नई दिल्ली – एम्स के डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र के पूर्व निदेशक तथा विश्व-प्रसिद्ध रेटिना विशेषज्ञ डॉ. राजवर्धन आज़ाद ने राजधानी में आयोजित एक प्रतिष्ठित समारोह में अपनी नवीनतम काव्य कृति “आयुष्य” का लोकार्पण किया।
इस पुस्तक पर पूर्व सांसद एवं कवि जनार्दन द्विवेदी, जेएनयू की प्रोफेसर वंदना झा सहित कई विद्वानों ने विचार व्यक्त किए और इसे भारतीय जीवन, समाज तथा संस्कृति का काव्यात्मक दस्तावेज़ बताया।
विश्वभर में 30,000 से अधिक रेटिना सर्जरी कर चुके डॉ. आज़ाद ने अपनी चिकित्सकीय सूक्ष्मता को काव्यात्मक दृष्टि से जोड़ते हुए “आयुष्य” में जन्म से मृत्यु तक मानव जीवन की यात्रा को रेखांकित किया है, जिसमें पारिवारिक स्मृतियाँ, परंपराएँ, आध्यात्मिकता और सामाजिक यथार्थ झलकते हैं।
नीम का शहद, आरंभ और पोएम्स ऑन बोर्ड जैसी पूर्ववर्ती कृतियों के लिए प्रसिद्ध डॉ. आज़ाद की रचनाएँ हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में फैली हुई हैं, जो उन्हें एक बहुमुखी साहित्यकार और सार्थक सामाजिक परिवर्तन के प्रति समर्पित स्वर के रूप में स्थापित करती हैं।