बदलते समय के साथ बहुत कुछ बदल रहा है। बदलाव की इस कड़ी में गुरू-शिष्य परम्परा में भी व्यापक बदलाव आया है। आज शिक्षकों की जिम्मेदारी विद्यार्थियों को पढ़ाने, मार्गदर्शन के साथ उनकी भावनाओं को जानकर उन्हें सही दिशा देना हैं। ऐसे में ‘टीचर्स डे’ पर अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का उत्साह ही अलग होता है। बात करें टीचर्स की, तो इस दिन वे भी बच्चों की खुशी व उत्साह में शामिल हो जाते हैं। प्रतिभा और उत्साह की ऐसी ही झलक मिली ‘अपार इंडिया ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस’ के रोहिणी, नेताजी सुभाष प्लेस (पीतम पुरा), करोल बाग एवं द्वारका स्थित अध्ययन केन्द्रों में आयोजित ‘टीचर्स-डे सेलिब्रेशन’ में। इस अवसर पर अधिकांश प्रतिभाशाली छात्रा-छात्राओं ने परफार्म किया।
रोहिणी-एन.एस.पी.(पीतम पुरा) केन्द्र में जतिन डांगी, कल्याणी जैन, कोमल एवं खुशबू आदि ने भावपूर्ण एवं प्रेरणाप्रद प्रस्तुति से उपस्थितजनों का मन मोह लिया। वहीं करोल बाग केन्द्र में सोनाली, वंदना, यतिका, शिव प्रकाश, प्रवीण, शैलेश, कपिल एवं सागर आदि की प्रस्तुति सराहनीय रही। द्वारका केन्द्र में अपारियंस द्वारा स्त्री-शिक्षा पर आधारित हरियाणवीं लघु नाटिका की प्रस्तुति प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रही। इस अध्ययन केन्द्र में शिवानी गौर, नैना, आशु शर्मा, आरती, किशन सिंह एवं ललित पंत आदि ने बेहतरीन परफार्मेंस दी।
‘अपार इंडिया ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस’ के फाउंडर चेयरमैन श्री राजकुमार जैन ने कहा कि गुरू-शिष्य परम्परा भारतीय संस्कृति की अनुपम छवि को दर्शाती है। बदलते समय में शिक्षकों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। आज शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाने के साथ उनकी प्रतिभा को पहचानकर उन्हें सही दिशा देने की भूमिका भी बखूबी निभा रहे हैं। जिससे कि देश के भावी कर्णधरों का नैतिक विकास हो सके।
इस अवसर पर ‘अपार इंडिया ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस’ के डायरेक्टर श्री अपार जैन, असिस्टेंट डायरेक्टर प्रोफेसर सुधा राजगोपालन, एचओडी प्रोफेसर लक्ष्मी जोशी, आईटी हेड प्रोफेसर रीना खोसला सहित बड़ी संख्या में अन्य फैकल्टी उपस्थित थे।