हिन्दी दिवस और पितरों के सम्मान के साथ आरजेएस का पटना में राष्ट्रीय कार्यक्रम संपन्न. में राष्ट्रीय कार्यक्रम संपन्न

 पूर्व राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद की सकारात्मक सोच से स्थापित बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन सभागार पटना में राम जानकी संस्थान नई दिल्ली का राष्ट्रीय कार्यक्रम हिन्दी दिवस और पितरों के सम्मान के साथ डा.अनिल सुलभ की अध्यक्षता में संपन्न हो गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने कहा कि आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान के प्रदाताओं ने अपने पूर्वजों की स्मृति में महापुरुषों के नाम सकारात्मक व्यक्तित्वों को राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया। अतिथियों का स्वागत आरजेएस सूचना केंद्र,पटना के प्रभारी और राष्ट्रीय सम्मान के प्रदाता ओमप्रकाश झुनझुनवाला ने किया ।

“खुदा का शुक्र है साहिबान रोशन है , हमारे मुल्क में जन्नत निशान रोशन है । अजीब दर्द का रिश्ता है अपनी मिट्टी से, हमारी आंख में हिंदुस्तान रोशन है।” अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायर क़ासिम खुर्शीद की शेरों-शायरी से कार्यक्रम का आगाज हुआ। कार्यक्रम में श्री खुर्शीद को संत कबीर राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया।

तत्पश्चात् विशिष्ट अतिथि पालिका विनायक हॉस्पिटल के निदेशक डॉ बी झा मृणाल ने कहा कि गिलास आधा खाली है की जगह, आधा भरा है की  सोच का संकल्प समाज को सकारात्मक बना सकता है। डा झा को  शहीद भगत सिंह राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया। विशिष्ट अतिथि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में नैनो टेक्नोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष और रजिस्ट्रार डॉ राकेश कुमार सिंह ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होने के साथ-साथ दीपक भी है , जो समाज को उद्दीप्त कर सकता है। विज्ञान के साथ-साथ साहित्य से समाज आलोकित होता है। डा. राकेश को स्टीफन विलियम हाॅकिंग राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया। मुख्य अतिथि अतिथि एमएसएमई (डीएफओ) पटना , एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार में निदेशक प्रदीप कुमार ने कहा कि आरजेएस के साथ जो सचमुच जुड़ जाता है, वह कभी अशांत नहीं रहेगा, क्योंकि सकारात्मक सोच में एक गहराई होती है जो सुख-शांति प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में हिंदी ही भारत को उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के निवासियों को हिंदी भाषा ही एकसूत्र में जोड़ सकती है। श्री प्रदीप कुमार को डा.एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल शिवम ने कहा अच्छे काम करें और अच्छे कार्यों को प्रचारित प्रसारित करें क्योंकि आज समाज को प्रेरित करने की आवश्यकता है “खबरें सच्ची-सच्ची केवल अच्छी अच्छी” का सकारात्मक संदेश देने के अपने प्रयासों का जिक्र किया । उन्होंने देशवासियों से हिंदी को अपने दिलों में जगह देने  का आह्वान किया ।डा सुलभ को डा.राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया। 

आरजेएस के मंच से  राजनीतिज्ञ मधु मंजरी को सकारात्मक राजनीति करने की अपेक्षा के साथ सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि दिल्ली में सकारात्मक भारत-उदय भवन के निर्माण का भूमि पूजन किया जाएगा।

कार्यक्रम फीजिकल और वर्चुअल आयोजित किया गया , जिसमें आरजेएस टेक्निकल टीम दिल्ली का सहयोग रहा। मंच संचालन सुमन कुमारी और राष्ट्रीय सम्मान की प्रदाता डा. मुन्नी कुमारी ने किया। 

राष्ट्रीय सम्मान2022 के प्रदाताओं में डा.सत्येंद्र सिंह -इंदू सिंह,रोजी एंथोनी-स्वाति ओस्ता,डा.मुन्नी कुमारी, कुमार राजन-श्रीमती कामिनी कुमुद, अनिल परमार,श्री रंजीत कुमार, रत्नाभ प्रसाद  और  श्रीमती प्रियंका सिन्हा आदि ने अपने पूर्वजों की स्मृति में मंच पर सम्मान प्रदान किया। राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने वालों में  विभूति विक्रमादित्य, संजीव आजाद ,वैभव भारद्वाज, दिलीप वर्मा, प्रदीप प्रियदर्शी,विनोद रंजन, संतोष शर्मा, बिहार आर्ट थियेटर से आलोक दा,रवि मौर्या(उपस्थिति -विष्णु चंद) और आकांक्षा आदि शामिल रहे ।

कार्यक्रम की व्यवस्था आकांक्षा, अनुराधा सिंह, प्रियंका सिन्हा, कामिनी माथुर, दिलीप वर्मा आदि ने किया। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभी स्टाफ व्यवस्था को बनाए रखने में सहायक सिद्ध हुए।

बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों से आए सौ ऊपर सम्मानीय लोगों ने सकारात्मक भारत-उदय संकल्प लिया और एक साथ लजीज भोजन का आनंद‌ लिया। लोगों को आरजेएस का सकारात्मक मंच इतना अच्छा लगा कि कई लोग वैचारिक क्रांति के इस मंच से जुड़ गए।