‘घनचक्कर’ मेरी पहली कॉमेडी फिल्म है: विद्या बालन


प्रेमबाबू शर्मा 

‘नो वन किल्ड जेसिका’, ‘डर्टी पिक्चर’ और ‘कहानी’ जैसी महिला प्रधान फिल्मों के साथ विद्या बालन ने अपने अभिनय को इस कदर संवार लिया है कि वह हर किरदार में फिट ही नहीं होतीं, हिट भी होती हैं। यह उनका जलवा ही है कि वह इस साल अलग-अलग फिल्म अवार्ड्स फंक्शन में छाई रहीं। विद्या अब अपनी अपकमिंग फिल्म ‘घनचक्कर’ को लेकर चर्चा में हैं। साथ ही उनके खाते में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ी है, उन्हें कान फिल्म फेस्टिवल में जूरी में शामिल किया गया। इन दिनों विद्या के हौसले बुलंद हैं। पेश है, विद्या बालन से हुई लंबी बातचीत के प्रमुख अंश।

सबसे पहले अपनी अपकमिंग फिल्म ‘घनचक्कर’ के बारे में बताइए?
‘घनचक्कर’ यह एक कॉमेडी फिल्म है जो 28 जून को रिलीज होगी। राजकुमार गुप्ता के डायरेक्शन में बनी है। इस फिल्म में मैं और इमरान हाशमी लीड रोल में हैं।

फिल्म में आने रोल क बारे में बताएं ?
इस फिल्म में मैं इमरान की बीवी बनी हूं, जो पंजाब की तेजतर्रार लड़की है। फिल्म में इमरान का नाम संजू है। वह दो ठगों के चक्कर में फंस जाता है और फिर शुरू होता है उनका घनचक्कर।

पहली बार कॉमेडी करने का एक्सपीरियंस कैसा रहा?
‘घनचक्कर’ मेरी पहली कॉमेडी फिल्म है। फिल्म में काम करने का अच्छा एक्सपीरियंस रहा। फिल्म में मैं काम करके काफी खुश हूं। लेकिन मुझे डर भी है कि पता नहीं अपने दर्शकों को हंसा पाऊंगी या नहीं। लोगों को हंसाना टेढ़ी खीर है। वैसे इस फिल्म ने अपने प्रोमो में ही बहुत तारीफ बटोरी है।


‘घनचक्कर’ में भी आप हॉट नजर आएंगी?
हॉट तो मैं ‘डर्टी पिक्चर’ में थी, लेकिन ‘घनचक्कर’ का केस उससे अलग है। ‘घनचक्कर’ में मैंने साड़ी को बॉय कर दिया है। दरअसल, इस फिल्म में मैं पंजाबी हाउस वाइफ के रोल में हूं, सो इस रोल को अच्छे से निभाने के लिए मैं फिल्म में हैरम सलवार, टी-शर्ट और रबर सैंडल पहने नजर आऊंगी। इसमे मैं एक टिपिकल हाउस वाइ हूं, जिसका सपना हर महिला की तरह यही है कि उसका पति उसे यूरोप घुमाने ले जाए।


आपकी ‘नो वन किल्ड जेसिका’, ‘डर्टी पिक्चर’ और ‘कहानी’ जैसी महिला प्रधान फिल्में हिट रहीं। इस पर क्या कहेंगी?
दरअसल, बॉलीवुड में एक शोर किया गया है कि यहां महिला प्रधान फिल्में नहीं चलतीं, जबकि मेरी फिल्मों ने सबको चुप करा दिया। मैंने तो हिट की हैट्रिक भी लगाई। हालांकि मुझसे पहले भी कई एक्ट्रेसेस ने इस धारणा को तोड़ा है। अब लोगों की पसंद बदली है। लोग फिर से स्क्रिप्ट और किरदारों को तवज्जो दे रहे हैं। हमें इस नए चलन का स्वागत करना चाहिए।

कहीं ऐसा तो नहीं कि आपकी फीमेल ओरिएंटेड फिल्में हिट होने की वजह से आपके पास इसी टाइप की फिल्में आ रही हैं?
हो सकता है कि आप सही कह रहे हों, लेकिन मैंने कभी अपने को किसी तरह के दायरे में नहीं रखा। ऐसा नहीं है कि मैं सिर्फ महिला प्रधान फिल्मों में ही काम करूंगी। अगर मेरे पास अच्छी फिल्में आती हैं, जो हीरो ओरिएंटेड हैं और उनमें मेरे लिए भी कुछ करने को है, तो मैं उन्हें जरूर करूंगी।