महिला प्रधान किरदार है,एयर लाइन्स में: टयूलिप जोशी


प्रेमबाबू शर्मा  

हिन्दी, पंजाबी, कन्नड़, तेलुगु और मराठी में फिल्में कर चुकी टयूलिप जोशी ने अपना करियर बतौर माॅडल किया। मिस फैबिना का खिताब पाने के बाद मे टयूलिप जोशी ने बतौर माॅडल पेप्सी,कोका कोला, पाॅड्स, सियाराम… सहित कई विज्ञापन किये। संगीतकार नुसरत फतेह अली खान ने भी इनको एक अलबम में मौका दिया। एक लंबे गैप के बाद मे इन दिनों टयूलिप चर्चाओं में स्टार प्लस नारी प्रधान टीवी शो ‘एयरलाइंस हर उड़ान एक तूफान’ के किरदार को लेकर। वह अपने करियर को लेकर क्या सोचती है,जानते है उनकी ही जुबानी:


आपने फिल्मोें में कदम कैसे रखा ?

अभिनय के प्रति लगाव शौक तो था।सन् 2000 में मुझे मिस फैमिना चुना गया। इसके बाद फिल्म और विज्ञापनों में काम करने के प्रस्ताव आने लगे। जिन्हे मैने सहजता से स्वीकार लिया।

आपने किन किन फिल्मों में काम कर चुकी है ?
मैने हिन्दी, पंजाबी, कन्नड़, तेलुगु और मराठी लैग्वेज फिल्मों में काम किया। जिसमें मेरे यार की शादी है, धोखा, आई एम सिंह, होस्टल, रनवे के नाम प्रमुख है।


आपने एक लंबे समय तक किसी फिल्म में काम नही किया इसकी कोई खास वजह ?
असल में मुझे मेरी पंसद के रोल आफर नही मिला था,जो फिल्में मिली उसमें मेरा रोल ना के बराबर था। मेरा मानना है,अगर फिल्म की विषयवस्तु अगर अच्छी हुई तो फिल्में हिट होगी तो उसका श्रेय कलाकारों को मिलता है और अच्छी कमाई करती हैं लेकिन अगर कहानी ढंग की ना भी हुईं तो मुनाफा तो कमा ही लेती हैं।

फिल्में के बाद आप छोटे परदे पर इंट्री ले चुकी है। क्या सोचती इस नये टीवी शो को लेकर ?मैं काफी उत्साहित हॅू शो ‘एयरलाइंस हर उड़ान एक तूफान’को लेकर। दरअसल मेरा सपना पायलट बनने का था और बन गई,अभिनेत्री। जब मैं छोटी थी तो उड़ने के सपने देखा करती थी। मेरा मानना है कि यह बहुत चुनौतीपूर्ण काम है लेकिन इसमें बहुत रोमांच भी है।

इस शो से कैसे जुडी ? शो में और उसमें मेरी भूमिका बारे में बताया गया तो यह मुझे बहुत रोमांचक लगा।

किस तरह का किरदार है ?‘एयरलाइंस में मेरां अनन्या का किरदार है जो पहले कभी टीवी पर नहीं देखा गया है। एपिसोड के पहले ही सीन से यूनिफॉर्म में एक महिला। एक औरत जो बहुत महत्वाकांक्षी है, फिर भी अपने मूल्यों और सिद्धांतों को लेकर बेहद ईमानदार है। वह बिल्कुल वास्तविक और सहज है, जिससे यह भूमिका निभाना खास कठिन नहीं था। मुझे उम्मीद है कि दर्शक अनन्या और उसकी यात्रा को पसंद करेंगे।

इस कहानी पर उडान,सारा आकाश …जैसे फिक्शन शोज स बन चुके है फिर यह शो किस प्रकार अलग है? इस शो को महज इसलिए ‘अन्य’ से कम्पेयर नहीं किया जा सकता। हालांकि वह भी एक ईमानदार और बहादुर महिला पायलट की कहानी है। बेशक दोनोंशो का बैकग्राउंड एयर प्लेन हैं लेकिन सब के इश्यूज अलग हैं। मसलन हाई-रिस्क और साहसिक करियर होने के कारण इसने युवाओं को अपनी ओर आकर्षित तो खूब किया है लेकिन इसे महिलाओं के लिये कभी हॉबी या पूर्णकालिक करियर की तरह नहीं देखा गया। लेकिन अब वक्त बदल गया है और इसमें मौजूद खतरों और आशंकाओं से बिना डरे महिलाएं एविएशन इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना रही हैं। 


चर्चा है कि यह किरदार महिलाओं का प्रतिनिधित्व करता नजर आएगा?जी हाॅ। महिलाएं हर क्षेत्र में खुद को साबित कर रही हैं। कार्य क्षेत्र में महिलाओं के प्रति लोगों का नजरिया भी बदल रहा है। पायलट अनन्या भी एक जुझारू महत्वाकांक्षी और सिद्धांतवादी महिला है, उस की कहानी उन शहरी महिलाओं के सपनों के बारे में बतायेगी, जो अक्सर पूरे नहीं हो पाते। वह ज्यादातर उन भारतीय महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती है जो परंपरा और आधुनिकता का संतुलन बिठाने की कोशिश में लगी हैं।यह अपने आप में काफी चैलेंजिग भूमिका हैं.

किरदार में वास्तविक लगे, इसके लिए कोई खास तैयारी की?
मैंने पायलटों के बॉडी लैंग्वेज का अध्ययन किया और उनके हाव- भाव पर ध्यान दिया। इंडस्ट्री और इससे जुड़े मुद्दों को समझने के लिए मैंने कई तकनीकी जानकारी जुटायीं। मुझे सबसे पहले तो बहुत सारी तकनीकी जानकारियों की जरूरत थी। 

आपका वास्तविक सपना भले ही पूरा ना हुआ, लेकिन परदे पर किरदार से रिलेट करती हैं?जी हाॅ। बचपन से ही मैं हमेशा से पायलट बनना चाहती थी। जब मैं छोटी थी तो उड़ने के सपने देखा करती थी। मेरा मानना है कि यह बहुत चुनौतीपूर्ण काम है लेकिन इसमें बहुत रोमांच भी है। मुझे खुशी है कि कम से कम मुझे परदे पर अपने सपने को पूरा करने का मौका मिला। 

इस शो से जुडकर कैसा महसूस कर रही है ?एक सपने की तरह । भले ही असल जिंदगी में मेरा सपना साकार ना हुआ हो,लेकिन परदे पर काम करते हुए एक अधूरा सपना पूरा होता नजर आ रहा है। यही कारण है, मुझे काम करने में खासा आनंद आ रहा है।