अंकुश ने भारतीय क्रिकेट में इतिहास रच डाला।

अंकुश बेंस

सुरेन्द्र सिंह डोगरा

जी हाँ, अंकुश बेंस ने भारतीय क्रिकेट अंडर-19 टीम में चुने जाने वाले पहले हिमाचली खिलाड़ी होने के नाते भारतीय क्रिकेट का इतिहास रच डाला। वास्तव में, अंकुश भोरंज के पास स्थित गाँव खतरवार, जिला हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश के मूल निवासी हैं। अंकुश का जन्म 16 दिसंबर 1995 को हुआ। इस समय अंकुश सैक्टर-16, रोहिणी, दिल्ली का निवासी है। वह दाएँ हाथ का बल्लेबाज तथा विकेटकीपर है। उसके मुख्य कोच श्रवण कुमार का मानना है कि अंकुश एक धैर्यवान व कुशल बल्लेबाज है तथा उन्हे पूरा भरोशा है कि अंकुश अपनी कड़ी मेहनत व क्रिकेट कौशल की बदौलत एक दिन भारतीय सीनियर क्रिकेट टीम में भी जगह बनाने में अवशय स्थान बनाने में कामयाब हो जाएगा। गौरतलब है कि उन्हे क्रिकेट कोच श्रवण कुमार ने ही हिमाचल प्रदेश से खेलने की सलाह दी थी। आज अंकुश भारतीय क्रिकेट अंडर-19 का अहम हिस्सा हैं। जर्सी न. 1 के धारक अंकुश ने आस्ट्रेलियाई दौरे में त्रिकोणीय सीरीज के पहले ही मैच में उम्दा परदर्शन करते हुए शानदार 64 रन ठोक डाले और मैन ऑफ द मैच का खिताब भी जीता। अंकुश ने रोहतक रोड जिमख़ाना क्लब को लगभग छ: वर्ष पहले ही जॉइन किया था। उसके बाद तो इतिहास बन गया।

चेन्नई में आयोजित क्रिकेट कैंप के दौरान इसी संवाददाता से फोन पर हुई बातचीत में भरोशा दिलाया कि वह आगामी मैचों में बढ़िया प्रदर्शन कर क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लेगा। वह विराट कोहली का बड़ा प्रशंसक है। लेकिन वह पूर्व आस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट का दीवाना है और गिलक्रिस्ट को अपना रोल मॉडल मानता है। अंकुश फ्रंट फुट पर खेलना पसन्द करते हैं वह मैदान के चारों तरफ शाटों को खेलते हैं लेकिन कवर ड्राइव उनको बेहद भाता हैं।

अंकुश को धर्मशाला व बिलासपुर के क्रिकेट स्टेडियम बहुत अच्छे लगते हैं। वह क्रिकेट की सुर्खियों में तब आया जब अंडर-13 की टीम के लिए चुने गए। और हिमाचल की और से मुंबई के खिलाफ 150 रन बनाए तथा स्कूली टूर्नामेंट में 175 का विशाल स्कोर बना डाला। अंकुश के बचपन में उनके स्कूली कोच संजीव ने भी क्रिकेट कौशल को निखारने में अहम भूमिका अदा की है। अंकुश ने माउंट आबू स्कूल, रोहिणी, दिल्ली की तरफ से खेलते हुए भी कुछ अनोखे रिकार्डों को बनाते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाई। वह दिन में सुबह व शाम दोनों समय 4-5 घंटे नियमित रूप से व्यायाम करता है।

अंकुश ने त्रिकोणीय श्रंखला के फ़ाइनल मैच (12जुलाई) में पाँच चौके व एक छक्के की मदद से नाबाद रहते हुए 40 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में आठ विकेट से रौंद डाला। अंकुश अब श्रीलंका के दौरे के लिए 17(जुलाई) तारीख को रवाना होगा। उसे पूरा भरोसा है कि वह आगामी श्रंखला में भी उम्दा प्रदर्शन करेगा।

अंकुश के पिता कतकार सिंह भी अपने बेटे की उपलब्धि के लिए अपने आपको बड़ा गौरवशाली पिता समझते है। सिंह हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ से मिले प्रोत्साहन व सहयोग के लिए भी आभार व्यक्त करते हैं जिसकी वजह से ही अंकुश को क्रिकेट में चमकने का मौका मिला। क्रिकेट के अलावा अंकुश हिन्दी फिल्में देखने का शोकीन है। अभी हाल में उसने फुकरे फिल्म देखी। उन्हे सिने स्टार सलमान खान व तनुसखा शर्मा का अभिनय बेहद पसन्द है। वह कम्प्युटर पर व्यस्त रहना पसन्द करता है।