Category: Lockdown

अध्यात्मिकता र पुस्तकमा प्रेमशाश्त्र

अन्जना पौडेल अनुश्रुति प्रेम एउटा यस्तो अमृत हो, जस्मा भावनाको मीठास घोलीएको हुन्छ । भावना वीनाको प्रेम मृत प्राय हुन्छ । जून कुरा केवल महसुस गर्न सकिन्छ, देख्न, छुन …

देशभर में शहीद हुए कोरोना योद्धाओं को 35 हज़ार एसीटीएफ स्वयंसेवकों ने दो मिनट का मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

DwarkaParichay.com Newsdesk अखिल भारतीय प्रधान संगठन की स्वायत संस्था एंटी कोरोना टास्क फ़ोर्स ने देशभर में अब तक कोरोना महामारी के कारण मारे गए सभी डॉक्टरों,नर्सों,पुलिसकर्मियों,पत्रकारों,सफाई कर्मचारियों समेत आम …

लाॅकडाउन में दिल्ली पुलिस, आरजेएस फैमिली और बंधु इंडिया ने दिल्ली में चालीसवें दिन जरूरतमंदों को भोजन कराया

दिल्ली/ देश में कोरोना-लाॅकडाउन के डेढ़ महीने बीत गए। इस महामारी से बचने के लिए लोग घरों में सुरक्षित रह रहे हैं। लोगों के काम धंधे बंद‌ हैं। कमाई …

एसीटीएफ की डीजिटल मुहिम चलो घर चलें काफी कारगर सिद्ध हो रही है : डॉ.के.के झा

लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए एंटी कोरोना टॉस्क फोर्स की ओर से शुरू की गई डीजिटल …

डीएमए ने झोला छाप डाक्टर को कोविड-19 का इलाज करते पकड़ा, एफआईआर दर्ज

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन दिल्ली शहर में क्वैक प्रथाओं के बारे में गहराई से चिंतित है। झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। डॉ अरविंद चोपड़ा  राज्य …

पत्रकारों की छंटनी की समस्या को अविलंब दूर करे श्रम मंत्रालय : के पी मलिक

Dwarka Parichay Newsdesk कोरोना वायरस की  स्थिति में लॉकडाउन के मद्देनजर छोटे बड़े  मीडिया संस्थानों के पत्रकारों की छंटनी व वेतन कटौती के संबंध में केंद्र सरकार को इस गंभीर विषय पर तत्काल कार्यवाही …

प्रकृतिको खुसी शाश्त्र

अन्जना पौडेल ‘अनुश्रुति‘ ओ झरी, नझरी देउ यसरी । नविन भट्टराइको यो गीतले मनमा झंकार पैदा गरिरहेको छ । कोरोनाले दिएको सुविधा उपयोग गर्दे बन्द कोठा भित्र कोरोना बन्दी …

सूझबूझ और सलीका !

माता पिता हमेशा अपने बच्चों को अपने समर्था से बढ़कर ही सुख, सहूलतें और सुविधाएँ देने का प्रयास करते हैं , वह चाहते हैं कि उनका बच्चा अपनी जिन्दगी  में  उस मुकाम …

पितृसत्तात्मक संरचना से उपर कि सोच “ मानवता ”

नितू अग्रहरीरामग्राम, परासी विश्वभर फैला हुवा कोरोना भाइरस (कोभिड–१९) का संक्रमण से मानव जाति को पहुँचा क्षति का कारण प्रश्न उठा है कि आधा विश्व लकडाउन में रख्ने के …

यात्रा – कविता “शोभा न्यौपाने”

धेरै थाकीसकें म,मैले विश्राम लिनैं पर्छधेरै हिडिसकें म, अव यात्रा टुंग्याउनु पर्छमैले निश्चय गरिसकेको थिएँत्यसबेलाको मेरो सोचाइ, दृष्टिकोणबिलकुल फरक थियो ।स्वयं म पनि फरक थिएंमेरो यात्रा पनि बेग्लै थियोहो,म …