मैं अपना पूरा जीवन फिल्मों को ही देना चाहता हूँ : राहुल तिवारी

फिल्म एडिटर एवं निर्देशक राहुल तिवारी ने मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री में बहुत जल्द ही अपनी एक अलग पहचान बना ली है। उनकी बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अब उन्हें देसी फिल्मों में ही नहीं अब वेब सीरीज के माध्यम से देश विदेश में धमाल मचाने जा रहे हैं। वालीवुड में अपनी पहचान कायम रखने के लिए एडिटर राहुल तिवारी दिन रात मेहनत कर रहे हैं। रंगमंच पर बिना रीटेक किये अपने अभिनय से अमिट छाप दर्शकों के दिलों पर छोड़ चुके राहुल तिवारी से वरिष्ठ फिल्म समीक्षक एवं पत्रकार अशोक कुमार निर्भय ने दिल्ली प्रवास के दौरान बातचीत करके उनके करियर के बारे में जाना। बातचीत में एडिटर एवं निर्देशक राहुल तिवारी ने बताया कि वे पिछले दो दशक से बॉलीवुड में फ़िल्म एडिटर हैं, इनकी फ़िल्मों में “सरकार”, “बनारस” , नवाज़ुद्दीन सि्दीक़ी की “मियाँ कल आना”,इश्माइल दरबार की फ़िल्म “ये कैसा तिगड़म” , कुमुद मिश्रा अभिनीत शार्ट फिल्म “उटपटांग”, राजीव सुर्ती अभिनीत “एक्सेप्टेन्स”,यशपाल शर्मा की डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म “आमो आखा एक से”, ऋषिता भट्ट की “एक्स ज़ोन” आदि आ चुकी है।

राहुल तिवारी ने ट्रेलर और फ़िल्म एडिट करने का भी काम बखूबी किया हैं। राहुल तिवारी ने बताया कि उन्होंने भाग्य विधाता सीरियल में नेगेटिव कैरेक्टर में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। एक्टर असरानी जी के साथ भी एक कॉमेडी सीरियल में उनके बेटे की भूमिका निभाई थी। राहुल ने बताया कि उन्होंने अभी तक चार फ़िल्मो में अपना निर्देशन दिया। इनकी फ़िल्में ह्यूमन ट्रैफिकिंग , क़बूल, नो, और अब “13 ट्रीब्युट ऑफ़ लव ” जैसी फ़िल्मों का निर्देशन भी किया है जो राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में बहुत सराही गयी थी । आपको बता दें कि राहुल तिवारी फ़िल्म इंडस्ट्री में सक्रीय एडिटर/डायरेक्टर हैं। राहुल तिवारी के फ़िल्मों का काम हमेशा ही बिजी रहता है एक पल की फुर्सत नहीं मिलती। उन्होंने बताया कि मैं अपना पूरा जीवन फिल्मों को ही देना चाहता हूँ। हाल ही में राहुल तिवारी ने  एक नई फ़िल्म की स्क्रिप्ट लिखी है ‘अमेरिका कहां है’ जिसके लिए कॉर्पोरेट और फ़िल्म प्रोडूसर्स से लगातार मिल रहे हैं और ये 2 स्किप्र्ट वेबसिरिज की भी शूटिंग करने जा रहे हैं।