धर्मवीर,पृथ्वीराज चैहान, झांसी की रानी, हातिम, श्री कृष्णा ….सहित 35 के लगभग धारावाहिको को निर्देशन कर चुके निखिल सिन्हा इन दिनों सुर्खियों में अपने नये धारावाहिक अब बाबा ऐसा वर ढूढों को लेकर। निखिल अब तक बतौर निर्देशक धारावाहिकों से जुडे रहे है। पहली बार वे बतौर निर्माता इस धारावाहिक का निर्माण
किया है।
निखिल सिन्हा का सपना था, कि वो सारी दुनियां के साथ अपने विचारो को बाटें. और उन्हें इस सपने को संजाने में कई वर्ष लग गये। लखनऊ से स्नातक और बचपन से ही उनका फोटोग्राफी के प्रति लगाव रहा है लेकिन सपने में भी उन्होंने नही सोचा कि एक दिन उनका यही शौक उनका पेषा बन जायेगा । लखनऊ से मुंमई में उनका शुरूआती सफर भले ही चुनौतीपूर्ण रहा किन्तु इस बीच मिले अनुभव ने उनको परिपक्क बना दिया। उन्होंने कैमरामैन के रूप में पिया का घर, कुसूम …. जैसे लोकप्रिय धारावाहिक निर्देशन किया और फिर कभी मुडकर नही देखा। कैमरामैन, निर्देशक और फिर धारावाहिक ‘बाबा ऐसा वर ढूढों’ के निर्माता बनने तक का सफर कैसा रहा जानते है उनकी ही जुबानी……
सर्वप्रथम अपने शो बाबा ऐसा वर ढूढों के बारे में बताइये?
यह एक भावनात्मक धारावाहिक है जिसका ताना बाना समाज में असमान्य लोगों की व्यथा और वेदना को परिभाषित करता है। इस शो की नायिका भारती समाज main अपने नाटे कद के कारण शर्मिदी महसूस करती है किन्तु उसके प्रेमी मुरली के लिए उनका असामान्य कद मायने नही रखता।
धारावाहिक की बेसिक थीम क्या है ?
दरअसल, यह धारावाहिक हमारे समाज की मानसिकता और दोहरे चरित्र को उजागर करता है। जैसे समाज में कोई भी इंसान किसी भी प्रकार से विक्षित हो उसे हीन भावना से देखा जाता है। उसी प्रकार हमारे धारावाहिक की नायिका है भारती…..अपने नाटे कद के कारण समाज में उपेक्षा कारण बनती है। धारावाहिक उसी के इर्द गिर्द घूमता है।
तो क्या भारती के साथ इंसाफ हो पाता है ?
यह तो कहानी का एक हिस्सा ही है। वैसे तो बंसी और जूही परिणय सूत्र में बंध चुके है अब उनकी जिंदगी मेें क्या क्या घटिग होगा…..बस रही रहस्य होगा…. अब जैसे जैसे कहानी का विस्तार होगा उसमें आपको कई ट्विस्ट नजर आयेंगे और बाबा ऐसा वर … की कहानी दर्शकों के मन पर अच्छा खासा असर छोडेगी।
धारावाहिक को देखने के बाद दर्शकों नजरिया क्या रहा ?
दर्शकों का अच्छा रिस्पोंस मिल रहा हंै । रोजाना हमारे पास ऐसे लोगों के ढेरो मेल आ रहे, जो हमारे धारावाहिक की नायिका भारती की ही तरह से नाटे कद के हैं। वे अपने विचार और कटु अनुभव हमारे साथ में शेयर करते है और अब हमारा भी यही प्रयास है कि उनकी व्यथा को अपनी नायिका का हिस्सा बना कर परदे पर उतारे।
लेकिन इस धारावाहिक का आइडिया कहां से आया क्योंकि आपके खाते दर्ज ज्यादातर धारावाहिक पौराणिक या ऐतिहासिक रहे है ?
आप का कहना ठीक है । मेरा हमेशा से एक ही प्रयास रहा है कि कुछ अलग किया जाये…। एक बार कुछ करते वक्त ,ख्याल आया कि बौने लेागों को भी कहानी हिस्सा बनाया जाये। मंैने इस बारे में इमेजिग चैनल में बात की उनको आइडिया पंसद आया और बस … काम शुरू हो गया …. बाबा ..धारावाहिक पर।
शो का हिस्सा किसी नामचीन कलाकार की अपेक्षा एक साधारण सी लडकी को बनाना और वो भी लीड रोल में इसकी कोई खास वजह ?
असल में मुझे जिस तरह के किरदार की तलाश थी वो सारे गुण धारावाहिक की भारती याानि जूही में नजर आये थे, दुसरी बात हमारा यह शो एक साधारण लडकी की कहानी को दर्शाता है इसके लिए नयी ही कलाकार की जरूरत थी । इसके अलावा और कोई वजह नही रही ।
विक्रांत तो इससे पूर्व में आपके ही धारावाहिक धर्मवीर का हिस्सा बन चुका है ?
विक्रांत ने धर्मवीर में काम कर चुका है और इन दिनों बालिका वधुु में श्याम के किरदार के द्वारा दर्शकों के बीच है। विक्रांत ही हमारे किरदार में फिट बैठता था, उसको लेने का यही कारण था । वह काम के प्रति जिम्मेदार है समय और परिथितियों के अनुसार समझौता भी कर लेता है।
इसके अलावा क्या चल रह रहा है ?
फिलहाल तो बाबा के काम में ही बिजी है। इसके समानांतर एक धारावाहिक अल्ला ऊदल पर काम चल रहा है।
आप अपने इस धारावाहिक से कोई संदेष देना चाहेगें ?
मेरा मानना है कि हम सब ईष्वर की दृष्टि में समान है तो फिर लोग षरिरीक रूप से विकलांग लोगों के साथ में भेदभाव क्यों करतें है। बल्कि ऐसे उपेक्षित लोगों को तो प्यार की जरूरत है।