आमतौर पर पुरुषों को होने वाली अनुवांशिक बीमारी है हीमोफीलिया , जिसके चलते चोट व दुर्घटना में अत्यधिक रक्त स्राव से चिंता जनक स्थिति हो जाती है ।राम जानकी संस्थान आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि सकारात्मक भारत मिशन के अंतर्गत 25 अप्रैल को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर और हीमोफीलिया सेंटर, एलएनजेपी के प्रमुख डॉ नरेश गुप्ता के साथ आरजेएस की 59वीं बैठक का आयोजन किया गया।
डॉ गुप्ता ने बताया कि हीमोफीलिया में शरीर में प्रोटीन फैक्टर की कमी होने से मरीजों में रक्त का थक्का नहीं बनता,जिसका नि:शुल्क ईलाज लोकनायक अस्पताल और देश के अस्पतालों मे उपलब्ध है ।इस बीमारी के प्रति जागरुकता के लिए 17 अप्रैल 1989 से विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है ।इस बीमारी के प्रति जागरूकता के लिए हीमोफीलिया सोसाइटी के सहयोग से मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया।डा. गुप्ता ने बताया कि रोगियों का पंजीकरण लोकनायक अस्पताल के हीमोफीलिया सेंटर में सीधे किया जाता है और तीन महीने का प्रशिक्षण देकर उनकी सहायता की जाती है।मरीजों को स्वयं इंजेक्शन लगाने का प्रशिक्षण , मनोवैज्ञानिक , फिजियोथेरेपी के अलावा योग का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
हीमोफीलिया के साथ भी मरीज बेहतर और समान्य जीवन जी सकता है। बैठक में आरजेएस पाॅजिटिव के जयप्रकाश श्रीवास्तव, अशोक धवन, अमर कुमार,संजय माही, ब्रह्मानंद झा और आरजेएस स्टार रेशम दयाल-दीन दयाल और हीमोफीलिया के मरीज और उनके परिवार जन भी उपस्थित रहे।