भारत विकास परिषद् मना रहा है अपना “राष्ट्रीय स्वर्ण जयंती समारोह“

अपनी उपलब्धियों की अनगिनत यादें समेटे भारत विकास परिषद् अपने स्थापना का स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है। इसी उपलक्ष्य में रविवार, 7 जुलाई को इंडियन इंटरनेशनल सेंटर,लोधी रोड, नई दिल्ली में स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया गया है। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर सी लाहोटी और जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व श्री राज्यपाल जगमोहन जी, बिहार के पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति रामा जोइस, हिमांचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति वी.एस. कोकजे सहित कई अन्य विशिष्ट अतिथियों ने समारोह में भाग लेने की स्वीकृति प्रदान की है। इस अवसर पर भाविप के राष्ट्रीय महामंत्री श्री सुरेन्द्र कुमार बधवा, आयोजक प्रान्त भाविप दिल्ली प्रदेश उत्तर के मुख्य संरक्षक श्री महेश चन्द्र शर्मा, प्रमुख परामर्शदाता एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री भूपेन्द्र मोहन भंडारी, भाविप दिल्ली प्रदेश उत्तर के अध्यक्ष श्री राजकुमार जैन, महासचिव श्री संजीव मिगलानी एवं कोषाध्यक्ष श्री बी बी दिवान सहित बड़ी संख्या में विभिन्न प्रान्तों के पदाधिकारी तथा अन्य गणमान्य मौजूद रहेंगे।

भाविप दिल्ली प्रदेश उत्तर के मुख्य संरक्षक श्री महेश चन्द्र शर्मा एवं प्रमुख परामर्शदाता श्री भूपेन्द्र मोहन भंडारी ने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी के विचारों से प्रेरणा लेकर समाज के विचारशील,समर्पित एवं उत्साही व्यक्तियों द्वारा 10 जुलाई 1963 को भारत विकास परिषद् की विधिवत स्थापना की गयी। दिल्ली के भूतपूर्व महापौर लाला हंसराज गुप्ता एवं डॉ सूरज प्रकाश ने इस संस्था की नीव रखी। भाविप की आस्था मातृभूमि के प्रति समर्पण और भारतीय जीवन मूल्यों पर आधारित है। इन्हीं मूल्यों के संवर्धन के लिए संपर्क,सहयोग,संस्कार,सेवा एवं समर्पण ये पांच ध्येयपूर्ण प्रेरक तत्व इसके अविभाज्य अंग बन गए हैं।

भाविप दिल्ली प्रदेश उत्तर के अध्यक्ष श्री राजकुमार जैन एवं महासचिव श्री संजीव मिगलानी ने बताया कि 1963 में दिल्ली से प्रारंभ एक शाखा से अब देश-विदेश में भारत विकास परिषद् की लगभग1200 से भी अधिक शाखाओं का जाल फैला है। इसके एक लाख से भी अधिक सदस्य भारतीय जनमानस के सर्वांगीण विकास में संलग्न है। भारत विकास परिषद् संस्कार एवं सेवा परियोजना के द्वारा समाज उत्थान में जुटा है। संस्कार योजना के तहत जहां बाल संस्कार शिविर, राष्ट्रीय संस्कृत गीत प्रतियोगिता, भारत को जानो, युवा संस्कार शिविर, परिवार संस्कार शिविर सहित बच्चों, युवाओं, महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिक के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाया जाता है वहीँ सेवा योजना के द्वारा विकलांगो का कल्याण, पुनर्वास, आदिवासी विकास, गाँव और शहरी- झोपड़ी विकास, सामूहिक सरल विवाह आदि कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। परिषद् साल दर साल अपने 13 केन्द्रों के द्वारा विकलांग लोगो को मुफ्त मे कृत्रिम पैर भी उपलब्ध करती है।