सपने उनके सच्च होते हैं , जिनके सपनो मे जान होती है! पंख़ोन से कुछ नही होत, होंसलोन से उडान होती है! यह कहावत सच्च साबित होती हैं हिमाचल के एक छोटे से गांव अम्बाडी के निवासी ने ! भारतीय जल सेना मे कार्यरत हिमाचल निवासी सुरेंद्र डोगरा ने अपनी मेहनत ओर लगन के बल पर नाविक जैसे साधारण पद से लेफ्टिनेंट जैसे महतवपूरण पद पर पदोन्नत होकर अपने माता – पिता एवम ईलाके का नाम रोशन किया है ` 43 वर्षीय सुरेंद्र डोगरा सन 1993 मे उस समय जल सेना मैं शामिल हुए जब वे 12 वी मे पढ रहे थे ! लेकिन इन्होने अपने भीतर की आग को कभी बुझने नही दिया ! कठिन ड्युटी के साथ-साथ इन्होने अपनी पढाई भी जारी रखी तथा एम ए, एम फिल , एम बी ए , आर एम पी जेसी 12 अन्य योग्यताओन के साथ-साथ पतंजली विश्व विद्यअल्य से योगाचार्य एवम रीकी मे ग्रेन्ड मास्टर की उपाधियान भी प्राप्त की !
सुरेंद्र डोगरा ने बताया कि एस एस बी प्रतियोगिता दुनिया की कठिनतम प्रतीकशओन मे से एक है ! उन्होने बताया कि उनका येह सफर आसान नही था ! इस दोरान कई अपने साथ छोड दुनिया से चले गये ! लेकिन उनके आशीर्वादे एवम द्रिढ इछाशक्ती ने यह सम्भव कर दिया ! देशभक्ति की भावना से ओत् –प्रोत सुरेंद्र डोगरा का कहना है कि देश की समुद्री सीमाओन की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है ओर प्राणो की बाजी लगाकर भी हम इस देश पर आंच नही आने देंगे !