UNIVERSITIES MUST PROMOTE PLURALISM, MUST STRENGTHEN DEMOCRATIC CULTURE

UNIVERSITIES MUST PROMOTE PLURALISM, MUST STRENGTHEN DEMOCRATIC CULTURE, WORK FOR FUTURISTIC ACADEMIC ENVIRON, BUILD UP ICT INFRASTRUCTURE AS WELL AS ACT AS FACILITATOR OF EGALITARIAN SOCIETY: FORMER UGC CHAIRPERSON DR. VED PRAKASH

रोहतक, 29 अप्रैल। शिक्षण संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों में बहुलतावादी समावेशी सोच बेहद जरूरी है। कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति के दृष्टिगत उच्चतर शिक्षा विभाग के शिक्षण संस्थानों को भविष्योन्मुखी दृष्टि अपनाते हुए आनलाइन शिक्षण पद्धति पर अधिक फोकस करना होगा तथा आईसीटी इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करना होगा। साथ ही, विद्यार्थियों के शैक्षणिक क्षितिज के विस्तारण के लिए कार्य करना होगा। ये विचार प्रतिष्ठित शिक्षाविद तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष डा. वेदप्रकाश ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) द्वारा आयोजित आनलाइन व्याख्यानमाला कार्यक्रम में व्यक्त किए।

डा. वेदप्रकाश ने ‘कोविड-19 का भारतीय उच्चतर शिक्षा पर प्रभाव’ विषयक व्याख्यान दिया।

डा. वेदप्रकाश ने अपने विद्वतापूर्ण व्याख्यान में कहा कि विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को नए परिदृश्य के अनुसार अनुकूलन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भविष्य में परीक्षा संचालन तथा परीक्षा मूल्याँकन के तौर-तरीकों में भी बदलाव होगा। उन्होंने विशेष रूप से आनलाइन प्रोक्टरड परीक्षा का उल्लेख किया।

यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष डा. वेदप्रकाश ने कहा कि शिक्षा मूल्यों तथा गुणों से निरपेक्ष नहीं हो सकती है। विशेष रूप से समतामूलक समाज की स्थापना में उच्चतर शिक्षण संस्थानों की भूमिका की चर्चा डा. वेदप्रकाश ने की।

मदवि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि मदवि डिजीटल शिक्षण पद्धति को बढ़ावा देने के लिए डिजीटल लर्निंग सेंटर के तत्वावधान में कई नई पहल कर रहा है। विश्वविद्यालय में डिजीटल लाउंज की स्थापना की जा रही है। उन्होंने टैक्नोलोजी एनेब्लड ब्लेंडेड लर्निंग की पुरजोर वकालत की।

कार्यक्रम के प्रारंभ में डीन, एकेडमिक एफेयरस प्रो. नीना सिंह ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए जा रहे – ‘रिइमेजिनिंग एजुकेशन इन द टाइम्स ऑफ पैनडैमिक्स ऐंड बियोंड’ विषयक व्याख्यानमाला के थीम पर प्रकाश डाला। संचालन तथा आभार प्रदर्शन डा. दिव्या मल्हान ने किया।

हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय (महेन्द्रगढ़) के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़, इनफ्लिबनेट के निदेशक प्रो. जे.पी. सिंह जुडैल, आरजी यूनिवर्सिटी, गुवाहटी (असम) के कुलपति प्रो. एस.पी. सिंह समेत अन्य कई प्रतिष्ठित शिक्षाविद इस व्याख्यानमाला कार्यक्रम में शामिल हुए। विवि के संकाय अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, फैकल्टी सदस्य, स्टैच्युटरी अधिकारी, संबद्ध महाविद्यलयों के प्राचार्यगण इस व्याख्यान कार्यक्रम में शामिल हुए