किसी एक किरदार का टाइप्ड नही होना चाहती: मुस्कान हाशमी


प्रेमबाबू शर्मा  

बालीवुड अभिनेत्री मुस्कान हाशमी का कहना है कि वह किसी एक किरदार का टाइप्ड नही होना चाहती।
महज चंद फिल्मों के बाद ही सफल अभिनेत्री व वेस्ट डांसर का टैग हासिल कर चुकी अभिनेत्री मुस्कान हाशमी बेहद खूबसूरत लड़की है। फिल्म के सेट वह बेहद सहज और आत्मीय नजर आती हैं। किशोरावस्था में एक बार कमल हासन और माधुरी दीक्षित की फिल्में देखीं तो बस वहीं से एक्ट्रेस बनने का फैसला कर लिया। क्लासिकल डांस की विधिवत तालीम ली। दिल्ली में ही कई टीवी पायलट किये। फिर थियेटर से जुड़ गई और ढेर सारे नुक्कड़ नाटक किये। फिल्मों में अभिनय की शुरुआत मुंबई आने पर संघर्ष के दौरान काफी फालतू लोगों से दो.चार होना पड़ा। टीवी और फिल्मों के लिए ढेर सार ऑडिशन दिये। उसमें कामयाबी भी मिली।

हाल में ही मुस्कान ने मुंशी प्रेमचंद के लोकप्रिय उपान्यास ‘गोदान’पर लिखे नाटक का मंचन दिल्ली और इन्दौर में हुआ और दर्शकों ने उनके काम को पंसद भी किया। मुस्कान कहती है कि नाटक मेरी पंहली पंसद है, मैंे अब तक चालीस से नाटकों मेें काम कर चुकी है। मेरा मानना है कि रंगमंच वह विधा है,जहां कलाकार को अपनी प्रतिभा तराशने का मौका मिल जाता है। शाहरूख खान,ओमपुरी,अमरीशपुरी,नसरूददीन शाह,रत्ना पाठक,पंकज कपूर… जैसे मंझे कलाकार रंगमंच की ही देन है। फिल्मों में बहुरंगीय किरदार को जीने चाह रखने वाली मुस्कान हाशमी कहती है कि वह कला व कर्मशल दोनों ही तरह की फिल्में करना चाहती हैं,और फिल्म ‘मदर इंडिया’ में नरगिश द्वारा किये अभिनय की चाह है। पुरानी यादों को ताजा करते हुए मुस्कान ने कहा कि उनके माता पिता ही उनके प्रेरक रह है। जिन्होंने उन्हें बॉलीवुड में आने के लिए प्रेरित किया। वह उनके असीमित सहयोग के लिए उनके अहसानमंद हैं।