गीता
आज की भाग दौङ भरी जिंदगी, ऊपर से काम का प्रेशर हम में से कई लोगों को तो याद भी न होगा कि पिछली बार कब खिलखिला कर हँसे थे। जबकी हँसना हम सभी के लिये अति महत्वपूर्ण है किन्तु हम उसे नजर अंदाज कर देते हैं। हँसने से हमारी जिंदगी किस तरह स्वस्थ एवं खुशनुमा हो सकती है उसी के बारे में आइये जानते हैं……
2) कार्टिसोल हार्मोन का स्तर उन लोगों में अधिक पाया जाता है जो उदास , ग़मगीन और असंतुष्ट रहते हैं । यह हार्मोन अवसाद, तनाव , मानसिक झुंझलाहट तो पैदा करता ही है साथ ही साथ सामान्य रक्तचाप, धड़कन, मन्श-पेशियों में तनाव और पसीने का स्तर भी बड़ा देता है । एक रिसर्च के अनुसार ऑक्सीजन की उपस्थिती में कैंसर कोशिका और कई प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया एवं वायरस नष्ट हो जाते हैं। ऑक्सीजन हमें हँसने से अधिक मात्रा में मिलती है और शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र भी मजबूत हो जाता है। हंसने से त्वचा की प्रतिरोधक क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होती है । अधिक हंसने वाले लोगों के ई . ई .जी . में अल्फा तरंगों [ 8 – 1 3 साइकल्स / सेकंड ] की बहुलता देखी गई है यह तरंगें तनाव शामक होती हैं और मांस पेशियों को शिथिल करती हैं ।
4) हँसने से सकारत्मक ऊर्जा भी बढ़ती है, खुशहाल सुबह से काम का माहौल भी खुशनुमा होता है। हंसी हमारे स्नायुमंडल और ज्ञान तंतुओं का परिमार्जन करती है । इस का सीधा प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है । धीरे धीरे हमारी चेतना और बुद्धि की उन्नति होने लगती है और हम सूक्ष्म विषयों को समझ सकने और ग्रहण का सकने में समर्थ होते चले जाते हैं । क्यों न हम सब दिन की शुरुवात अपने ही क्षेत्र के सफल लोगो से बात कर प्रसन्न और उत्साहित मन से जोरदार हँसी के साथ करें।
6)प्रसन्न चित होकर बात करना , थोडा मुस्कराते जाना प्रभाव डालने का बहुत अच्छा तरीका है । थोडा मुस्कराने से चहरे के आस पास की नसें इस प्रकार तनती हैं की उनमें मस्तिष्क की प्रभावशाली विद्युत धारा खिंच जाती है । यह केवल उन नसों में होकर होठों या गालों पर ही प्रदर्शित नहीं होती है वरन नेत्रों में भी उसका एक बड़ा भाग पहुंचता है और वे भी चमकने लग जाते हैं । वैज्ञानिक यंत्रों द्वारा इस बात की पुष्टि हो चुकी है की हँसते हुए चहरे में साधारण दशा की अपेक्षा करीब 5 गुना विद्युत अधिक होती है । यह दूसरों पर आश्चर्यजनक प्रभाव डालती है और जब लौट कर आती है तो रक्त संचार और सानु मंडल पर बड़ा हितकारी प्रभाव डालती है ।
प्रकृति भी हमें संदेश देती है- बारिश के बाद खिली धूप, सतरंगी इन्द्रधनुष , खिले हुए रंग -बिरंगे फूल , उडती तितलियाँ , आह्लादित कोयल की कुहू -कुहू , लहलहाते हरे भरे पेङ अपनी खुशी का एहसास दिलाते हैं। उनकी इसी खुशी को देख कर हम सब का मन भी खुश होता है, उसी तरह जब हम सब खुश एवं स्वस्थ रहेंगे तो अपने आसपास का वातावरण भी खुशनुमा बना सकते हैं।
सोचिये अगर जरा सी मुस्कान से फोटो अच्छी आ सकती है तो खुलकर हँसने से जिंदगी की तस्वीर कितनी खूबसूरत हो सकती है। जब स्वास्थ और सामाजिक क्षेत्र में हँसी के अनगिनत फायदें हैं, तो हँसना तो लाजमी है। और यकीन मानिये दुनिया का बड़े से बड़ा काम जोश, जूनून और भरपूर उत्साह से ही पूरा होता है। हंसी यह बतलाती है की आप अपने से प्रेम करते हैं । हंसी स्वयं के लिए हैं । यह अपनी शक्तियां अर्जित करना हैं । यह हीलिंग हैं । हंसी शारीरिक , मानसिक और आध्यत्मिक स्वास्थ्य प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ट माध्यम है । हँसना स्वयं के लिए दिव्यता प्राप्त करना है ।
इसलिए मुस्कराते रहिये…
धन्यवाद !!!!