दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव हिमालयन वैलोसिटी भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गेयटीथियेटर शिमला में आयोजित हुआ। समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की और महोत्सव के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए ।
इस अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में फिल्मों की विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया था, जिसके आधार पर श्रेष्ठ फिल्मों को चयन किया गया। इसमें अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में श्रेष्ठ लघु फिल्म में बीडी तौकिर इस्लाम निर्देशित बंगलादेशी फिल्म ‘आईना मिरर’ चुनी, इसी श्रेणी में स्पेशल जयूरी अवाॅर्ड निर्देशक अहिसीफ खान की कि बंगलादेशी फिल्म ‘दि पोस्टर’ को मिला। बेस्ट ड्रोकोमंटरी नेपाली फिल्म ‘भागयेले बाछे कहारू’ चयनित की गई। इसके निदेशक गनेश पांडे है। इसी में स्पेशल ज्यूरी अवाॅर्ड ड्रोकोमेटरी, निदेशक कोलिन गराहम और लोरा गराहम की फिल्म आऊट कास्ट यूके को मिला।
फिल्म के निर्माता राजेश कुमार जैन ने बताया कि ‘ब्लू माउंटेन्स’ की कहानी एक बच्चे के गायक की संघर्ष को दिखाती है जो कि अपने माँ के सपनो को पूरा करता है। उन्होंने बताया कि ‘आजकल बच्चे असफलता से निराश होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाने का मजबूर हो जाते है ‘ब्लू माउंटेन्स के माध्यम से बच्चो का आत्मबल और मनोबल बढ़ने की कोशिश की है।
राष्ट्रीय श्रेणी में बेस्ट ड्रोकोमेटरी का अवॉर्ड झारखंड रांची के निदेशक बीजू तोपू की फिल्म ‘हंट’ को मिला जबकि अन्य स्पेशल ज्यूरी अवार्ड ड्रोकोमेटरी, जलालू ददीन बाबा निर्देशित जे एंड के की फिल्म श्रुडिड पराडाइंस और इस श्रेणी के अंत में बेस्ट म्यूजिक वीडियो स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन रोहतक की ‘सात फेरे’ विडियो ने जीती, जिसके निर्देशक अमित कुमार है। अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की राज्य श्रेणी में श्रेष्ठ लघु फिल्म का अवाॅर्ड मानवर राणा निर्देशित ‘राम भरोसे’ स्पेशल ज्यूरी अवाॅर्ड, इनफिनिट स्पेस को मिला, जिसके निदेशक सिद्धांत चैहान है।
फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन सुबह से शाम तक कई फिल्में दिखाई गई। इसमें ब्रिणा फिल्म भी दिखाई गई। जिसे लोगों हिमाचल प्रदेश में बनी फिल्म ब्रिणा हिमाचल की एक लोक कथा पर आधारित है, जिसे पूरे हिमाचली परिवेश में ढाला गया है। ब्रिणा का मतलब है विवाह के लिए ऋण। ये एक दंत कथा है आज भी बसोए से एक दिन पहले मंडी के पिंगला गांव में पानी के पास मेला लगता है और पूरे रीती रिवाज के साथ दूल्हा दुल्हन की प्रतीक गुड्डे गुड्डियों की शादी कराई जाती है। इस फिल्म में हिमाचली प्रतिभा एवं मुम्बई फिल्म जगत में स्थापित कलाकारों का अनोखा संगम है। हिंदी फिल्मों के जाने माने अभिनेता संजय मिश्रा बपक सीरियल से चर्चित आदित्य श्रीवास्तव राजेश जैसे मंदाकनी गोस्वामी हिमाचल के रहने वाले नीरज सूद जो मुंबई में अपना स्थान बना चुके हैं फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभा रहे हैं।हिमाचल के दो नए चेहरे जिन्होंने अपनी गजब की अभिनय प्रतिभा का परिचय दिया है वो हैं शिमला निवासी आस्था सावंत और मंडी के अंशुल कुमार दोनो कलाकारों ने फिल्म में मुख्य किरदार अदा किए हैं। वहीं फिल्म के संगीत निर्देशक मंडी के रहने वाले बालकिशन शर्मा और अरविंदर सिंह जो अब मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री का अहम् हिस्सा है। फिल्म के लेखक है मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री के जितेंद्र गुप्ता जिन्होंने मुम्बई की भागदौड़ से दूर हिमाचल में सुंदरनगर के मुरारी देवी रेस्ट हाउस के एकांत में इस फिल्म को लिखा।