम अलग है।

कहानी के स्तर पर किस तरह का बदलाव किया है?
तेरी फितरत की कहानी मैंने खुद लिखी थी। वह किसी सच्ची घटना से प्रेरित नहीं थी, कहानी मुंबई के नजदीक एक उपनगर के युवकों पर आधारित सच्ची घटना है। फिल्म में दिखाने का प्रयास किया है कि अपने स्वार्थ के लिए लोग किसी को भी अपना बना लेते है,जबकि उनको पता है,कि इसका अंजाम बुरा होगा।

बॉलीवुड में ज्यादाता फिल्में संस्पेश थ्रिलर ही होती है। इस कथानक पर बीसियों फिल्में बनी हैं, लेकिन के गारंटी है कि आपकी फिल्म को ही ज्यादा महत्व मिलेगा रहा है?
इसकी वजह यह है कि हमने सचमुच एक तरह की फिल्म बनाई है। पहले के ज्यादातर फिल्मकारों ने संस्पेश थ्रिलर के नाम पर अलग तरह की फिल्में बनाईं। इन फिल्मों में संस्पेश और थ्रिलर काफी कम था। इसी वजह से दर्शकों ने ऐसी फिल्मों को ज्यादा पसंद नहीं किया।

फिल्मों स्टारकास्ट का एक महत्व होता है, क्या आपने फिल्म को चर्चा में लाने के कुछ अलग किया है?
सितारों की चमक से भला कोई कैसे इनकार कर सकता है? लेकिन यह भी सच है कि नफे खान और नफीशा सिंह फिल्म के किरदार में फिट बैठ रहे थे, इसलिए लिया। यह भी देखिए कि इन दोनों को छोड़ कर बाकी कलाकार नये और पुराने ही हैं,

आज आप एक सफल फिल्मकार हैं। संघर्ष के दिनों को कैसे याद करते हैं?
मैंने बहुत संघर्ष किया है। जब मैं शुरू में विलासपुर से मुंबई आया था तो रहने और खाने का कोई ठिकाना नहीं था। मैं भूखा भी सोया हूं। लोकल ट्रेन के स्टेशन मेरे सोने की जगह हुआ करती थी। लेकिन उस दौर में मेरा एक ही सपना था सफल अभिनेता बनना, लेकिन यह सपना तो पूरा नही हुआ मैं फिल्म निर्देशक बन गया। उसके बाद मेरी जिंदगी बदल गई।

निर्देशक बनने के लिए किसने प्रेरित किया?
मैं चैदह साल का था, तब से रामगोपाल वर्मा की फिल्में देखना शुरू कर दी थीं। मैं उनकी फिल्मों से काफी प्रभावित था। तभी मैंने अपने माता-पिता से कह दिया था कि मैं एक्टर बनकर और इसी क्षेत्र को करियर बनाऊंगा। मेरे जैसे साधारण घर के युवक के लिए यह आसान नहीं था। अगर परिवार के लोग मुझ पर भरोसा नहीं करते तो शायद मैं यहां तक नहीं पहुंचता।

आपकी नजर में कौन-सी हीरोइन सबसे अच्छी डांसर है और किस हीरो को बेहतरीन डांसर मानते हैं?
मैं माधुरी दीक्षित का बहुत बड़ा फैन हूं। वे कमाल की डांसर हैं। हीरो में गोविंदा जैसा डांसर कोई नहीं।

एक फिल्मकार के रूप में आपकी महत्वाकांक्षा क्या है?
मैं खान्स के साथ एक फिल्म करना चाहता हूं। वे सभी बेहतरीन एक्टर हैं। काम करने का उनका समर्पण मुझे आकर्षित करता है। उनको लेकर एक पीरियड ड्रामा फिल्म की योजना है। यह बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है। इसमें हॉलीवुड की कई हस्तियों को भी शामिल करने की योजना है। इसमें डांस के लिए कोई जगह नहीं होगी, लेकिन एक्शन भरपूर होगा।