आज दोपहर को मुझे मेरी कवियत्री मित्र कीर्ति काले(राष्ट्रीय कवियत्री) के घर जाने का मौका मिला, कीर्ति जी से तो कई बार मुलाक़ात हुई थी लेकिन सौभाग्यवश उनके पतिदेव श्रद्धेय श्रीकांत काले जी से भी कुछ गपशप हुई। इसी दौरान स्वादिष्ट भोजन भी किया और बातों का दौर शुरू हुआ। आपने यह तो सुना होगा कि हर सफल नर के पीछे एक नारी का हाथ होता है, लेकिन आज मैंने पाया कि एक सफल नारी की सफलता के पीछे नर का भी हाथ होता है। और इसका जीता जागता उदाहरण पेश कर रहें है कीर्ति जी के पति श्रीकान्त जी। वे सरकारी अधिकारी होने के साथ-साथ एक गंभीर व सभ्य इन्सान भी हैं। आज कीर्ति जी की बुलन्द कविताएं देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी न जाने सैंकड़ों-हजारों काव्य मंच पर गूँजती रहती हैं। लेकिन इसका श्रेय उनके पति श्रीकान्त को जाता है जिनकी प्रेरणा की ही बदौलत कीर्ति जी ने अपने वैवाहिक जीवन को बखूबी निभाते हुए खूब शोहरत हासिल की। कीर्ति जी आज राष्ट्रीय स्तर पर बेहद लोकप्रिय कवियत्री के रूप में देश-विदेश में अपने आपको स्थापित करने में कामयाब रहीं हैं। ईश्वर उन्हे दीर्घायु दे ताकि वे अपनी प्रतिभा को श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत करने में और अधिक सक्रिय साबित हो सके।
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