डॉ. आम्बेडकर सामाजिक चेतना मंच (पंजी) द्वारका, नई दिल्ली के तत्वाधान में दिनांक 14 अप्रैल, 2016 को विश्वरत्न महामानव डॉ. बी.आर.आम्बेडकर जी का 125वां जन्म दिन द्वारका में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। आज के परिदृश्य में डॉ. आम्बेडकर के विचारों को सम्पूर्ण विश्व समझने और मानने लगा है।
इस अवसर पर गत वर्षों की तरह कार्यक्रम तय समय से प्रारंभ हुआ। सम्पर्ण द्वारका को जोड़ने के मकसद से इस बार कार्यक्रम के स्थान में परिवर्तन किया गया मंच की कार्यकरणी ने दो सप्ताह पूर्व जयन्ती के कार्यक्रम को लोगों के घर-घर जाकर बताया तथा समाज को एक सूत्र में जोड़ने की कड़ी में मंच की दूरभाषिका का द्वितीय संस्करण लोगों के घर-घर पहुंचाया। कार्यक्रम का सुभारम्भ सुप्रसिद्ध अम्बेडकरवादी मास्टर शिव वचन बोध व उनकी टीम ने बुधवंदना से शुरु किया तथा मिसनरी बाबा साहेब के गीतों का समा बंधा। लोगों ने मंत्रमुग्ध होकर संगीत का आनंद लिया। मंच की और से आमंत्रित अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने आकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई तथा आपस में एक दूसरे को बधाई संदेश दिया।
गहन कार्यक्रम के बीच में प्रातः से ही गहमागहमी रही। जिसमें दोपहर को मंच की और से सर्वजन के लिए प्रसाद का वितरण किया गया। मंच के सदस्यों ने द्वारका व उसके आसपास डॉ आम्बेडकर जी के जन्म दिवस के कार्यक्रमों में भाग लिया तथा बाबा साहेब के विचारों तथा संदेशों को लोगों तक पहुंचाने का आव्हान किया। समय से अतिथियों ने कार्यक्रम का उदघाटन दीप जलाकर अपने-अपने श्रद्धा सुमन बाबा साहेब को अर्पित किए। बाद में आम लोगों ने बारी-बारी से बाबा साहेब की प्रतिमा पर फूल चढ़ा कर अपना अभिनन्धन प्रकट किया। मंच की अध्यक्षता कर रहे सचिव ने मंच का परिचय दिया व प्रधान के साथ-साथ अतिथियों को पुष्प व वस्त्र पट्टिका देकर स्वागत किया। मंच का संचालन मंच के दो वरिष्ठ सदस्यों द्वारा किया गया।
सर्वप्रथम माननीय श्री टी.तीथन जी, आई.ए.ए.स.(सेवानिवृत) ने बाबा साहेब के योगदान की चर्चा की तथा सेवा के क्षेत्र, निर्वाचन व महिला अधिकार की पुरजोर वकालत कर अपना व्याख्यान दिया। तदुपरांत डॉ. सरमन सिंह जी (प्रो.बायो माइक्रोलॉजी, एम्स) ने अपने सारगर्भित भाषण में लोगों को बाबा साहेब की विचार धारा को अपनाने की बात रखी। उन्होंने जोर देकर बताया की अब हमें शासित नहीं शासक बनना होगा। तभी अपने विकास के रास्ते खोल पाएंगे। तीसरे वक्ता के रूप में श्री प्रेम प्रकाश आई.पी.एस. (आईजी, उत्तर प्रदेश) ने सत्ता के महत्व पर उन लोगों की ओर इशारा किया जो लोग अपने लाभ के लिए बाबा साहेब की बात कर सत्ता तो पा लेते है, परंतु समाज व देश के लिए करते कुछ नहीं। मुख्य अतिथि श्री ए.एम.गोन्दाने जी, विशेष सचिव, विदेश मंत्रालय ने अपने भाषण में बड़े ही मार्मिक ढंग से बताया कि सत्ता अंतिम लक्ष्य जरूर हैं परंतु उसे पाने के लिए बाबा साहेब के तीनों वचनों को और बाइस प्रतिज्ञाओं को ध्यान में रखकर अमल में लाना होगा। आप लोगों को बाबा साहेब के सपनों को साकार करना होगा। इसके लिए आपको नकारात्मक सोच को छोड़कर सकारात्मक सोच के साथ सतत प्रयत्नशील रहना होगा। अतिथि ने सभी को बधाई भी दी। सभी अतिथियों ने प्रधान व सचिव के सहयोग से दसवीं और बारहवीं के प्रतिभाशाली बच्चों को पुरुस्कार के रूप में ममेंटो व भारतीय भारतीय संविधान के प्रतिलिपी उनके माता-पिता के साथ स्टेज पर आमंत्रित कर प्रदान की। लोगों ने उनके उत्साह में ध्वनिमत से ताली बजा कर स्वागत किया।
कार्यक्रम के समापन भाषण में मंच के प्रधान ने बड़ी शालीनता से भारतीय संविधान के अनुच्छेद व अनुसूचियों का उल्लेख किया तथा कहा कि हमारे प्रत्येक घर में संविधान की प्रति होनी चाहिए। आज के समय में हमारा यही पवित्र ग्रन्थ है जिसके सहारे हम बुद्धमय तथा बाबा साहेब कि सपनों का भारत बना सकते हैं। सभी के कार्यक्रम में सरीक होने की बधाई दी तथा कार्यक्रम को सफल बनने में सभी सहयोगियों का आभार प्रगट किया। तत्पश्चात सभी उपस्थित जनसमूह ने भोजन किया एवं प्रेमपूर्वक आयोजन का समापन हुआ।