भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले फिल्मकार मृणाल सेन को उनके आकस्मिक निधन पर नेशनल मीडिया नेटवर्क के अध्यक्ष दयानंद वत्स ने किए श्रद्धा सुमन अर्पित

अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ एवं नेशनल मीडिया नेटवर्क के राष्ट्रीय अध्यक्ष दयानंद वत्स ने आज सुप्रसिद्व फिल्म निर्माता और निर्देशक मृणाल सेन के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक जताते हुए इसे भारतीय सिनेमा की अपूरणीय क्षति बताया है। मृणाल सेन को याद करते हुए श्री दयानंद वत्स ने कहा कि अपने साढे चार दशक के फिल्म निर्माण कैरियर में मध्यमवर्गीय समाज की समस्याओं पर यथार्थपरक फिल्में बनाकर समानांतर सिनेमा को नई दिशा प्रदान की। वत्स ने सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले फिल्मकार मृणाल सेन को उनके आकस्मिक निधन पर नेशनल मीडिया नेटवर्क की और से अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वत्स ने कहा कि उन्होने लगभग 18 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अर्जित किए। दादा साहब फालके अवार्ड से नवाजे गए। मिथुन चक्रवर्ती को उनकी पहली फिल्म मृग्या के लिए जो राष्ट्रीय पुरस्कार मिला उसे मृणाल सेन ने ही बनाया था। भुवन सोमे बनाने वाले मृणाल सेन इकलौते ऐसे भारतीय फिल्मकार थे जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के सभी फिल्म समारोहों में सम्मानित किया गया। मास्को मेंं उन्हें ऑर्डर ऑफ फ्रेंडशिप से राष्ट्रपति पुतिन ने सम्मानित किया। उन्हें फिल्मफेयर से भी नवाजा गया था। वत्स ने कहा कि महान फिल्मकार सत्यजीत रे और ऋत्विक घटक के बाद समानांतर सिनेमा का यह आखिरी स्तंभ भी आज गिर गया है। उनके निधन से आज यथार्थ परक फिल्मों का स्वर्णिम युग समाप्त हो गया है।