साहिब सिंह का विवाह 1954 में साहिब कौर से कर दिया गया, जिनसे उनके पाँच सन्तान हुईं; दो बेटे व तीन बेटियाँ। परन्तु समाज सेवा में सदा अग्रणी रहे. वे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व तेरहवीं लोक सभा में 1999 से 2004 तक सांसद भी रहे। वे सन 1996 से 1998 तक दिल्ली के बेहद लोकप्रिय मुख्यमंत्री भी रहे। वे 1996 से 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर भी रहे। गौरतलब है कि दिल्ली में मेट्रो ट्रेन योजना को कार्य रूप देने में उनकी प्रमुख भूमिका रही. वर्ष 2002 में उन्हें भाजपा के वरिष्ठतम नेता श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी सरकार में केन्द्रीय श्रम मंत्री पद पर नियुक्त किया। 30 जून्, 2007 को जयपुर-दिल्ली हाईवे पर एक कार दुर्घटना में अचानक उनका देहान्त हो गया।
यूँ तो मुझे वर्मा जी के साथ संग रहने का कई बार अवसर मिला लेकिन २६ जनवरी, वर्ष २००१ को आए विनाशकारी भूकम्प से पीड़ित ग्रामीणों के स्वाभिमान नामक गाँव बसाकर स्थानीय लोगों को नव जीवन प्रदान किया उसे मैं आज भी नहीं भुला पाया. मुझे गुजरात में उस समय उक्त गाँव की स्थापना के दौरान स्वर्गीय श्री वर्मा जी के आदेश व सानिध्य में समाज सेवा करने सुअवसर मिला. इस दौरान, मैंने उनसे कर्मठता, अनुशासन, समाज सेवा, कार्य करने की लगन, ईमानदारी, मानवता, जनहित जैसे गुर सीखने का मौका मिला. मेरे राजनैतिक जीवन में उन गुणों को अपनाकर अनेक सफलताएँ अर्जित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जो आज भी जारी है. आज देश को ऐसे ही जुझारू, ईमानदार, कर्मठ, बुजर्गों व नारी को सम्मान देने वाले समाज सेवक तथा जमीन से जुड़े सच्चे देशभक्त नेता की जरुरत है. आज मैं भी ऐसे महान नेता के गुणों को अपने जीवन में अनुसरण कर अपने समाज में सेवक के रूप में कार्यरत हूँ तथा अपने युवा साथियों से गुजारिश करता हूँ कि हम आज से शपथ लें कि हम भी इस महान नेता की ही भान्ति देश की सेवा के लिए सदा आगे रह कर अपने परिवार, समाज, राज्य व देश का नाम रोशन करें.
जय हिन्द, जय भारत
राजेश गहलोट (मोबाइल: 9818168485)
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