माँ तू साक्षात् भगवान् ही है …….!!!

सुमन तनेजा 

माँ,
आज सोचा मैने,
तोहफे में कुछ खरीद लूँ तेरे लिये ,
तो तू खुश हो जाएगी न मुझसे……!!!!
पर तू तो कभी नाराज़ ही नहीं होती मुझसे…!!!!
आशीर्वाद भी बस तू तो देती रहती है मुझे !

कभी पूछो तो ………..!
कभी कुछ चाहिये भी नहीं होता तुझको!!!
सभी कुछ तो तेरा ही दिया है मेरे पास !!!!!

क्या दूँ तुझे ~~~~~~~~~?
आज वादा देता हूँ…………माँ
प्यार में कमी नहीं आने दूंगा….,
तेरी मुस्कुराहटें है
आज से दायित्व मेरा………,
तेरे दर्शन से ही माँ
निकलेगा सूरज मेरा………!!!!!

तेरे चरणों में ही स्वर्ग होगा मेरा.!!!!
बस एक वादे पर तूने
सब कुछ न्योछावर कर डाला,

माँ तू साक्षात् भगवान् ही है …….!!!
पर अनजाने में ही यह क्या ….
तुझे मैंने पत्थर कर डाला
पत्थर कर डाला ……………
और दे दी केवल एक माला
एक माला