प्रेमबाबू शर्मा
अजी रूठ कर अब कहां जाईयेगा…..झूमका गिरा रे बरेली के बाजार में कहने वाली अभिनेत्री साधना शिवदासानी अब नहीं रही! उनकी उम्र 73 साल थी। मुँह के कैंसर के बाद से वे काफी दिनों से बीमार थीं। उनकी कैंसर सर्जरी भी हुई थी। साधना शिवदासानी ने साठ और सत्तर के दशक कई फिल्मों में काम किया। साधना ने अपने करियर की शुरुआत 15 साल की उम्र में 1955 में आई राज कपूर की फिल्म ‘श्री420’ से की थी। इसके बाद उन्होंने आरजू, वो कौन थी, मेरे मेहबूब, असली-नकली, हम दोनों, मेरा साया, एक फूल दो माली, लव इन शिमला, वो कौन थी और ‘वक्त’ समेत करीब 35 फिल्मों में काम किया। करीना कपूर की मां और बीते ज़माने की अदाकारा बबिता साधना की चचेरी बहन हैं।
2 सितंबर 1941 को कराची में जन्मी साधना ने मशहूर निर्देशक आर के नैयर से शादी की थी। बोलती सी आँखों वाली साधना को हिंदी फ़िल्मी दुनिया की पहली ‘फैशन आईकन’ माना जाता है। अपनी ख़ास अदा से अपने चाहने वालों को उन्होंने दीवाना बना दिया था। उनका हेयर स्टाइल भी उस ज़माने में खासा लोकप्रिय हुआ था, जो ‘साधना कट’ के नाम से मशहूर हुआ। उस दौर में फैशनेबल महिलाओं में ‘साधना कट’ बालों की जबरदस्त धूम रही। उनके हेयरस्टाइल के पीछे भी एक रोचक कहानी है। साधना सिंधी थिएटर में काफी बढ़ चढ़कर भाग लेती थी।
1958 में उनका चयन एक ऑडिशन के जरिए उस वक्त की मशहूर सिंधी अभिनेत्री शीला रमानी की छोटी बहन के लिए किया गया। इस सिंधी फिल्म का नाम ‘अबाना’ था जो सुपरहिट रही और इसके बाद ही हिंदी सिनेमा के दरवाज़े उनके लिए खुल गए। इस वक्त साधना की उम्र 16 साल भी नहीं थी जब निर्माता-निर्देशक शशधर मुखर्जी ने उन्हें ‘लव इन शिमला’ के लिए साइन किया और उनके लुक को थोड़ा बदलने के लिए साधना को ब्यूटी पार्लर ले जाया गया। निर्देशक आरके नारायण चाहते थे कि साधना का चौड़ा माथा थोड़ा सा ढंक जाए! इसलिए उन्होंने हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और ‘ब्रेकफास्ट एट टिफनी’ की नायिका ऑड्रे हेपबर्न का ज़िक्र करते हुए कहा कि उनके माथे पर जिस तरह फ्रिंज हैं, वैसी ही कुछ लटें इनके माथे पर भी ला दो। क्योंकि, साधना को ‘ऑड्रे’ के बारे जानकारी नहीं थी! किसी के पूछने पर उन्होंने कहा कि ये ‘साधना कट’ है। इस तरह पूरे देश में ‘साधना कट’ की दिवानगी शुरू हो गई।