द्वारका श्री रामलीला 2025 : भक्ति, मर्यादा और संस्कृति का विश्व स्तरीय उत्सवआठवीं रात्रि का अद्भुत मंचन – बाली वध से लंका दहन तक रोमांचक प्रसंगों ने भाव विभोर किया जनसमुदाय को

भारतभूमि की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को सजीव करती द्वारका श्री रामलीला सोसायटी (पंजी) द्वारा आयोजित 14वीं द्वारका श्री रामलीला मंचन एवं भव्य मेला में इन दिनों भक्तिभाव और जनसमर्पण की अविस्मरणीय झलक देखने को मिल रही है

चेयरमैन एवं मुख्य संरक्षक श्री आकाश राजेश गहलोत और उनकी समर्पित टीम के मार्गदर्शन में इस वर्ष की रामलीला को विश्व स्तरीय रामलीला का स्वरूप दिया गया है जहाँ मंचन की भव्यता, तकनीकी साज सज्जा और सांस्कृतिक प्रस्तुति दर्शकों को आध्यात्मिक अनुभूति करवा रही है

द्वारका श्री रामलीला सोसायटी (पंजी) द्वारा आयोजित 14वीं द्वारका श्री रामलीला में सोमवार रात आठवीं रात्रि का मंचन हुआ। बाली वध, अशोक वाटिका, मेघनाथ-हनुमान संवाद और लंका दहन जैसे प्रसंगों ने हजारों दर्शकों को भावविभोर कर दिया। पूरा परिसर जय श्रीराम और जय बजरंगबली के उद्घोष से गुंजायमान रहा। आयोजन को चेयरमैन एवं मुख्य संरक्षक आकाश राजेश गहलोत के मार्गदर्शन में आधुनिक तकनीक, LED, साउंड सिस्टम और 3D विजुअल इफेक्ट्स से विशेष रूप से सजाया गया है। प्रतिदिन की तरह इस दिन भी राजनेता, अधिकारी, संत और समाजसेवी उपस्थित रहे और अनुशासन व सांस्कृतिक गरिमा की सराहना की। गहलोत ने कहा कि उद्देश्य केवल मंचन करना नहीं, बल्कि दर्शकों के भीतर श्रीराम के आदर्शों को जागृत करना है। दर्शकों के लिए सुरक्षा, पार्किंग, सेवा शिविर, भंडारा, बच्चों के लिए झूले और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।

लंका दहन का दृश्य जब मंच पर आया, तो प्रकाश और ध्वनि प्रभावों के साथ अद्भुत दृश्यावलियों ने पूरे पंडाल को झकझोर दिया हजारों की संख्या में उपस्थित रामभक्तों ने जय बजरंगबली और जय श्री राम के जयघोषों से वातावरण को पवित्र बना दिया
राजनेता, अधिकारी और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति इस अवसर पर मंचन स्थल पर प्रतिदिन की भांति इस रात्रि भी अनेक राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी, धार्मिक संत, एवं समाजसेवी पधारे उन्होंने द्वारका श्री रामलीला के आयोजन की अनुशासन, सुरक्षा व्यवस्था और सांस्कृतिक गरिमा की सराहना करते हुए कहा कि यह रामलीला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में मर्यादा, भक्ति और एकता का संदेश देने वाला आध्यात्मिक आंदोलन है

श्री आकाश राजेश गहलोत का संदेश
चेयरमैन एवं मुख्य संरक्षक श्री आकाश राजेश गहलोत ने कहा हमारा उद्देश्य केवल श्री राम की लीला का मंचन करना नहीं, बल्कि हर दर्शक के भीतर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के आदर्शों को जागृत करना है द्वारका श्री रामलीला देश की राजधानी ही नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बन चुकी है उन्होंने बताया कि इस बार आयोजन को और अधिक भव्य बनाने के लिए आधुनिक LED तकनीक, साउंड सिस्टम, 3D विजुअल इफेक्ट्स और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को सम्मिलित किया गया है

सुरक्षा, सेवा और सुविधा का उत्तम संयोजन- दर्शकों की सुविधा के लिए सुरक्षा के सख्त इंतजाम, पार्किंग व्यवस्था, सेवा शिविर और भंडारा प्रसाद का आयोजन किया गया है हर वर्ग और हर उम्र के भक्त इस आयोजन का आनंद ले रहे हैं, बच्चों के लिए झूले और खेल क्षेत्र, महिलाओं के लिए विशेष प्रांगण और वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरामदायक बैठक व्यवस्था की गई हैसंवाददाता की विशेष कवरेज
इस आयोजन की विशेष रिपोर्टिंग कर रहे हैं संवाददाता श्री ओमपाल प्रसाद, जिन्होंने इस अवसर पर आयोजन समिति और आगंतुक अतिथियों से खास बातचीत की उन्होंने बताया कि द्वारका श्री रामलीला अपने अनुशासन, दिव्यता और समर्पण भावना के कारण अब देशभर में सर्वश्रेष्ठ रामलीलाओं में गिनी जाती है